जयपुर। जोधपुर शहर में जयनारायण व्यास विश्व विद्यालय के ओल्ड कैम्पस खैल मैदान में 16 जुलाई को 16 वर्षीय दलित किशोरी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घटना की जांच रिकॉर्ड 9 दिनों में पूरी कर बुधवार को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी। पॉक्सो कोर्ट जोधपुर महानगर ने चालान को रिपोर्ट में रखा है। न्यायालय ने सुनवाई की आगामी तारीख एक अगस्त दी है।
दलित नाबालिग लडक़ी से सामूहिक बलात्कार के मामले में पहले पांच घंटे में आरोपियों की गिफ्तारी और महज नौ दिन में जांच पूरी कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने पर जोधपुर ईस्ट डीसीपी डॉ. अमृता दुहन और उनकी टीम की हर तरफ तारीफ हो रही है। यह भी सच है कि इतने कम समय में अलग-अलग विभागों से रिपोर्ट लेकर साक्ष्य जुटाने में पुलिस को पसीना बहना पड़ा है। हालांकि पुलिस के साक्ष्य न्यायालय में कितने प्रभावी साबित हो पाएंगे, यह वक्त ही बताएगा।
पुलिस ने बलात्कार की पुष्टि के लिए जैविक साक्ष्य जुटाए हैं। यह बलात्कार के आरोपियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। आपको बता दें कि बलात्कार की घटना के बाद पुलिस ने डीएनए टेस्ट भी करवाया था। बीते दिनों पुलिस को डीएनए रिपोर्ट मिल चुकी है। पुलिस का दावा है कि डीएनए रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है।
जैविक सबूतों के अलावा पुलिस ने किशोरी के बयानों के साथ ही मोबाईल फोन की लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य तकनीकी सबूतों और जैविक जांच में बलात्कार की पुष्टि होने के सबूतों को आधार बनाकर न्यायालय में पेश की गई चार्जशीट में नाबालिग से सामूहिक बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी लगाई है। न्यायालय में दोष सिद्ध होने पर सामूहिक बलात्कार के आरोपी समंदर सिंह भाटी, धर्मपाल सिंह और भट्टम सिंह अपने शेष प्राकृतिक जीवन तक यानी मरते दम तक जेल में रहेंगे। चौथा व्यक्ति नाबालिग लडक़ी से छेड़छाड़ का आरोपी गेस्टहाउस कर्मी सुरेश को भी सात साल की सजा हो सकती है।
नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार मामले में बुधवार को पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट जोधपुर महानगर में चार्जशीट दखिल की। इस दौरान दौरान चारों आरोपियों की ओर से कोई वकील न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ। माना जा रहा है कि सरकार आरोपियों की ओर से अगली पेशी तक अलग से स्पेशल एडवोकेट नियुक्त कर सकती है।
पुलिस के अनुसार अजमेर जिले से एक 16 वर्षीय दलित किशोरी अपने 17 वर्षीय किशोर साथी के साथ 15 जुलाई शनिवार रात साढे दस बजे जोधपुर पहुंची थी। रात गुजारने के लिए दोनो होटल खोज रहे थे, लेकिन पहचान पत्र नहीं होने से किसी ने भी इन्हें होटल नहीं दिया। होटल तलाशने के दौरान एक गेस्ट हाउसकर्मी ने किशोरी के साथ अभद्रता भी की। यहां से परेशान होकर दोनों एक चौराहे पर बैठ गए। आरोपी समंदर सिंह भाटी, धर्मपाल सिंह और भट्टम सिंह ने आकर आधी रात बाद मुख्य सड़क पर बैठे इन नाबालिग लड़का-लड़की से देर रात इस तरह बाहर बैठने के बारे में पूछा। दोनों घबरा गए। इस पर आरोपियों ने पहले हमदर्दी दिखाते हुए मदद का भरोसा दिलया। किशोरी और उसका साथी इंसानियत का चोला ओढ कर आए तीनों हैवानों को पहचान नहीं पाए और इनके झांसे में आकर इनके साथ रेलवे स्टेशन के लिए निकल गए।
आरोपी 15 और 16 जुलाई की मध्य रात्रि को नाबालिगों को जयनारायण व्यास विश्व विद्यालय के ओल्ड कैम्पस में ले गए। जहां पहुंचते ही आरोपियों ने किशोर को बंधक बनाकर पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उसी के सामने किशोरी के साथ बारी-बारी से बलात्कार करते रहे। सुबह भोर तक आरोपियों ने हैवानियत को अंजाम दिया। इसके बाद दोनों को बदहवास हालत में छोड़ कर भाग गए। सुबह होने पर लोग ओल्ड कैंपस में मोर्निंग वॉक पर आए तो पीड़ितों ने उनके साथ हुई दरिंदगी के बारे में बताया। इसके बाद नागरिकों ने तत्काल पुलिस को सूचित किया।
सूचना मिलते डीसीपी ईस्ट डॉ. अमृता दुहन घटना स्थल पहुंची। सम्बंधित पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई। इसके बाद टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू की। दबिश देकर महज पांच घंटे में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
ओल्ड कैंपस में दलित नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना से समाज में रोष नजर आया। जोधपुर जैसे शहर में हैवानियत की इस घटना के विरोध में सर्वसमाज ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था। घटना के चंद घंटों पहले ही राज्य के पुलिस मुखिया डीजीपी उमेश मिश्रा और राज्य की मुख्य सचिव ने जोधपुर शहर में अपराध नियंत्रण को लेकर बैठक कर अपराधियों को चेतावनी दी थी।
दलित किशोरी के साथ जोधपुर शहर में बलात्कार के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के बाद बहुत कम समय में चार्जशीट दाखिल होने पर द मूकनायक ने जोधपुर ईस्ट डीसीपी डॉ. अमृता दुहन से बात की। डीसीसी डॉ. दुहन ने द मूकनायक से कहा कि "हमारी पुलिस अपराध नियंत्रण व अपराधियों पर शिकंजा कसने में हमेशा तत्पर रही है। इस मामले में भी हमारी टीम ने तत्परता दिखाते हुए गम्भीरता से साक्ष्य जुटाए हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि घटना के तत्काल बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हमारी पुलिस टीम की पहली सफलता थी। इसके बाद हमने हर स्तर पर साक्ष्य जुटाए हैं। पीड़िता के बयानों के साथ ही सभी के मोबाइल फोन लोकेशन, कॉल डिटेल के साथ ही घटना स्थल से एफएसएल जांच के लिए अन्य सबूत भी जुटाए हैं। डीएनए टेस्ट में बलात्कार की पुष्टि होने और हमारे पास सभी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हमने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की है। हमें इस काम में सभी विभागों ने समय पर सहयोग किया है। यह हमारा काम है, इस में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई है।
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