अमेरिका में मंदिर के लिए दलितों का शोषण, बनाया ‘बंधुआ मज़दूर’, मुकदमा दर्ज, FBI कर रही है जांच !

अमेरिका में मंदिर के लिए दलितों का शोषण, बनाया ‘बंधुआ मज़दूर’, मुकदमा दर्ज, FBI कर रही है जांच !
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नई दिल्लीः अमेरिका में दलितों पर अत्याचार  को लेकर मुकादमा दायर हुआ है. यहां पर न्यूजर्सी में एक संस्था पर हिंदू मंदिर बनाने के लिए भारत से अनुसूचित जाति मजदूरों को अवैध रूप से ले जाने और कम वेतन देने के आरोप में मुकदमा दायर हुआ है। फिलहाल इस मामले में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई जांच कर रही है। वहीं दायर मुकदमे में कहा गया है कि प्रतिदिन सिर्फ कुछ डॉलर का लालच देकर इन मजदूरों को लंबे समय तक काम के लिए मजबूर किया गया।
यहां दलितों से मंदिर में सुबह 6.30 बजे से शाम 7.30 बजे तक काम करवाया जाता है. इन दलित मजदूरों को 450 डॉलर के करीब मासिक वेतन दिया जाता है जो मुकदमें में दी गई जानकारी के अनुसार सिर्फ 1.20 डॉलर प्रति घंटे के बराबर था.  इन मजदूरों को छुट्टियां भी कम दी जाती हैं. इन मजदूरों का मानसिक शोषण भी किया जा रहा था.
दलितों पर आत्यचार को लेकर हुए मुकदमे में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण (बीएपीएस) नामक संस्था के हिंदू नेताओं पर मानव तस्करी और वेतन कानून के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। मामले की जांच शुरू कर दी गई है साथ ही कुछ श्रमिक मंदिर से हटा लिए गए एफबीआई के एक प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि भारत से 200 से ज्यादा दलित श्रमिकों को रोजगार समझौत पर साइन करवाकर आर-1 वीजा पर अमेरिकी शहर न्यूजर्सी लाया गया था. आर-1 वीजा उनके लिए होता है जो धार्मिक कार्यों से जुड़े होते हैं
आपको बता दें कि भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार दलितों की लगभग 17 प्रतिशत आबादी है. वहीं एनसीआरबी ने भारत में अपराध के साल 2019 के आँकड़े जारी किए जिनके मुताबिक अनुसूचित जातियों के साथ अपराध के मामलों में साल 2019 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.  वहीं मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2018 में अमेरिकी स्टार्टअप इक्विटी लैब्स ने सर्वे किया था. जिनमें विदेश में रहने वाले दलितों को लेकर जो आंकड़े दर्शाए गए वह काफी चौकाने वालें थे.. सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 25 प्रतिशत दलितों का कहना था कि उनके साथ जाति के आधार पर मौखिक या मारपीट जैसी हिंसा हुई है। अब सवाल यह उठता है कि दलितों पर अत्याचार भारत में नहीं विदेशों में भी हो रहा है..

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