जयपुर। राजस्थान के बारां जिले का अंता नगर पालिका प्रशासन दलितों की बस्ती के पास सीवर ट्रीटमेंट प्लांट व कचरा निस्तारण केंद्र बना रहा है। यहां नीलकंठ कॉलोनी के लोग अब इसके विरोध में आ गए हैं। बस्ती के रहवासियों का आरोप है कि जानबूझ कर नगर पालिका प्रशासन दलितों की बस्ती के पास सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनवा रहा है।
नीलकंठ कॉलोनी के लोगों ने बताया कि सीवर ट्रीटमेंट / कचरा निस्तारण केंद्र के लिए अनुसूचित जाति की बस्ती के पास की जगह जानबूझ कर चुनी गई, जबकि यहां वर्षों से दलित समाज के लोग निवास करते आ रहे हैं। यह वैध कॉलोनी है।
ग्रामीणों ने बताया अंता की नीलकंठ कॉलोनी में 90 प्रतिशत से अधिक दलित समाज के लोग रहते हैं। यदि बस्ती के पास सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनता है तो शहर भर का सीवर यहां एकत्रित कर निस्तारण किया जाएगा। इससे कॉलोनी वासियों को असुविधा होगी। बदबू व कचरे के भंडारण से बीमारी फैलने का अंदेशा भी रहेगा।
भीम आर्मी जिला महासचिव बारां एवं नीलकण्ठ कॉलोनी के वासी राकेश गोडाला ने द मूकनायक को बताया कि दलित बस्ती नीलकंठ कॉलोनी के पास सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के विरोध में बस्ती के लोगों ने पहले नगर पालिका प्रशासन और स्थानीय उपखण्ड अधिकारी को अलग- अलग ज्ञापन देकर भविष्य में होने वाली समस्याओं से अवगत करवाया था, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने उनकी पीड़ा को समझने की बजाय नजरंदाज कर दिया।
उन्होंने कहा मजबूरन दलित बस्ती के लोग कोटा जिला कलक्टर कार्यालय पहुंचे। जहां अपनी पीड़ा पत्र में लिख कर राज्य के मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया। गोडाला ने बताया कि दलित बस्ती के पास से कचरा निस्तारण केंद्र की जगह नहीं बदली गई तो वह इस मसले को भीम आर्मी के पास ले जाएंगे और बस्ती के लोग मिलकर आंदोलन भी करेंगे।
भीम आर्मी के पूर्व नगर प्रभारी जीतेन्द्र गोडाला और सदस्य अनुराग नरवाल भी नीलकण्ठ कॉलोनी में ही रहते हैं। कॉलोनी के लोगों के साथ यह जिला कलक्टर के पास पीड़ा लेकर कोटा गए थे। इन्होंने बताया कि अंता नगर पालिका क्षेत्र में आबादी से दूर सरकार के पास पर्याप्त सिवायचक भूमि है। इस पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा सकता था। इसके बावजूद दलितों की बस्ती के पास कचरा निस्तारण केंद्र बनाना द्वेषता दर्शाता है।
आरोप है कि अंता नीलकण्ठ कॉलोनी में जिस जगह कचरा निस्तारण केंद्र बनने जा रहा है। वहां पहले से मेघवाल समाज का छात्रावास भी है। भविष्य में यहां छात्र रुकते हैं तो इनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने के साथ ही बदबू से पढ़ाई प्रभावित होगी। ऐसे में यहां से कचरा निस्तारण केंद्र की जगह बदली जाए।
जानकारी के अनुसार अंता में लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनने वाला है। इसे लेकर कॉलोनी के लोग विधायक एवं राजस्थान सरकार में खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया को भी ज्ञापन दे चुके है। इसके बावजूद कोई समाधान नहीं हुआ।
अंता के बरडिया में बसी नीलकण्ठ कॉलोनी के लोगों का दावा है कि यहां वर्षों से दलित समाज के लोग रह रहे हैं। इसके बावजूद आबादी के निकट सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भूमि स्वीकृत करना गलत है।
इस संबंध में द मूकनायक ने उपखण्ड अधिकारी दीपक महावर से बात की। दीपक महावर ने द मूकनायक को बताया कि नीलकण्ठ कॉलोनी के लोगों ने इस संबंध में शिकायत दी है। यहां बस्ती पहले बसी या सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के किये भूमि आवंटन के बाद बसी है। इसकी जांच करवा रहे हैं। यदि प्लांट आबादी के बीच है तो इसके लिए दूसरी जगह देखेंगे।
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