मध्यप्रदेश: प्रशासन की मुस्तैदी में दलित दूल्हे की घोड़ी पर बैठाकर निकाली गई थी बिंदोरी, शादी के बाद ख़ामियाज़ा भुगत रहा परिवार

प्रशासन की मुस्तैदी में दलित दूल्हे की घोड़ी पर बैठाकर निकाली गई थी बिंदोरी / फोटो - नाज़िर हुसैन, द मूकनायक
प्रशासन की मुस्तैदी में दलित दूल्हे की घोड़ी पर बैठाकर निकाली गई थी बिंदोरी / फोटो - नाज़िर हुसैन, द मूकनायक
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प्रशासन की मौजूदगी में मंदिर के सामने से दलित दूल्हे की बिंदोरी (बारात) निकाली गई थी। शादी के बाद दूल्हे के घर पर पत्थर फेंकने और परिजनों को प्रताड़ित करने का आरोप।

मध्यप्रदेश: राजस्थान की सीमा से लगे मध्यप्रदेश के नीमच जिले के मनासा अंतर्गत सारसी गांव में एक दलित परिवार (अनुसूचित जाति) के दूल्हे की बिंदोरी मंदिर के सामने से निकालने के बाद दूल्हे के परिजनों को अब कथित रूप से गांव छुड़वाने की धमकी दी जा रही है।

क्या था पूरा मामला?

27 जनवरी, 2022 को सारसी गांव में राहुल मेघवाल की शादी थी। पिता फकीरचंद मेघवाल का अरमान था कि बेटे की बिंदोरी (बारात) बड़ी धूमधाम से घोड़ी पर निकलेंगे, लेकिन उन्हें यह भी डर था कि लोग उसमें अड़चन पैदा करेंगे। मामले में, मीणा समाज के लोगों का कहना था कि आप बिंदोरी निकालो मगर मंदिर के सामने दूल्हे को घोड़ी पर से उतर कर पैदल निकलना होगा जो फकीरचन्द और उनके परिवार को मंजूर नहीं था।

इस मामले में दूल्हे के परिजनों ने नीमच प्रशासन से सुरक्षा की मांग कि, शासन और प्रशासन के सहयोग से बिंदोरी (बारात) तो बिना किसी विवाद के निकल गई और सकुशल दुल्हन भी शादी करके घर आ गई लेकिन उसके बाद से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और यह अभी भी जारी है।

शादी के बाद घर पर फेंके जा रहे पत्थर

मामले पर द मूकनायक को राहुल मेघवाल ने बताया कि, "मेरी शादी को लगभग 2 महीने से ऊपर हो गए हैं, और तब से लेकर आज तक रोज हमारे घर पर पत्थर फेंकने का क्रम जारी है। जब हम घर से बाहर निकल कर देखते हैं तो कोई नजर नहीं आता, लेकिन जैसे ही घर के अंदर चले जाते हैं तो फिर पत्थर आने लगते हैं। इसको लेकर हमने मनासा थाना और नीमच तक शिकायत की पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, यहां तक कि हमने प्रशासन से मांग की है कि गांव में CCTV कैमरे लगाए जाए और आरोपियों पर ऊचित कारवाई की जाए।"

भीम आर्मी मध्यप्रदेश के अध्यक्ष ने दी आंदोलन की चेतवनी

भाम आर्मी आजाद समाज पार्टी के मध्यप्रदेश के अध्यक्ष सुनील अस्तेय ने मामले में ट्वीट करते हुए लिखा, "दलित दूल्हे ने गांव में घोडी पर बैठ बिनोली निकाली तो गांव के लोगों द्वारा रोज रात, घरों पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। 100-डायल पुलिस रोज आती है, समस्या वैसी बनी है। 27 जनवरी को भीमआर्मी/पुलिस की निगरानी में सरसी गांव बिनोली निकाली थी। न्याय के लिये @collectornemuch का घेराव होगा।"

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, "सवाल है @ChouhanShivraj क्या मध्यप्रदेश में दलित दूल्हों को शान से घोड़ी पर बैठ, बिनोली निकालने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी होगी? आज भीम आर्मी गांव पहुँची, मैने खुद ने बात की है, मै शादी में भी गया था खुद साक्षी हूं। सभी साथी तैयारी करें, गाँव से लेकर नीमच तक जाम होगा।"

इसी मामले पर दलित चिंतक व पत्रकार दिलीप मण्डल लिखतें हैं कि, "भारत में एक दलित अपनी शादी के दिन अपने पैसे से लाई घोड़ी पर बैठे, इसके लिए प्रशासन को ऐसी तैयारी करनी पड़ती है मानो पड़ोसी देश से युद्ध लड़ा जाना है। ये नहीं सुधरेंगे। जो आपको घोड़ी पर बैठा देखने से हिंसक हो जाते हैं, वे आपकी तरक़्क़ी कैसे बर्दाश्त कर लेंगे? लंबा चलेगा संघर्ष।"

पुलिस ने सुरक्षा का दिया आश्वासन

मामले पर द मूकनायक को मनासा थानाधिकारी के एल डांगी ने बताया कि, "राहुल मेघवाल के परिवार द्वारा पत्थर फेंकने को लेकर लिखित शिकायत दी गई है जिस पर मैं और एसडीएम साहब खुद सारसी गांव में परिवार से मिलकर आए हैं, और उनकी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की तथा मामले की तफ्तीश जारी है।"

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