सुरेन्द्र नगर दलित हत्याकांडः पीड़ित परिवार ने मांगी थी सुरक्षा, पुलिस की अनदेखी से हुई घटना

दो दलित भाइयों की हत्या के मामले में प्रारंभिक जांच में लापरवाही सामने आने पर दो पुलिसकर्मी निलम्बित, सात आरोपी गिरफ्तार
समाधिआणा गांव.
समाधिआणा गांव.The Mooknayak
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गुजरात के सुरेन्द्र नगर जिले की चूड़ा तहसील में दो दलित भाइयों की हत्या केे मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। दोनों भाई भूमि विवाद में लगातार पुलिस सुरक्षा की मांग कर रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। दलित परिवार जब विवादित जमीन का कब्जा लेने गए तो उनपर हमला हो गया, जिससे दो सगे भाइयों की मौत हो गई।

इधर, घटना के बाद आक्रोशित दलित समाजजन व परिजनों ने शुक्रवार को दोनों शवों को चौराहे पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पूरे भारत में इस घटना की जमकर निंदा हुई। पीडि़त परिवार अपनी सुरक्षा और आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अड़ा रहा, जिसके बाद पुलिस ने संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आईजी रेंज अशोक यादव ने पीडि़त परिवार से मिलकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। आईजी ने इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया और विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

गुजरात की सुरेंद्रनगर जिला पुलिस के अनुसार गत 12 मई की शाम को समाधिआणा गांव में दो समूहों में संघर्ष हुआ था। इसमें आलजी परमार (60) और उनके भाई मनोज परमार (54) घायल हो गए थे, जिनकी रात में उपचार के दौरान सरकारी अस्पताल में मौत हो गई। राजकोट और सुरेंद्रनगर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अशोक कुमार यादव ने कहा कि हमले में घायल हुई पारुलबेन परमार की शिकायत के आधार पर चूड़ा पुलिस ने बृहस्पतिवार की सुबह काठी दरबार (क्षत्रिय) के 15 लोगों के खिलाफ आईपीसी धारा-302 (हत्या), 396 (हत्या के साथ डकैती), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक हथियार इस्तेमाल करना), 325 ( गंभीर चोट), 335 (गंभीर चोट के लिए उकसावा), 427 (बिगड़ी), 120 (साडयंत्र), 506 (2) (आपराधिक धमकी), 504 (जानबूझकर शांति तोड़ने का अपमान), 143 (अवैध परिषद), 147 (दंगा), 148 (खतरनाक हथियार से दंगा), 149 (दंगा प्रतिभागियों की बराबर जिम्मेदारी) और एट्रोसिटी एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

आलजी परमार (60) और उनके भाई मनोज परमार (54) .
आलजी परमार (60) और उनके भाई मनोज परमार (54) .The Mooknayak

पुलिस महानिरीक्षक अशोक कुमार यादव के अनुसार दो पक्षों के बीच चल रहे जमीन विवाद के चलते पीडि़तों पर हमला किया गया। दलित और काठी दरबार का समाधिआणा गांव में एक जमीन के टुकड़े पर अपना-अपना दावा है। इस जमीन को लेकर वर्ष 1998 से विवाद चल रहा है, जिसमें निचली अदालत ने फैसला दलित परिवार के पक्ष में दिया था। यादव ने कहा कि इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई है जबकि महिलाओं समेत अन्य घायल हुए हैं। इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

धरना देते परिजन व दलित समाज के लोग।
धरना देते परिजन व दलित समाज के लोग।The Mooknayak

शव का अंतिम संस्कार करने से किया मना

इस मामले में दलित अधिकार मंच के कीर्ति चावड़ा ने बताया घटना को लेकर पीडि़त परिवार में भय है। इसके साथ ही दलित समाज भी नाराज था। मांगे पूरी नहीं हो जाने तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया गया। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी, सरकारी सुरक्षा, मुआवजा, हथियार का लाइसेंस दिए जाने आदि की मांग की गई। जानकारी के मुताबिक बढ़ता हुआ रोष देखकर पुलिस और प्रशासन ने सारी मांगे स्वीकार कर ली, जिसके बाद शुक्रवार शाम को दोनों मृतकों के शव का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

समाधिआणा गांव.
गुजरात: खेत की बुवाई करने गए दलित परिवार पर घात लगाकर हमला, दो भाइयों की मौत

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