जोधपुर में ऑनर किलिंग: विजातीय लड़की के साथ लिव-इन में रहने वाले दलित युवक की संदिग्ध हालात में मौत!

एक दिन पहले हाई कोर्ट ने ग्रांट की थी सुरक्षा, परिजनों का आरोप लड़की के घरवालों ने की हत्या दलित संगठनों के साथ अस्पताल के बाहर धरना
जोधपुर में ऑनर किलिंग: विजातीय लड़की के साथ लिव-इन में रहने वाले दलित युवक की संदिग्ध हालात में मौत!
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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में विजातीय प्रेमिका के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे एक दलित युवक का शव 12 जुलाई को बासनी इलाके में रेलवे ट्रैक पर अर्ध नग्न अवस्था में मिला है। आत्महत्या मानते हुए पुलिस पोस्टमार्टम के लिए शव महात्मा गांधी सरकारी अस्पताल की मोर्चरी ले गई। जहां परिजनों ने हत्या की आशंका जाते हुए पोस्टमार्ट करवाने से मना कर दिया।

इस दौरान मृतक युवक के पिता ने प्रेमिका के परिजनों पर हत्या का आरोप लगाते हुए कुड़ी भगतासनी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। बुधवार देर रात एफआईआर दर्ज होने के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजन सामाजिक संगठनों के साथ अस्पताल की मार्चरी के बाहर धरना देकर बैठ गए। परिजनों का कहना है कि जब तक पुलिस एफआईआर में नामजद हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करेगी, पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे। गुरुवार को पुलिस अधिकारियों ने धरना देकर बैठे परिजनों व सामाजिक संगठनों के साथ समझाईश की, लेकिन बात नहीं बनी।

यह है मामला

मृतक जगदीश मेघवाल के पिता ओमाराम पुत्र सुरजाराम मेघवाल निवासी मेघवालों का वास दूधिया, तहसील लूणी जिला जोधपुर ने पुलिस को बताया कि उनका पुत्र जगदीश जोधपुर में रहकर प्राइवेट काम कर रहा था। जगदीश और गायत्री पुत्री हनुमानराम प्रजापति निवासी खाराड़ा भांडू के बीच सम्बंध थे तथा दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे।

मृतक युवक
मृतक युवक

मृतक के पिता ओमाराम मेघवाल ने रिपार्ट में आगे बताया कि 7 जुलाई को गायत्री अपनी इच्छा से मेरे पुत्र जगदीश के पास आई। दोनों ने पति-पत्नी की तरह रहने के लिए लिव- इन रिलेशनशिप का दस्तावेज बनाया और पति-पत्नी की तरह बासनी एरिया के एक कॉलोनी में रह रहे थे। मृतक के पिता ने पुलिस को बताया कि दोनों साथ में रहने के कारण गायत्री के पिता हनुमानराम, मां मीरा देवी निवासी दूधिया, मामा सुरेश कुमार, दलपत कुमार पुत्रान धनाराम, नरेन्द्र कुमार निवासी लूणी, रमेश कुमार पुत्र राणाराम, सरवण कुमार पुत्र राणाराम निवासी ढिगाणा, तहसील रोहिट जिला पाली, दोनों को तंग और परेशान करने लगे थे। युवती के परिजन व अन्य लोग जगदीश को जान से मारने की धमकी दे रहे थे।

दो दिन पहले ही मिली थी हाई कोर्ट से सुरक्षा

पिता ने बताया कि युवती के परिजनों व अन्य लोगों के द्वारा बार-बार जान से मारने की धमकी देने व परेशान करने के कारण जगदीश व गायत्री ने अपनी जान की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय में प्रोटक्शन पीटिशन पेश की थी। इस पर सुनवाई के बाद मंगलवार 11 जुलाई को माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा प्रेमी जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने के पुलिस को आदेश दिए थे। आदेश की कॉपी लेकर गायत्री-व जगदीश उसी शाम घर लौटे थे।

घर में घुसकर पीटा और उठा कर ले गए

मृतक युवक के पिता ने आरोप लगाया कि दोनों के घर पहुंचने के बाद एक गाड़ी में गायत्री के मामा सुरेश कुमार, दलपत कुमार, नरेन्द्र कुमार, रामलाल बंजारा एक राय होकर आए तथा जगदीश के रूम में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर जगदीश के साथ मारपीट की। आरोपी जगदीश को उठाकर ले गए। आरोपियों ने जगदीश के साथ मारपीट कर पाली रोड पर झालामंड के आस-पास पटक दिया। पिता ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि इन्हीं लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से अन्य लोगों के साथ मिलकर मेरे पुत्र जगदीश की हत्या कर दी। सबूत मिटा कर आत्महत्या का रूप देने के लिए जगदीश की लाश को बासनी एरिया में रेलवे पटरी पर फेंक दिया।

पिता ओमाराम की रिपोर्ट पर पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित मारपीट व अपहरण के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर जांच वृताधिकारी एससी, एसटी सेल जोधपुर पश्चिम मानाराम गर्ग को सौंपी है। इस सम्बंध में थानाधिकारी कुड़ी भगतासनी सुरेश कुमार चारण से द मूकनायक ने बात की। एसएचओ ने बताया कि पिता की रिपोर्ट पर हत्या के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है। यह प्रेम प्रसंग का मामला था। न्यायालय द्वारा सुरक्षा के आदेशों पर उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में हमारे पास कोई आदेश नहीं है।

राजस्थान में एससी, एसटी पर अत्याचार की पराकाष्ठा

भीमसेना से जुड़े राहुल बामनिया ने द मूकनायक से बातचीत में बताया कि राजस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर अत्याचार की प्रकाष्ठा हो गई है। राजस्थान में एससी, एसटी वर्ग के लोगों को मटकी से पानी पीने पर मारा जा रहा है। मूंछ रखने पर हत्या की जा रही है। घोड़ी पर चढ़ने पर अत्याचार हो रहे हैं। समाज हित में बोलने पर आवाज बंद कर दी जा रही है। अब प्रेम करने पर भी हत्या कर दी गई।

ज्ञापन देने जाते लोग
ज्ञापन देने जाते लोग

उन्होंने आगे कहा कि यह घटना राजस्थान के मुख्यमंत्री के गृह जिले की है। पुलिस इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। जबकि साफ नजर आ रहा है कि जगदीश मेघवाल को दूसरी जगह मारकर आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को रेलवे ट्रैक पर पटका गया है। युवक के शरीर पर शर्ट तक नहीं है। राहुल ने कहा कि मैं सीएम से पूछना चाहता हूं कि एक तरफ अंतरजातीय विवाह को सरकार प्रोत्साहन दे रही है वहीं दूसरी तरफ एक दलित युवक द्वारा दूसरी जाति की लड़की से प्रेम करने पर हत्या हो रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है। पुलिस अपना कर्तव्य नहीं निभा रही है। विशेष कर जब एससी, एसटी के न्याय की बात आती हे तो राजस्थान पुलिस की कार्यशैली बदल जाती है। जगदीश व जगदीश की प्रेमिका की सुरक्षा के लिए हाइकोर्ट ने पुलिस को सुरक्षा के आदेश दिए थे। इसके बावजूद जगदीश की हत्या कर दी गई।

सुरक्षा आर्डर पुलिस के पास पहुँचने से पहले परिजनों ने पकड़ लिया

जगदीश मेघवाल की मौत से जुड़े मामले की जांच कर रहे पुलिस वृताधिकारी एससी, एसटी सेल मानाराम गर्ग से द मूकनायक ने बात की। गर्ग ने द मूकनायक को बताया जानकारी के मुताबिक जगदीश मेघवाल दूसरी जाति की लड़की से प्रेम करता था। दोनों लिव इन रिलेशनशिप में जोधपुर के बसानी इलाके में रह रहे थे। इन के साथ रहने से युवती के परिजन नाराज थे।

उन्होंने कहा कि "12 जुलाई की देर रात हत्या का मामला दर्ज हुआ है। मेरे पास गुरुवार को जांच के लिए पत्रावली आई है। प्रारम्भिक पड़ताल में पता चला है कि सुरक्षा के लिए प्रेमी युगल ने हाइकोर्ट में प्रोटक्शन पीटिशन दायर की थी। इस पर 11 जुलाई को न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर जोधपुर के लिए प्रेमी युगल को सुरक्षा प्रदान करने के आदेश पारित किए थे।"

पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा- हत्या है या आत्महत्या

गर्ग ने बताया कि जांच में सामने आया कि न्यायालय ने दोनों को आदेश की प्रति लेकर पुलिस कमिश्नर के पास जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन वे वहां तक नहीं पहुंचे। इससे पहले ही परिजन युवती को अपने साथ ले गए। उन्होंने कहा कि लड़की अपने परिजनों के पास है। ऐसे में हम इस बात से भी इनकार नहीं कर सकते कि युवक ने सुसाइड नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज होने से पूर्व जीआरपी ने रनऑवर का मामला मानते हुए एक मामला भी दर्ज किया है। इसके बाद परिजनों की रिपोर्ट पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है।

जांच अधिकारी ने आगे कहा कि यह हत्या है या आत्महत्या अभी कुछ नहीं कह सकते। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच आगे बढ़ने पर ही जांच की दिशा तय होगी। उन्होंने कहा कि परिजन एफआईआर में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना देकर बैठे है। हमने उनसे समझाईश की है। जांच अधिकारी ने कहा कि मंगलवार शाम को कोर्ट ने सुरक्षा के आदेश दिए, लेकिन ना तो कोर्ट के जरिए ना ही व्यक्तिगत रूप से पुलिस के पास सुरक्षा के आदेश पहुंचे हैं।

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