दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अशोक दशमी पर आयोजित बौद्ध दीक्षा कार्यक्रम को लेकर उपजे विवाद के बाद रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा कि "मैं अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।"
उन्होंने कहा कि, पिछले कई दिनों से मुझे और मेरे परिवार को धमकी दी जा रही हैं। मैं अपने कारण अपनी पार्टी का अहित नहीं होने देना चाहता हूं, मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, इस लिए पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने भाजपा पर गंदी राजनीति करने का आरोप भी लगाया।
क्या था मामला?
दिल्ली के करोल बाग स्थित अंबेडकर भवन में गत अशोक विजयदशमी पर कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें दिल्ली और आस-पास के इलाकों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में लगभग 10 हजार लोगों ने बौद्ध दीक्षा ली। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजिंदर पाल गौतम द्वारा किया गया। इसमें डॉ. बीआर आंबेडकर के पौत्र और बुद्धिस्ट सोसयिटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजरत्न आंबेडकर के साथ कई बौद्ध भिक्षुओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मौजूद 10 हजार लोगों को राजरत्न अंबेडकर ने 22 प्रतिज्ञाएं दिलाई। कार्यक्रम में यह संकल्प लिया गया, ''मैं कभी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा, ना ही उनकी पूजा करूंगा। मैं कभी राम और कृष्ण को भगवान नहीं मानूंगा, ना कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं गौरी, गणपति या हिंदू धर्म के किसी देवी-देवता को नहीं मानूंगा, ना ही उनकी पूजा करूंगा।''
गौतम ने उस दिन खुद ट्विटर पर इस कार्यक्रम की तस्वीरें साझा की थीं। उन्होंने कहा था कि 10,000 से अधिक लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने और भारत को जातिवाद व छुआछूत से मुक्त कराने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का वीडियो सामने आने के बाद विवाद शुरू हो गया। वीडियो में, कार्यक्रम में शामिल हजारों लोग बौद्ध धर्म अपनाने का संकल्प लेते दिखाई दे रहे है। वीडियो वायरल होने के साथ ही भाजपा व अन्य राजनीतिक दल व हिंदू संगठन राजेन्द्रपाल गौतम की आलोचना कर रहे थे। वहीं धर्म परिवर्तन कराने व हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप लगा रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उनसे गौतम को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। हालांकि, गौतम ने बयान जारी कर कहा कि वह ''बहुत धार्मिक व्यक्ति हैं और अपने कर्म तथा वचन से किसी देवता की सपने में भी आलोचना या निंदा नहीं कर सकते हैं।'' आम आदमी पार्टी (आप) या दिल्ली सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन पार्टी सूत्रों से पता चला कि मुख्यमंत्री इसे लेकर समाज कल्याण मंत्री गौतम से नाराज हैं।
इधर, गौतम ने बयान में भाजपा पर उनके खिलाफ अफवाह फैलाने और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि ''भाजपा के प्रोपगैंडा के कारण जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं, उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।'' उन्होंने कहा कि टिप्पणी आने वाले चुनावों में 'वोट बैंक' की राजनीति के मद्देनजर की गई। आरोपों का जवाब देते हुए गौतम ने कहा कि उन्होंने किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया है। उन्होंने कहा, ''वे (भाजपा) गलत हैं। किसी ने भी किसी धर्म के देवी-देवताओं के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा, ना ही किसी की धार्मिक भावना को आहत किया। जब लोग बौद्ध धर्म को अपनाते हैं तो ये 22 कसमें लेते हैं। यह बौद्ध धर्म का पालन करने वालों का निजी मामला है। इस बारे में किसी को क्यों परेशान होना चाहिए?''
उन्होंने कहा कि इस तरह के धार्मिक कार्यक्रम प्रतिदिन होते हैं। आप सरकार में मंत्री ने एक टीवी समाचार चैनल से कहा, ''कौन सा धर्म ऐसा नहीं करता? बौद्ध धर्म के अनुयायियों के ऐसा करने पर आपत्ति क्यों है। बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया (बौद्ध समाज का संगठन) हर साल (भीम राव) आंबेडकर के विचारों का प्रसार करता है।'' इधर, राजनैतिक पार्टियों व हिन्दू संगठन द्वारा लगातार बनाए जा रहे दबाव के बाद गौतम ने पद से इस्तीफा देने का निर्णय किया। उन्होंने त्यागपत्र लिखकर पार्टी कार्यालय को अग्रेषित किया। वहीं सोशल मीडिया साइट पर अपलोड कर अपने निर्णय की लोगों को जानकारी दी।
भीम आर्मी चीफ ने कहा —"हम राजेन्द्रपाल गौतम के साथ"
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने द मूकनायक से कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने 1956 में छह लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म दीक्षा ली थी। इसके बाद प्रत्येक वर्ष अशोक विजयदशमी पर बौध धम्म दीक्षा कार्यक्रम आयोजित होते है, जिनमें 22 प्रतिज्ञाएं की जाती है। बीजेपी पूरे कार्यक्रम को गलत तरीके से पेश कर रही है। वहीं दबाव बनाकर राजेन्द्र पाल गौतम से इस्तीफा दिलवाया गया है। समाज और मैं राजेन्द्र पाल गौतम के साथ है।
नहीं किया हिंदू देवी-देवताओं का अपमान
इधर, प्रकरण के तूल पकड़ने के बाद बुद्धिस्ट सोसयिटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष व बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के पौत्र राजरत्न आंबेडकर ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि कार्यक्रम में किसी भी हिन्दू देवी-देवता का अपमान नहीं किया गया है। यह मिथ्या प्रचार है। कार्यक्रम में बौद्ध धम्म की दीक्षा के समय जो 22 प्रतिज्ञाएं दिलाई जाती है। वे किसी धर्म या उसके पूज्य देवी-देवताओं का अपमान नहीं करती है।
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