हैदराबाद: हैदराबाद के पास स्थित शादनगर पुलिस स्टेशन में एक दलित महिला ने पुलिस पर उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है।
सोने की कथित चोरी के सिलसिले में थाने में बुलाई गई महिला ने दावा किया कि उसके नाबालिग बेटे के सामने उसके साथ मारपीट की गई। उसके अनुसार, उसके पति को पहले पीटा गया और फिर छोड़ दिया गया, जिसके बाद उसके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया।
पत्रकारों से बात करते हुए, महिला ने बताया कि उसे अपनी साड़ी उतारने और शॉर्ट्स पहनने के लिए मजबूर किया गया। बार-बार विनती करने के बावजूद मारपीट से पहले उसके हाथ और पैर कथित तौर पर बांध दिए गए थे।
आरोपों के जवाब में, साइबराबाद पुलिस आयुक्त अविनाश मोहंती ने एक बयान जारी कर पुष्टि की कि शादनगर के डिटेक्टिव इंस्पेक्टर (डीआई) को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है और जांच के नतीजे आने तक उन्हें कमिश्नरेट मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है।
जांच शादनगर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) द्वारा की जा रही है, जिसमें रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने सोमवार को चोरी के मामले में पुलिस थाने में दलित महिला को प्रताड़ित करने की घटना की निंदा की। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने मांग की कि इसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एससी और एसटी अत्याचार का मामला दर्ज किया जाए।
पूर्व मंत्री ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की। रामा राव ने कहा कि तेलंगाना का समाज ‘दलित विरोधी, महिला विरोधी’ कांग्रेस सरकार को कभी माफ नहीं करेगा।
साइबराबाद पुलिस आयुक्तालय के शादनगर पुलिस थाने में दलित महिला को निर्वस्त्र कर प्रताड़ित करने की घटना पर बीआरएस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। महिला को चोरी में शामिल होने के संदेह में थाने बुलाया गया था।
घटना 24 जुलाई को हुई लेकिन 4 अगस्त को सामने आई। बीआरएस नेता ने महिला को जबरन अपराध कबूल करवाने के लिए प्रताड़ित करने पर कहा, "“क्या यही इंदिराम्मा का शासन है? क्या यही लोकतंत्र है?"
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