उत्तर प्रदेश। यूपी के उन्नाव जिले में एक दलित युवक ने बुधवार को एसपी ऑफिस के सामने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। वह एससी-एसटी मामले में की जा रही पुलिस की कार्रवाई से नाखुश था। एसपी ऑफिस में आत्मदाह की घटना से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
दरअसल,उन्नाव जिले के पुरवा कोतवाली क्षेत्र में स्थित भूले मऊ गांव निवासी श्रीचन्द्र पासी का आरोप है कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने जमीन विवाद में मारपीट की थी। इस मामले में गांव के ही लोगों के ऊपर एससी-एसटी और हत्या के प्रयास की शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मारपीट करने वालों का केवल 151 में चालान किया। इस बात से परेशान पीड़ित बुधवार को एसपी कार्यालय न्याय मांगने पहुंचा था। यहां कार्यालय पहुंचते ही पीड़ित ने अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया। कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों ने तुरंत पानी और कंबल डालकर युवक को बचाया, लेकिन तब तक युवक काफी जल चुका था। पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से गंभीर रूप से झुलसे युवक को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने कानपुर अस्पताल रेफर कर दिया।
जानकारी के मुताबिक श्रीचंद्र पासी ने 18 अक्टूबर को अपने पड़ोसी मुनीरस साबिर, अनीस, मुमताज और सबीहा के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट, हिंसा, हमले और जातिगत अपशब्दों का इस्तेमाल करने से संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कराया। जांच के दौरान पुरवा के सर्कल अधिकारी दीपक सिंह ने दो लोगों के नाम एफआईआर से हटा दिए क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। इस बात से नाराज फरियादी बुधवार को कंबल लपेटकर एसपी कार्यालय पहुंच गया। यहां उसने सबूतों से छेड़ाछाड़ का आरोप लगाते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। फिर पेट्रोल छिड़क कर खुद को आग के हवाले कर दिया। फरियादी को जलते देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी किसी तरह आग बुझाया और उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। फिलहाल उसकी स्थित नाजुक है। वहीं सूचना मिलने पर डीएम अपूर्वा दुबे समेत अन्य आला अधिकारी अस्पताल पहुंचे और फरियादी से मुलाकात कर न्याय का आश्वासन दिया।
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