लखनऊ। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष, व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के पत्रकार सत्य प्रकाश भारती की डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह के निर्देशों पर 17 अगस्त को उनके कार्यालय व थाना गोमतीनगर में पिटाई के आरोपों की यूपी डीजीपी को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
उन्होंने कहा कि सत्य प्रकाश भारती के अनुसार वे एक प्रकरण में डीसीपी का पक्ष जानने उनके कार्यालय गए थे, जहां उनके साथ अभद्रता की जाने लगी. उनके द्वारा इसकी रिकॉर्डिंग किया गया. इस पर डीसीपी ने उनका मोबाइल छिनवा कर उसे फॉर्मेट करवा दिया. उन्हें थाना गोमतीनगर भेज कर उनकी पिटाई कराई गई और 6- 7 घंटे थाने में रखा गया.
सत्य प्रकाश की तबीयत खराब होने पर उन्हें पहले गोमती नगर स्थित नोवा अस्पताल और फिर मेट्रो ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में इलाज कराया गया.
इस दौरान दरोगा रणजीत सिंह ने उनके मित्र विकास मिश्रा से बातचीत कर उन्हें बुलाया और रात लगभग 2:30 बजे उन्हें एसीपी विभूति खंड कार्यालय ले जाकर शांति भंग के प्रकरण में जमानत दी गई.
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि सत्य प्रकाश के पास अस्पताल की रसीद और फोटो सहित तमाम साक्ष्य हैं. उन्होंने इसे गंभीर आरोप बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
आपको बात दें कि इससे पहले मामले में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद चंद्रशेखर आजाद भी उत्तर प्रदेश के डीजीपी से पत्रकार के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। हालांकि, खबर लिखे जाने तक आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है।
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