झारखंड। रामगढ़ जिले में पुलिस कस्टडी में दलित युवक की मौत के मामले में दो एएसआई सहित थाने के मुंशी को सस्पेंड कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार चोरी के एक मामले में पुलिस पूछताछ के लिए युवक को थाने ले गई थी। इस दौरान उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। युवक के परिजनों ने थाने की पुलिस पर प्रताड़ना और हत्या का आरोप लगाया था। गत 23 फरवरी को नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने बीजेपी की ओर से इस मामले को विधानसभा में उठाया था। सरकार ने इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
डीएसपी ने कार्रवाई करते हुए दो एएसआई संजय सिंह और उदय यादव और थाने के एक मुंशी की भूमिका को संदिग्ध पाते हुए इनको सस्पेंड कर दिया है।
पूरा मामला झारखडं में रामगढ़ जिले के रामगढ़ थाना इलाके के मालोनी क्लब क्षेत्र के वार्ड नंबर -5 में रहने वाले महेंद्र राम के घर का था। इस मामले को द मूकनायक ने प्रमुखता से उठाया था। गौरतलब है कि अनिकेत भुईयां रामगढ़ के एक होटल में बर्तन सफाई का काम करता था। 21 फरवरी की देर शाम को उसे चोरी के एक मामले में पुलिस पूछताछ के लिए थाना ले कर गई। अगले दिन शाम को अनिकेत के परिजनों को पुलिस ने बताया था कि युवक ने कंबल का कोना फाड़कर थाने के शौचालय में फांसी लगा ली है। इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना और हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा था।
इस मामले में युवक के शव को भी परिजनों ने लेने से इंकार कर दिया था। इस घटना के बाद विपक्षी पार्टी ने सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा था। यह मामला झारखंड विधानसभा में भी उठा था।अनिकेत भुइयां की मौत के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने उसके परिजनों से मुलाकात की थी। बाउरी ने कहा था कि रामगढ़ में दलित युवक की पुलिस हिरासत में हुई मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए। राज्य सरकार के नियम के अनुसार पीड़ित परिवार को तत्काल 15 लाख रुपया मुआवजा, परिवार को आवास और भूमिहीन होने के कारण पीड़ित परिवार को जमीन देने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष के साथ अनुसूचित जाति मोर्चा के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह सिमरिया विधायक किशुन कुमार दास भी ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी और अविलंब कार्रवाई की मांग की थी।
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