यूपी के अलीगढ़ के गंगीरी ब्लॉक के गांव मनैना में गत 5 नवंबर 2022 को घर से शौच के लिए निकले एक दलित युवक ओमप्रकाश पर अमरूद चोरी का आरोप लगाकर उसको लाठी-डंडे से पीटा गया। पिटाई से युवक की पसलियां टूट गईं। जानकारी मिलने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर गए। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। इधर, ग्रामीणों का कहना है सिर्फ अमरूद चोरी के आरोप में हत्या नहीं की गई। पुरानी रंजिश होने कारण युवक की हत्या की गई है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
उत्तप्रदेश के अलीगढ़ में जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर गंगीरी क्षेत्र में मनैना उमेदपुर गांव पड़ता है। गांव में लगभग दो किलोमीटर अंदर जाने पर दलितों का मोहल्ला है। इसी मोहल्ले में ओमप्रकाश का दो कमरे का मकान है। ओमप्रकाश इस घर में अपनी बूढ़ी मां भूदेवी के साथ रहता था। ओमप्रकाश बहुत ही गरीब परिवार से था। ओमप्रकाश का भाई भी बगल में घर बनवाकर रहता है।
शौच के लिए निकला, वापस नहीं लौटा
भूदेवी ने बताया कि 5 नवम्बर 2022 को लगभग सुबह पांच बजे मेरा बेटा ओमप्रकाश शौच के लिए गया था। वह शौच के लिए योगेंद्र के बाग के पास बैठ गया। बाग की रखवाली दूसरी जाति का बनवारी और भीमसेन कर रहे थे। मां ने रोते हुए बताया कि, "मेरा बेटा शौच करके लौट ही रहा था। इतने में बनवारी और भीमसेन ने उसे रोक लिया। उसे जातिसूचक गाली दी। अमरूद चोरी का आरोप भी लगाया। मेरे बेटे ने इसका विरोध किया था। दोनों ने उसे लाठी-डंडों से पीट-पीटकर उसकी पसलियाँ तोड़ दीं। जब मुझे इसकी जानकारी हुई तब हम सब ओमप्रकाश को लेकर अस्पताल गए। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।"
'काम कराकर बाग मालिक मजदूरी नहीं देता था'
मृतक के भाई सत्यप्रकाश ने बताया कि, बाग मालिक अमित चौधरी के घर पर मेरा भाई ओमप्रकाश नौकरी करता था। लगभग तीन साल तक ओमप्रकाश ने नौकरी की। दिनभर मेहनत करता, लेकिन मजदूरी नहीं देते थे। कभी-कभी कुछ रुपए थमा देते थे। बाग मालिक अमित के बीमार पिता की सेवा की, लेकिन बीते कुछ महीनों पहले उसका रुपए के लेनदेन को लेकर बाग मालिक से विवाद हो गया था, जिसके बाद अमित ने उसे देख लेने की धमकी दी थी। इसके बाद ही मेरे भाई की हत्या कर दी गई।
ग्रामीण दबी जुबान बोले, हत्या में और लोग शामिल हैं
ओम प्रकाश के भाई ने बताया कि, मेरे भाई की इस तरह से हत्या के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। हम जाटव समाज के लोग डरे और सहमे हैं। पूरा गांव जाट और जाटवों में दो भागों में बंटा हुआ है। विरोधी हमारे बीवी-बच्चों के साथ दोबारा मारपीट कर हत्या नहीं कर दें। इस बात का डर सताता है। ग्रामीणों का कहना है कि, पुलिस अगर निष्पक्ष होकर मामले की जांच करेगी तो सारी बात खुल जाएगी। लेकिन हत्या के बाद से अभी तक पुलिस उनके गांव में नहीं आई है।
दो से ज्यादा लोगों ने की मारपीट
गांव की रामदेवी ने बताया कि दो लोगों को पुलिस ने जेल भेजा है, लेकिन ओमप्रकाश के साथ दो से ज्यादा लोगों ने मारपीट की है। क्योंकि जिन दो लोगों को पुलिस ने जेल भेजा है। वह दोनों उम्रदराज हैं। वह दो लोग ओमप्रकाश को काबू में नहीं कर सकते। घटना के पीछे और लोग भी शामिल हैं।
दलितों से नफरत और अभद्रता करता है बाग मालिक
गांव की सर्वेश कुमारी ने बताया कि "हम सब दलित समाज के लोग हैं। बाग का मालिक अमित चौधरी है। उसके घर में गांव के कई लोग काम करने जाते हैं। वह सभी से अभद्रता करता है।"
गांव में दलितों के साथ भेदभाव
गांव के बुजुर्ग नेत्रपाल सिंह ने बताया कि शुरू से ही गांव में जाट समाज के लोग दलितों पर अत्याचार करते रहे हैं। हमेशा दलितों को दबाने की कोशिश की जाती रही है। गांव में शुरू से ऐसा होता आया है और आज भी ऐसा ही हो रहा है।
झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी
गांव के जयप्रकाश ने बताया कि "मेरे साथ भी ऊंची जाति के लोगों ने कई बार मारपीट करने की कोशिश की है। वह मुझे धमकाते हैं। मुझे झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की बात भी कई बार कही है। हम लोग हमेशा डरे सहमे रहते हैं।"
जानिए क्या कहना है जिम्मेदारों का
इस मामले में क्षेत्राधिकारी छर्रा मोहसिन खान ने बताया कि, "मृतक के परिजनों ने हत्या में अन्य कई लोगों के शामिल होने के बारे में प्रार्थना पत्र दिया है। मामले की जांच की जा रही है। जो भी लोग हत्या में शामिल हैं। जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
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