Dalits Lives Matter: यूपी-राजस्थान में दलितों के साथ बर्बरता, कहीं पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश तो कहीं पैरों में बेड़ियां डाल बनाया गया बंधक

यूपी में दलित ने मजदूरी मांगी तो पेट्रोल डालकर जलाने का प्रयास, राजस्थान में दलित के पैरों में बेड़ियां डालकर बनाया गया बंधक
यूपी में दलित ने मजदूरी मांगी तो पेट्रोल डालकर जलाने का प्रयास, राजस्थान में दलित के पैरों में बेड़ियां डालकर बनाया गया बंधक
Published on

देश के विभिन्न राज्यों से दलित उत्पीड़न की खबरों के आने का क्रम जारी है। यूपी के मथुरा में एक दलित युवक द्वारा मजदूरी मांगने पर पहले उसकी पिटाई की गई, बाद में उस पर पेट्रोल डालकर उसकी हत्या का प्रयास किया गया। जबकि राजस्थान के बूंदी में एक युवक को जंजीरों से पीटा गया, और बाद में उसके पैरों में बेड़ियां जकड़कर 31 घण्टे तक पशुओं के बाड़े में बंधक बनाकर रखा गया। दोनों ही मामलों में पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।

क्या हैं दोनों मामले?

पहला मामला 
पिंटू, मथुरा के बलदेव क्षेत्र के जमुना नगर का निवासी है। पिंटू के भाई मनोज कुमार द्वारा थाने में दी गई लिखित तहरीर में बताया गया है कि, उनका भाई वीरपुर मथुरिया के रहने वाले पंडित हरिशंकर के खेत में बहुत पहले से काम करता है। 22 मई को उनका भाई पिंटू पंडित हरिशंकर के घर अपनी बची हुई 7500 रुपए की मजदूरी लेने गया था।

मनोज ने बताया कि, काफी समय से पंडित हरिशंकर बची हुई मजदूरी नहीं दे रहे थे और पिंटू को पैसे की बहुत जरूरत थी। जब पिंटू ने पंडित हरिशंकर से पैसा मांगा तो हरिशंकर ने देने से मना कर दिया। पिंटू के बार-बार कहने पर पंडित हरिशंकर नाराज हो गया और पिंटू को डंडों से पीटा। गुस्से में आकर पंडित हरिशंकर ने पिंटू के ऊपर पेट्रोल छिड़क दिया और आग लगा दी। किसी तरह पिंटू ने पास में बने हौज में कूदकर अपनी जान बचाई। इसके बाद गंभीर हालत में पिंटू घर पहुंचा जिसके बाद परिजन ने उसे अस्पताल में एडमिट कराया जहां उसका इलाज चल रहा है। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और क्षेत्राधिकारी महावन मामले की जांच कर रहे हैं।

दूसरा मामला 
राजस्थान के बूंदी जिले के तालेड़ा क्षेत्र के बीलूबा में रहने वाले दलित राधेश्याम मेघवाल (35) की बर्बरता से पिटाई की गई और 31 घन्टे तक भूखा प्यासा जानवरों के बाड़े में रखा गया। इस मामले राधेश्याम ने थाना तालेड़ा में 25 मई 2022 को मुकदमा संख्या 189/22 IPC की धारा- 143,323,342,343,365 एवं SC/ST एक्ट की धारा (3/2) दर्ज कराया है। थाना तालेड़ा में दर्ज कराई गई FIR के अनुसार राधेश्याम मेघवाल को आरोपी परमजीत सिंह ने 3 वर्ष पहले 70 हजार सालाना मजदूरी पर हाली के काम पर रखा था। इसके अलावा 3 लाख रुपये राधेश्याम ने ब्याज पर कर्ज लिया था। राधेश्याम से लगातार रात और दिन काम कराने के कारण राधेश्याम बीमार पड़ गया और 6 महीने बाद उसने परमजीत सिंह का फार्म हाउस छोड़ दिया।

राधेश्याम द्वारा कराई गई FIR के अनुसार एडवांस लिए गए 1 लाख का हिसाब न कर पाने के कारण परमजीत और उसके छोटे भाई लगातार परेशान कर रहे थे। राधेश्याम के अनुसार काम छोड़ने के 4 महीने पहले उसने 25 हजार रुपए और लौटाए थे। थाने पर की गई शिकायत के अनुसार 2 साल पहले राधेश्याम को परमजीत सिंह और उसका छोटा भाई घर से उठाकर ले गए थे और 10 दिन तक लगातार फसल कटाने का काम लिया। परमजीत सिंह की इस प्रताड़ना के बाद राधेश्याम ने फिर 25 हजार रुपए अदा किए।

FIR के मुताबिक, घटना 22 मई की है। राधेश्याम कोरोना महामारी के कारण 3 प्रतिशत ब्याज की दर को तीन साल तक अदा नहीं कर पाए। राधेश्याम भरता बावड़ी गांव में एक दुकान पर बैठा था। करीब 11 बजे तीन बाइक पर परमजीत उसका छोटा भाई व चार अन्य लोग राधेश्याम का अपरहण कर परमजीत सिंह के घर ले गए और पिटाई के बाद उसके पैरों को जंजीर से बांधकर जानवरों के बाड़े में 31 घंटे तक भूखा प्यासा बंधक बनाकर रखा। राधेश्याम के अपहरण की जानकारी के बाद 23 मई को सुबह राधेश्याम का छोटा भाई रवि शंकर परमजीत के फार्म हाउस पर गया और राधेश्याम को छोड़ने की फरियाद की। परमजीत ने 1 लाख 10 हजार रुपए देकर भाई को ले जाने की बात कही। परेशान होकर राधेश्याम का भाई रवि शंकर ममेरे भाई हरिशंकर को लेकर परमजीत सिंह के घर गए, लेकिन परमजीत ने उसे आजाद नहीं किया। इस दौरान हरि शंकर ने राधेश्याम की फोटो मोबाइल से खींच ली और वीडियो बना लिया। देर शाम रवि शंकर अल्फानगर के संजय चौधरी के घर मदद मांगने पहुंचा। संजय चौधरी ने राधेश्याम को 75 हजार रुपए सालाना की मजदूरी पर रखते हुए परमजीत का हिसाब चुकता किया। जिसके बाद परमजीत ने राधेश्याम को आजाद किया।

24 मई को पूरे मामले को लेकर थाने पहुंचा लेकिन FIR नहीं दर्ज हुई। जिसके बाद पीड़ित शिकायत लेकर डीएसपी शंकरलाल के पास पहुंच गया। DSP के आदेश पर पुलिस ने 25 मई को मुकदमा दर्ज कर लिया। 

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com