दिल्ली: दलित बस्ती के 50 घरों पर तोड़े जाने का खतरा! एलजी को विकल्प तलाशने के लिए लिखा पत्र

लाडपुर गांव में ताऊ बिहारी मार्ग की पैमाइश के बाद लोगों के घरों पर निशान लगाए गए थे। गली के दोनों तरफ 50 से अधिक मकान है। इस समस्या को लेकर दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने दिल्ली के उपराज्यपाल व मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
दलित बस्ती के 50 घरों पर तोड़े जाने का खतरा
दलित बस्ती के 50 घरों पर तोड़े जाने का खतराGraphic- The Mooknayak
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नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली के लाडपुर गांव स्थित ताऊ बिहारी मार्ग के चौड़ीकरण के लिए हुई पैमाइश के बाद से ही वाल्मीकि बस्ती में रहने वाले करीब 50 परिवारों में बेचैनी बढ़ गई है। इनमें से अधिकतर परिवार सफाई कर्मचारी हैं। उनका कहना है कि हम यहां 1951-52 से पहले से रहते आ रहे हैं। सभी के पास जमीन के कागजात भी हैं। अब सड़क चौड़ीकरण के लिए हमारे घरों को तोड़े जाने का खतरा सता रहा है। इधर, मामले में दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने दिल्ली के उपराज्यपाल व मुख्य सचिव को पत्र लिख विकल्प तलाशने की अपील की है, ताकि जरूरतमंद दलित परिवारों के मकान बचाए जा सकें।

लोगों के घरों में लगाए गए थे निशान

लोकल मीडिया में प्रकाशित एक खबर के अनुसार लाडपुर गांव निवासी समाजसेवी स्वीटी हरकेश ने बताया कि गत दिनों तहसीलदार कंझावला की ओर से गांव स्थित ताऊ बिहारी मार्ग की पैमाइश के बाद लोगों के घरों पर निशान लगाए गए थे। जिसके बाद लोग काफी खौफ में हैं। स्वीटी ने बताया कि मौजूदा पैमाइश में वाल्मीकि बस्ती के पास से सड़क मोड़ दी गई है। ऐसे में गली के दोनों तरफ 50 से अधिक घर पर टूटने का खतरा मंडरा रहा है।

आर्थिक रूप से कमजोर हैं ये लोग- दलित नेता

हमारी मांग है कि अगर पहले से मौजूदा सड़क के साथ ही सड़क चौड़ी की जाए तो इन सभी घरों को बचाया जा सकता है। दलित नेता सुरेंद्र महरोलिया ने कहा कि यहां रहने वाले अधिकतर परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इनके पास न तो जमा पूंजी है और नहीं कोई दूसरा प्लाट है। इस समस्या को लेकर दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत को भी अवगत कराया था। जिसके बाद पिछले साल 31 दिसंबर को आयोग के चेयरमैन गांव में पहुंचे।

उन्होंने लोगों से बात भी की, इसके बाद 12 जनवरी को उत्तरी-पश्चिमी जिला प्रशासन से जवाब मांगा। वहीं इस मामले को लेकर राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष एम. वेंकटेशन से भी मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल व दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर कहा कि अगर सड़क चौड़ीकरण के लिए इनके घर तोड़े जाते हैं, तो उससे पहले मुआवजे का प्रावधान होना चाहिए।

द मूकनायक से चेयरमैन संजय गहलोत ने कहा, “जिला अधिकारी को आयोग तलब कर उनसे स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। इलाके में एक वैकल्पिक रास्ता है। इसको विकसित करने के लिए उपराज्यपाल व मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसदिशा में काम होता है तो दलित बस्ती के मकानों को टूटने से बचाया जा सकता है।“

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