जयपुर: इंद्र मेघवाल हत्याकांड की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी (विशेष अनुसंधान दल) का गठन कर दिया है। महानिरीक्षक पुलिस रेंज जोधपुर पी.रामजी ने शुक्रवार देर शाम एक आदेश जारी कर एक आरपीएस अधिकारी के नेतृत्व में दो पुलिस इंस्पेक्टरों को शामिल करते हुए एसआईटी गठित की है।
एसआईटी को जालोर के सायला पुलिस थाने में पंजीकृत मुकदमा 155/2022 धारा 302 व एससी/एसटी एक्ट प्रकरण की की जांच के लिए तत्काल घटना स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए है।
यह अधिकारी होंगे एसआईटी में शामिल
जोधपुर रेंज पुलिस महानिरिक्षक पी. रामजी के अनुसार एसआईटी में सिरोही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवाराम चौधरी, रायपुर (पाली) के पुलिस निरीक्षक जेठाराम एवं पाली सदर थाना अधिकारी रविंद्रसिंह को शामिल किया गया है।
जातीय भेद के कारण दलित छात्र की मौत से जुड़ा है मामला
जालोर जिले के सायला थाने में दर्ज प्रकरण के अनुसार सुराणा गांव के ही देवाराम मेघवाल का 9 वर्षीय बेटा इंद्र मेघवाल निजी शिक्षण संस्थान सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में कक्षा 3 का छात्र था। 20 जुलाई 2022 को स्कूल पढ़ने गया था। पढ़ाई करते समय प्यास लगी तो इंद्र ने हेड मास्टर छैल सिंह के लिए अलग से रखी मटकी से पानी पी लिया। मृतक छात्र के चाचा किशोर का आरोप है कि शिक्षक छैल सिंह सवर्ण जाती से है। जबकि इंद्र दलित है। दलित के हाथों मटकी छूना शिक्षक को बुरा लगा। इसी बात पर शिक्षक ने इंद्र की पिटाई कर दी। घटना के बाद लगातार इलाज चला। 13 अगस्त को अहमदाबाद के अस्पताल में इलाज के दौरान इंद्र की मौत हो गई।
इंद्र की मौत के बाद छुआछूत के आरोपों के साथ सवर्ण शिक्षक के दलित छात्र की मौत को लेकर बवाल मच गया। सामाजिक व राजनैतिक संगठन पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। 5 लाख की आर्थिक मदद के बहाने राज्य सरकार ने दलितों के प्रति हमदर्दी जताने के प्रयास किया, लेकिन सरकारी मदद में भेदभाव के आरोपों के साथ विरोध शुरू हो गया। दलित संगठन पीड़ित परिवार की मदद की मांग करने लगे तो कुछ लोग खुद को 36 कौम के प्रतिनिधि बताकर निष्पक्ष जांच की मांग के बहाने आरोपी शिक्षक की जातीय हमदर्दी बटोरने में जुट गए। सोशल मीडिया पर बयान के बाद जालोर में जातीय टकराव की स्थिति बनी। इसी बीच एक सभा में मौजूद वर्दीधारी ने आपत्तिजनक भाषण पर ताली बजाने का जालोर से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो को लेकर पुलिस की जांच पर सन्देह की आंच आई तो शुक्रवार को एसआईटी का गठन कर दिया गया।
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