भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर में बजरंग दल के एक जुलूस में शामिल मनबढ़ लोगों ने पहले तो वहाँ स्थापित डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी, फिर दलितों पर हमला बोल दिया। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है। सीहोर जिले के इछावर थाना क्षेत्र के बरखेड़ा कुर्मी गांव में गत मंगलवार को एक धार्मिक जुलूस के दौरान यह घटना हुई।
पुलिस के अनुसार बजरंग दल के लोगों की भीड़ ने आंबेडकर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने के बाद दलितों के घरों को भी क्षतिग्रस्त किया। बजरंग दल का कहना है कि इन लोगों ने हनुमान ध्वज को नुकसान पहुंचाया था और पुजारी के साथ बदसलूकी की थी। बजरंग दल के जुलूस में शामिल लोगों ने दलितों को कतिथ जाति सूचक गालियां भी दी थीं।
इछावर पुलिस थाना प्रभारी ऊषा मरावी ने द मूकनायक से बातचीत में बताया कि गाँव में धार्मिक जुलूस बजरंग दल के कार्यकरताओं ने निकाला था। उसी में शामिल पांच लोगों ने अंबेडकर की मूर्ति पर हमला कर दिया। इसके पहले एक ग्रामीण ने नशे की हालत में हनुमान ध्वज ले जा रहे पुजारी पर डंडे से वार कर दिया। झंडे के ऊपर हनुमान की तस्वीर लगी हुई थी, जो क्षतिग्रस्त हो गई। उसी के कारण भीड़ भड़क गई।
पुलिस के मुताबिक आईपीसी की कई धाराओं के तहत इछावर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें आरोपियों के खिलाफ मारपीट सहित अनुसूचित जाति जनजाति की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने हमला करने बाले अजय राठौड़, शेरू वर्मा, सुक्का वर्मा, रवि माली और कुलदीप के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
भीम युवा संगठन के मनोज मालवीय ने बताया कि हमारे संगठन के सदस्यों ने डॉ अंबेडकर प्रतिमा को हुए नुकसान का सर्वेक्षण किया, जिसमें ये पाया गया है कि प्रतिमा के गर्दन के आस-पास में दरारें आ गई थीं। मनोज ने बताया की अंबेडकर की प्रतिमा को अप्रैल में स्थापित किया गया था। मामले का मुख्य आरोपी अजय राठौड़ ने कथित तौर पर उस वक्त इसके स्थापना पर भी आपत्ति जताई थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बजरंग दल का सदस्य राठौड़ भी शामिल है। मनोज मालवीय ने इस घटना की शिकायत पुलिस में की थी।
आरोपी अजय राठौड़ के पिता, गोरेलाल राठौड़ ने कहा है कि उनका बेटा दो साल से बजरंग दल के साथ है और अपने क्षेत्र में काम करने को लेकर ज्यादातर मीटिंग्स में भाग लेता है। उन्होंने बताया कि हनुमान की तस्वीर क्षतिग्रस्त होने पर झगड़ा हुआ और मेरा बेटा जय श्री राम के नारे लगाते हुए एक समूह के साथ आया। अंबेडकर की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए वो जिम्मेदार नहीं है। अगर प्रधानमंत्री खुद डॉ. अंबेडकर का सम्मान करते हैं तो हमें क्या दिक्कत है? जब प्रतिमा स्थापित की गई तो मैं स्वयं उपस्थित था। उन्होंने हम सभी के लिए संविधान लिखा।
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