रिपोर्ट- अब्दुल माहिर, दिलीप सोलंकी
जयपुर। राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा गांव के निजी विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा तीसरी के छात्र इंद्र कुमार की शिक्षक छैलसिंह द्वारा पिटाई के बाद मौत के मामले में रविवार को दिनभर की उठापटख के बाद शाम को मांगों पर सकारात्मक आश्वासन मिलने पर मामला शांत हो गया। छात्र की मौत के 40 घंटे बाद शाम को उसके शव का अंतिम संस्कार किया गया और इस दौरान कलक्टर निशांत जैन व एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल भी मौजूद रहे। इधर, सामाजिक संगठनों ने प्रशासन पर दबाव बनाकर शव का अंतिम संस्कार कराने का आरोप लगाया है।
इससे पूर्व शनिवार को अहमदाबाद में मौत की सूचना पर रविवार को घटनाक्रम के विरोध में बड़ी संख्या में लोग सुराणा पहुंच गए। शाम के समय समझाइश वार्ता के दौरान तनावपूर्ण स्थिति बन गई और पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर लोगों को खदेड़ा। जिसके चलते मृतक छात्र के परिजनों को चोट आई। वहीं कई अन्य लोग भी घायल हो गए। इस पूरे घटनाक्रम में लोग खेतों में दौड़े और पुलिस कर्मी उन्हें धकेलने के लिए लाठियां फटकारते नजर आए। इस पूरी स्थिति में मौके पर भारी पुलिस जाब्ता तैनात हो गया।
दिनभर का घटनाक्रम
अहमदाबाद से रविवार सवेरे करीब 11:30 बजे शव सुराणा पहुंचा। जहां पर शांति व्यवस्था के लिए पहले से ही मौके पर भारी पुलिस जाब्ता तैनात रहा। इधर, मौके पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद संजय वासु, एडीएम राजेंद्र अग्रवाल, एएसपी अनुकृति उज्जैनिया, सायला सूरजभान, समेत प्रशासनिक और पुलिस जाब्ता तैनात रहा। मौके पर पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, मंजू मेघवाल समेत कई अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। पुलिस प्रशासन ने मामले में सुलह का प्रयास किया, लेकिन दिनभर वार्ता और विरोध का दौर रहा।
मांगों पर मिला आश्वासन
विरोध प्रदर्शन के दौरान इस प्रकरण में परिजनों की ओर से एक मांग पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसके अनुसार पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को कड़ी सजा, स्कूल की मान्यता को रद्द करने के साथ अन्य स्कूलों की भी जांच, समेत अन्य मांगे रखी गई। इन मांगों पर आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ।
सवेरे कलक्टर-एसपी ने की समझाइश
सुराणा में निजी विद्यालय में शिक्षक की ओर से बालक से मारपीट के बाद शनिवार को उपचार के दौरान मौत के मामले में प्रशासनिक अधिकारी रविवार को परिजनों से मिले। जिला कलक्टर निशांत जैन, एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला, एडीएम राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल और सभी प्रशासनिक-पुलिस अधिकारी सायला तहसील के सुराणा गांव में दिवंगत बच्चे के दादा, काका व परिजनों से मिले और उन्हें सांत्वना दी। उन्हें मुख्यमंत्री की संवेदना भी प्रेषित की।
मोबाइल इंटरनेट रहा बंद
सुराणा घटनाक्रम के बाद एहतियात के तौर पर जालोर जिले में सवेरे से मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। जिससे लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। हालांकि ब्रॉडबेंड सेवाएं शुरू रहीं।
एक्टिविस्टों में मामले का लेकर नाराजगी
इस पूरे मामले में मेघवाल युवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष मनीष मेघवाल ने डीजीपी को पत्र लिख कर आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल से दूरभाष पर वार्ता कर अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी ली है। वहीं पुलिस पर पीड़ित परिवार पर दबाव बनाकर शव का अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया है।
राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने राजस्थान में बढ़ती दलित अत्याचार पर आक्रोश जताते हुए पानी पीने की बात पर दलित बच्चे की हत्या मामले की निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री से मांग की है।
मुख्यमंत्री की घोषणा का विरोध
जालौर दलित छात्र की हत्या के बाद सीएम ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा कर दलित प्रेम जताने के प्रयास किया है। मुख्यमंत्री की घोषणा पर सामाजिक संगठनों ने सवाल खड़े किए हैं। भीम आर्मी का आरोप है कि दलित छात्र की हत्या पर केवल पांच लाख, जबकि उदयपुर में हुई टेलर की हत्या मामले में सरकारी नौकरी व 50 लाख की आर्थिक सहायता दी गई है। आरोप है कि उदयपुर में जिसकी हत्या हुई वह सीएम की जाती से आता है। जबकि जालौर में जिसकी हत्या की गई वह दलित है। राजस्थान सरकार जाती देख कर सहायता करती है। अब भी सरकार ने लिखित में कुछ नहीं दिया हे। मांगे पूरी करने का आश्वासन भर दिया है।
मामले में सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी ने कहा, "राजस्थान सरकार दलित छात्र की मौत के बाद मुआवजा देने में भेदभाव कर रही है, जबकि उदयपुर में हुई हत्या के मामले में मृतक के दोनों बेटों को नौकरी व 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया था। हालांकि सरकार ने आश्वासन दिया है, लेकिन लिखित में नहीं देने से सरकार की मंशा पर संदेह हो रहा है।"
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