“हमारे छोटे भाई-बहन हैं, ये हमें गोली मारने की धमकी देते हैं”; ठाकुरों की दबंगई के आगे पलायन के लिए मजबूर दलित परिवार

Dalit family bows before the fearless bullies of thakur
Dalit family bows before the fearless bullies of thakur
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जालौन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून व्यवस्था दुरुस्त होने के दावे करती है लेकिन सच्चाई इससे इतर है। चुनावी माहौल में जहां राजनीतिक दल जनता को लुभाने में लगे हैं तो वहीं दूसरी ओर अपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं। सवर्णों का पिछड़ी जाति पर अत्याचार जारी है। इसी अत्याचार के चलते एक दलित परिवार को अपने बसे बसाए आशियान को छोड़कर पलायन करना पड़ा। अपने दादा परदादा की बसी बसाई जमीन को छोडकर जालौन का एक दलित परिवार कहीं और जाने की तैयारी कर रहा है क्योंकि गांव के ठाकुर लोग कथित रूप से उनके घर में घुसकर आए दिन उसके साथ मारपीट करते हैं।

क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद की माधवगढ़ कोतवाली क्षेत्र के महोनी गांव में एक दलित परिवार कई सालों से रह रहा है। परिवार की कई पुश्तें इसी जगह पर रह रही हैं और अब इनका एक भरा-पूरा परिवार है। इस परिवार के साथ गांव के ठाकुरों ने इस कदर अत्याचार किया कि अब ये परिवार अपना घर छोड़ने का मन बना चुका है।

द मूकनायक की संवाददाता स्वाति ने पीड़ित परिवार से बातचीत करके पूरे मामले को जाना। गजेंद्र चमार जिनके साथ ठाकुरों ने मारपीट की, उनसे बातचीत में पूरा मामला पता चला।

"7 तारीख को नवंबर महीने की शाम को गांव के ठाकुरों ने हमें मारा। ये लोग हमारे घर में घुस आए और हमारे साथ मारपीट की। घर में छोटे-छोटे बच्चे थे उनके साथ मारपीट की। घर की औरतों के साथ भी मारपीट की। हम चमार हैं तो हमें गंदी-गंदी गालियां दी। वो लोग हमे मार रहे थे तभी 100 नंबर पर फोन लगाया तो पुलिस आई। पुलिस को देखते ही लोग भागने लगे लेकिन 2 लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया।" -गजेंद्र ने बताया।

गजेंद्र आगे बताते हैं, "पुलिस ने हमसे कहा कि इन लोगों ने आपके साथ मारपीट की है आप थाने चलिए हम इनके खिलाफ मुकदमा लिखेंगे। हम लोग थाने गए। हमें वो रात भर थाने में बैठाए रखे और सुबह उल्टा हमें ही फंसा दिया। पुलिस ने हमारे खिलाफ ही मुकदमा दर्ज किया और हमें ही जेल भेज दिया। हमारे ऊपर धारा 308, 323 सहित 6 धाराएं लगा दी।"

बच्चों से शुरू हुई थी लड़ाई

पीड़ित परिवार के ही एक युवा जिनका नाम गोलू है, ने बताया कि; "ये मामला एक छोटी सी लड़ाई से शुरु हुआ था।" गोलू ने कहा कि वो सड़क पर जा रहे थे उस दौरान ठाकुरों के बच्चों ने उनसे लड़ाई की।

उसने कहा, "वो लोग जुआ खेल रहे थे मैं वहां से गाड़ी से जा रहा था तो इन्होंने मारपीट शुरु कर दी। उन्होंने बोला की तू बहुत गुंडा बनके घूम रहा है.. उन्होंने मेरे साथ मारपीट की। इसके बाद 7 नवंबर को घर पर तेजन, सुरेंद्र, पींछू, छोटे लला, राहुल, कोमल, और तेज बहादुर हमारे घर में घुस गए। इन्होंने कई लोगों के साथ मिलकर घर में मारपीट की।"

"बाहर से भी गाड़ी से इन्होंने लोग बुलाए थे। हमारे घर में 14 तारीख को शादी थी, चाचा को सिर में चोट लग गई, दादी को भी सिर में चोट लगी। मारपीट में मेरे पापा और बहन डॉली को भी चोट लगी थी। छोटी बच्ची है उनको भी चोट लगी थी। पुलिस आई हमें लेकर गई लेकिन हमें उल्टा ही फंसा दिया।"

गोलू ने आगे बताया, "जब हम थाने गए तो ठाकुर लोग पहले ही वहां बैठे हुए थे। पुलिस ने रातभर बैठाया बोले सुबह छोड़ देंगे। लेकिन सुबह हमारे ऊपर ही केस कर दिया। हमें ही उल्टा फंसा दिया और 5,6 धाराएं लगा दी। हम एक महीने जेल में भी रहे। 6 दिसंबर को हम छूट कर वापस आए हैं।"

कहते हैं ऊपर तक है पहुंच

गोलू ने द मूकनायक को बताया कि, "जब से हम छूट के आए हैं तब से ये ठाकुर लोग हमें धमकियां दे रहे हैं। हमसे कहते हैं कि तुम कहीं जाओ हमारा कुछ नहीं उखाड़ सकते। तुम सीएम के पास जाओगे तो हम पीएम को फोन लगाएंगे। लखनऊ तक हमारी पहुंच है। जेल से आने के बाद 15 तारीख को इन्होंने फिर हमारे साथ मारपीट की। हमारे घऱ के लोग खेत पर गए तो वहां भी ठाकुरों ने हमें मारा।"

गोलू ने बताया कि ठाकुर लोग सोशल मीडिया पर वीडियो बनाते है और धमकी देते है। वो विडियो डालते है कि हम आ रहे हैं तुम्हारे गांव पुलिस लगा लो। हमें बहुत डर लगता है। हमारी छोटी-छोटी बहने हैं भाई हैं ये हमें गोली मारने की धमकी देते है।

गोलू ने कहा कि, अब हमारे घर में कोई इतना पढ़ा लिखा नहीं है, हम खेती किसानी करके पेट पालते हैं। गांव के ठाकुर लोग हमें जातिसूचक गालियां देते हैं, लेकिन हम कुछ नहीं बोलते है। पापा ने बोल दिया कि हम सब बेच देंगे, कहीं और चले जाएंगे।

पुलिस रात को 12 बजे आती है

गोलू ने बताया कि पुलिस भी हमारा साथ नहीं दे रही। पहले पुलिस ने हमें ही फंसा दिया और अब 12 बजे रात को ये हमारे घर पर आते हैं। उसने कहा, "सीओ साहब आए थे, वह 12 बजे रात को गेट खटखटाते हैं। दादी-मम्मी ने दरवाजा नहीं खोला तो वो चले गए। हमें डर लगता है। हमें लगता है कि पता नहीं कौन कब आ जाए धमकी देने।"

गोलू ने बताया कि पुलिस बोलती है हम कुछ करेंगे लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

कई सालों से ठाकुर कर रहे प्रताड़ित

गजेंद्र और गोलू ने बताया कि गांव के ये ठाकुर कई साल से उनको प्रताड़ित कर रहे हैं। जब भी चुनाव होते हैं ये गांव में आकर हमें धमकियां देते हैं। बोलते है इस पार्टी को वोट देना नहीं तो देख लेंगे। साल छह महीने ये ठाकुर लोग आकर हमें हड़काते रहते हैं और धमकियां देते रहते हैं।

गजेंद्र जी ने द मूकनायक को बताया कि, "7 नवंबर को इन्होंने हमें बहुत मारा। हम भाग रहे थे तो हमें 20- 25 लोगों ने घेर कर हमें मारा। पुलिस भी हमारा साथ नहीं दे रही।"

परिवार पलायन करने को तैयार

गजेंद्र ने बताया कि इन ठाकुरों की धमकियों से हम परेशान हो गए हैं। उन्होंने कहा "हम अपने बाप दादा के समय से यहां रह रहे हैं। हम 50 के हो गए हैं, हमारे भईया लोग 70 साल के है.. हमारी तो पैदाइश ही यहीं की है। बाप दादा की बनाई जमीन-जायदाद पर अपना जीवन काट रहे हैं लेकिन आए दिन इन ठाकुरों की धमकी से हम परेशान हो गए हैं। वो लगातार हमें धमकी दे रहे हैं।"

गजेंद्र ने आगे कहा, "हमें वो लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। हमें धमकी दे रहे हैं। हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं उनको धमकी देते है ऐसे में हम जमीन बेचकर कही चले जाएंगे। यहां से चले जाएंगे तो बच्चे सुरक्षित रहेंगे। प्रशासन और कानून में तो हमारी सुनवाई ही नहीं है। जब कोई सुन ही नहीं रहा है तो हम अब यहां रह कर क्या करेगें।"

आपको बता दें कि, दलित परिवार दबंगों के दहशत से डरा सहमा हुआ है। अपने मकानों और प्लाटों को बेचने हेतु पंपलेट चस्पा करे हुए गजेंद्र का कहना है कि, साहब (पुलिस अधिकारी) आते हैं जानकारी लेते हैं और फिर चले जाते हैं। हमें न्याय की उम्मीद तो अब नहीं है इसलिए अपनी सुरक्षा के लिए कहीं और जाना ही बेहतर है।

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