इंद्र मेघवाल हत्याकांडः गहलोत सरकार को अपनों ने घेरा, मुआवजा राशि पर रार

पायलट गुट के विरोधी बयानों से गहलोत गुट में बढ़ी हलचल
पायलट गुट के विरोधी बयानों से गहलोत गुट में बढ़ी हलचल
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पायलट गुट के विरोधी बयानों से गहलोत गुट में बढ़ी हलचल, कांग्रेस आलाकमान भी नाखुश

रिपोर्ट- अब्दुल माहिर

जयपुर। जालौर जिले के सुराणा गांव में निजी स्कूल में मटकी से पानी पीने को लेकर शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत मामले में छुआछूत के आरोपों के साथ ही सरकारी आर्थिक सहायता पर भी कांग्रेस सरकार घिरती नजर आ रही है। दलित हत्या पर मुआवजा राशि में भेदभाव के आरोप लगने लगे हैं। सामाजिक संगठन भी सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। विरोध बढ़ता देख पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सीएम अशोक गहलोत के बचाव में उतरते हुए सरकार के अलावा पीड़ित परिवार को 20 लाख की आर्थिक मदद की घोषणा कर दी है। उधर सुराणा पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी दलित अत्याचार के बढ़ते मामलों में अपनी सरकार को इकबाल कायम करने की हिदायत दे डाली। पायलट के बयान के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

यह बोले पायलट

जालौर में दलित छात्र की हत्या के बाद पायलट बीते मंगलवार देर शाम सुराणा गांव पहुंचे थे। पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद पायलट ने अब तक की गई सरकारी कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए कई सवाल भी खड़े किए हैं। उन्होंने रात के अंधेरे में जबरदस्ती अंतिम संस्कार करने व पुलिस द्वारा परिजनों पर लाठी चलाने को लेकर भी अपनी सरकार को घेरते हुए दोषी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। यहां मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि इस मामले यह कहना नाकाफी है कि बाकी राज्यों में ऐसा होता है। किसी राज्य, किसी शहर, किसी गांव में किसी आदिवासी, दलित या गरीब असहाय के साथ ऐसा होता है तो उसे जीरो टॉलरेंस करना पड़ेगा। हम यह नहीं कह सकते कि बाकी राज्यों में हो रहा है तो यहां भी हो रहा है। हम वेट करते रहे हैं कि अगला हादसा कब हो और हम एक्शन लें। हमें ऐसी जातिवादी मानसिकता को खत्म करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। जो लोगों के जहन में हैं। दलितों के साथ अत्याचार कहकर आप बच नहीं सकते।

उन्होंने कहा कि, "अगर उस मानसिकता पर दबाव डाल कर खत्म नहीं करेंगे तो हम अपना काम नहीं कर रहे हैं। सरकार का, हमारा, आपका, जनता का विश्वास व इकबाल कायम रहना चाहिए। इनके जहन में ये रहना चाहिए कि कोई गलत काम करेगा तो उसका भुगतान करना पड़ेगा। जब तक कानून का डर जहन में नहीं रहेगा तो इस प्रकार की घटना होती रहेगी। हमें इस पर दृढ़ संकल्पित होना पड़ेगा।"

उन्होंने कहा कि, बच्चे की लाश का रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार किया गया है। पीड़ित परिवार के परिजनों पर लाठी चार्ज किया गया है। उस पर सरकार को तुरंत कार्रवाई करना चाहिए। उस पुलिस अधिकारी के ऊपर व एडीएम के ऊपर। मृतक के पिता व दादा डिप्टी पुलिस अधिकारी एडीएम का नाम लेकर बोल रहे है। मोबाइल छीन लिया गया। लाठी चार्ज किया गया। डिटेन किया गया।

दलित वोट बैंक खिसने का डर

जालौर घटना के बाद राजस्थान में कांग्रेस को दलित वोट बैंक खिसकने का डर भी सताने लगा है। चर्चा है कि हाईकमान के इशारे पर राजस्थान के दलित मंत्रियों को सुराणा भेजा गया। जहां ममता भूपेश, भजन लाल जाटव व अन्य दलित मंत्री व नेताओं ने सरकार की मंशा को लेकर उठ रहे सवालों पर मरहम लगाने का प्रयास किया। हालांकि, अभी भी परिजन व सामाजिक संगठन 50 लाख नकद व सरकारी नौकरी पर अड़े हैं।

शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो जालौर जिला शिक्षा अधिकारी ने सरस्वती विद्या मंदिर सुराणा की प्रबंधन समिति सचिव व अध्यक्ष के नाम नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब तलब किया है। यह नोटिस 15 अगस्त को जारी किया गया है।

सत्ता में बैठे आदिवासी नेताओं का भी हो रहा विरोध

दौसा जिले के कांग्रेस सरकार में दो आदिवासी मंत्रियों का भी लोग विरोध कर रहे है। आरोप है कि इन्होंने जालोर घटना में चुप्पी साध रखी है। जबकि इन्हें सरकार के सामने खड़े होकर दलित परिवार को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए।

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