राजस्थान। राजस्थान के सिरोही जिले में जातीय भेदभाव का बड़ा मामला सामने आया है। यह मामला इतना गंभीर हो गया कि आईजी मानवाधिकार को इस मामले में दखल देना पड़ा। उन्होंने एसपी सिरोही को इस मामले में पत्र लिखकर सभी थाना अधिकारियों को सख्ती से पालन कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही इसका पालन न करने वाले के खिलाफ एससी एसटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं।
दरअसल, पूरा मामला राजस्थान के सिरोही जिले का है। बीते 29 मई 2024 को आईजी मानवाधिकार किशन सहाय ने सिरोही जिले के एसपी को पत्र लिखा है। पत्र में आईजी ने कहा है, "ऐसा जानकरी में आया है और हमारे लिए खेद का विषय है कि आमजन के लिए खोली गई दुकानों में बाल्मीकि सहित भील और मेघवाल आदि जातियों के लोगों के बाल काटने से इंकार कर दिया जाता है, जो जातिगत भेदभाव तथा मानवाधिकार हनन की श्रेणी में आता है।"
उन्होंने एसपी सिरोही को सम्बोधित पत्र में आगे लिखा है कि आपके अधीनस्थ सभी थानाधिकारियों को पाबंद करें कि उनके इलाकों में हर बीट में आने वाले गांवों में जाति के आधार पर बाल काटने में भेदभाव नहीं किया जाए।
दुकान से धक्का देकर भगाया
इस घटना की सत्यता जानने के लिए द मूकनायक ने सिरोही जिले के लोगों से बातचीत की। सिरोही जिले के मकावल के रहने वाले मुकेश ने हमें बताया कि, "मैं विधि की पढ़ाई कर रहा हूं। मेरा ननिहाल रेवदार तहसील के भटाना गांव में पड़ता है। मैं तीन महीना पहले अपने ननिहाल गया हुआ था। इस दौरान गांव में मौजूद दुकान में मेरा छोटा भाई बाल कटाने गया था, तो दुकानदार ने बाल कटाने से मना कर दिया था। मुझे इस बात की जानकारी हुई तो मैं भी दुकान गया। उन लोगों ने बाल काटने से साफ़ इंकार कर दिया। दुकानदार का कहना था कि मैं तुम्हारी जाति के लोगों के बाल नहीं काटता। जब मैंने इसका विरोध किया तो उन्होंने मुझे धक्का देकर दुकान से बाहर निकाल दिया।"
मुकेश आगे बताते हैं, "मैं इस घटना को लेकर पास की चौकी पर गया और मौखिक शिकायत की। जिसके बाद पुलिस मौके पर गई। दुकानदार ने जरुरी काम की बात बताकर दुकान बंद कर दी। अगले दिन मैं फिर गया तो उन्होंने फिर यही किया और बाल काटने से मना कर दिया था। यह पहली बार नहीं है। पहले मेरे मकावल स्थित पैतृक निवास के पास मौजूद दुकान वाले भी चार पांच साल पहले ऐसा करते थे। फिर लोगों ने धरना किया था जिसके बाद यह मामला खत्म हुआ था।"
मुकेश बताते हैं कि, सिरोही में ऐसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। भटाना के अलावा दत्तानि गांव में भी दुकानदारों द्वारा हमारे समाज के लोगों के बाल काटने से मना किया जा रहा है। वहां के रहने एक दोस्त ने बताया कि दलित समाज के लोगों को बाल कटाने के लिए 25 किमी दूर जाना पड़ता है। ऐसे में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।
अगस्त 2023 में सामने आया था मामला
राजस्थान के बारा जिले के अटरू थाना क्षेत्र के सहरोद गांव में दुकान पर बाल कटाने गए दलित समाज के व्यक्ति के बाल काटने से दुकानदार ने मना कर दिया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया अपर वायरल हुआ था। वहीं पीड़ित ने भी एसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी दूकानदार को कड़ी चेतावनी दी थी। जिसके बाद पीड़ित के बाल काटे गए थे।
आठ महीना पहले भी लिखा था पत्र
बीते 10 मार्च 2023 को आईजी मानवाधिकार किशन सहाय ने राजस्थान जिले के सभी पुलिस अधीक्षकों और पुलिस उपायुक्तों को पत्र लिखा था। उस समय में भी आईजी मानवाधिकार ने राजस्थान जिले के सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर दलित समाज के लोगों के बाल काटने से मना करने पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
यह एक औपचारिक पत्र, समय-समय पर होता है जारी
इस मामले में पुलिस अधीक्षक सिरोही अनिल कुमार बेनीवाल ने द मूकनायक को बताया कि, "आईजी महोदय ने पत्र लिखकर दिषा निर्देश जारी किये हैं। इस संबंध में सभी थानाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह एक औपचारिक पत्र है। जो समय समय पर उच्चाधिकारियों द्वारा जारी किया जाता है। मेरी पोस्टिंग तीन माह पहले हुई है,अभी तक ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है। यदि ऐसी कोई घटना होगी तो आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।"
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