झारखंड। "आज स्कूल में एक शिक्षिका ने मुझे सबके सामने थप्पड़ मारा। पूरे स्कूल के बच्चों के सामने बेइज्जत कर बाहर निकलवा दिया। मैं इस बेइज्जती को सह नहीं पा रही हूं इसलिए खुदकुशी कर रही हूं...।" यह आखिरी शब्द झारखंड के धनबाद जिले के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली दलित छात्रा के थे, जिसने बस बिंदी लगाकर स्कूल जाने पर शिक्षिका की पिटाई से आहात होकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस ने पहले कोई कार्रवाई नहीं की। परिजनों सहित दलित समाज के लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। शव रखकर सड़क जाम किया, तब जाकर पुलिस ने आरोपी शिक्षिका के खिलाफ आईपीसी की धारा-306/34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने आरोपी शिक्षिका की भी गिरफ्तारी कर ली है। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट कर बताया कि एनसीपीसीआर की टीम जांच के लिए धनबाद जाएगी।
झारखंड में धनबाद जिले के तेतुलमारी थाना क्षेत्र में हनुमान गढ़ी क्षेत्र पड़ता है। इस इलाके में उषा कुमारी (17) रहती थी। उषा इसी इलाके में मौजूद एक कॉन्वेंट स्कूल में 10वीं की छात्रा थी। छात्रा अनुसूचित जाति समाज की सदस्य है। जानकारी के मुताबिक छात्रा गत सोमवार को बिंदी लगाकर स्कूल पहुंची, जिससे शिक्षिका ने गुस्से में छात्रा को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद छात्रा फांसी के फंदे पर झूल गई। मंगलवार को परिजनों औऱ ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर प्रदर्शन किया। परिजनों की मांग थी कि शिक्षिका और प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की जाए।पीड़िता ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइट नोट लिखा था, जिसमें उसने प्रिंसिपल और शिक्षिका को जिम्मेदार ठहराया था।
परिजनों ने बताया कि बिटिया स्कूल गई थी, लेकिन थोड़ी ही देर में वापस घर आ गई। बेटी बिंदी लगाकर स्कूल गई थी, शिक्षिका को देखते ही उसने बिंदी हटा दी। लेकिन फिर भी शिक्षिका ने असेंबली में सबके सामने बेटी को चांटा मार दिया। मैंने प्रिसिपल को समझाया, लेकिन फिर भी वे नहीं समझे और बेटी को निकाल दिया। इसी वजह से उसने 11 बजे फांसी लगा ली। मां का कहना है कि मैं न्याय चाहती हूं। सुसाइड नोट में जिनका नाम है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
धनबाद के बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी का कहना है कि पुलिस ने आरोपी शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया है। यह एक गंभीर मसला है। जिला शिक्षा अधिकारी को घटना की जानकारी दी है। मैंने आज पीड़ित पक्ष से भी मुलाकात की है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि बिंदी पहनकर स्कूल आने पर शिक्षिका ने जमकर छात्रा से मारपीट की। छात्रा इससे आहत हो गई। इसलिए उन्होंने आत्महत्या कर ली। एनसीपीसीआर ने मामले में संज्ञान लिया है। टीम जांच के लिए धनबाद जाएगी।
इस मामले में पुलिस किसी भी तरह की कार्रवाई करने से बच रही थी। परिजनों सहित दलित समाज के लोगों ने पोस्टमार्टम के बाद बॉडी मिलने पर उसे सड़क पर रखकर रास्ता जाम कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। यह देख पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। घटना देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने आरोपी शिक्षिका के खिलाफ आईपीसी की धारा-306/34 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
द मूकनायक की टीम ने पीड़ित परिवार से बात की। मृतिका की बहन ने बताया हम तीन भाई बहन थे। उषा सबसे बड़ी थी। उसके बाद मेरा भाई है। मैं घर में सबसे छोटी हूँ। हमारे पिता की कैंसर के कारण अगस्त 2022 में मौत हो गई थी। हमारे रिश्तेदार मिलकर पढ़ाई और घर ख़र्च के लिए हमारी मदद करते हैं।
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