उत्तराखंड: मन्दिर में प्रवेश करने पर दलित युवक की पिटाई, हाथ-पीठ और कूल्हे को दागा

माता-पिता बेटे को छोड़ देने के लिए हाथ-पैर जोड़ते रहे लेकिन नहीं पसीजा दिल। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए, पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज।
उत्तराखंड: मन्दिर में प्रवेश करने पर दलित युवक की पिटाई, हाथ-पीठ और कूल्हे को दागा
Published on

उत्तराखंड। उत्तरकाशी जिले के मोरी क्षेत्र में मंदिर में प्रवेश करने पर गांव के ही दलित युवक की पिटाई कर दी गई। दलित युवक के शरीर पर आग से कई स्थानों पर दागने के निशान पाए गए। आरोप है कि गांव के ही कुछ सवर्ण युवाओं ने अनुसूचित जाति के युवक को मंदिर के अंदर करीब 16 घंटे तक बंधक बनाए रखा। लकड़ी के जलते कोयले से दागा और बीच-बचाव करने आए युवक के पिता के सामने ही उसके कपड़े फाड़ दिए व नंगा कर पीटा। गंभीर घायल युवक को मोरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में उपचार दिया गया। वहीं, इस मामले में मोरी थाना पुलिस ने बैनोल गांव के पांच युवकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। इस घटना से गांव में तनाव है। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को जांच करने के आदेश भी दिए हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला?

उत्तराखंड के उत्तर काशी में मोरी थाना क्षेत्र अंतर्गत बैनोल गांव निवासी आयुष अनुसूचित समाज से आते हैं। आयुष पुत्र अतर लाल ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया है, "नौ जनवरी की शाम को मैं गांव के निकट सालरा स्थित कौंल महाराज (शिव मंदिर) के मंदिर में दर्शन करने गया था। तभी सवर्ण जाति के कुछ युवाओं ने मंदिर का गेट बंद कर दिया।"

आयुष ने घटना का जिक्र करते हुए बताया, "उन लोगों ने मुझे जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया और मेरी पिटाई भी की। उन युवकों में कुछ ने शराब पी रखी थी। नशे की हालत में युवकों ने मुझे जलते हुए अंगारों (कोयला) से मेरे हाथ, पीठ और कूल्हे को दागा।"

पिता और मां छोड़ने की भीख मांगते रहे नहीं पसीजा दिल

आयुष के पिता अतर लाल ने बताया, "मैं और मेरी पत्नी इस घटना की जानकारी सुनकर मंदिर परिसर में पहुंचे और युवाओं से बेटे को छोड़ने की गुहार लगाते रहे। उन लोगों ने हमारी एक भी नहीं सुनी। इस दौरान आस-पास के अन्य लोग भी मौके पर आ गए। लेकिन उन लोगों ने एक भी नहीं सुनी। वह मेरे और मेरी पत्नी के सामने ही मेरे बेटे को पीटते रहे और कपड़े फाड़ कर नंगा कर डाला। हमने पुलिस से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।"

किसी तरह चंगुल से छूटकर घर पहुंचा आयुष

बुरी तरह से घायल होने पर आयुष बेहोश हो गया। होश में आने के बाद 10 जनवरी की सुबह करीब दस बजे वह किसी तरह से आरोपितों के चंगुल से भाग निकला। रास्ते में उसको ग्रामीण मिले। उन्होंने उसे बदन ढकने के लिए कपड़े दिए। किसी तरह युवक घर पहुंचा तो आरोपित युवक भी उसके घर धमक पड़े और कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी दी।

उत्तराखंड: मन्दिर में प्रवेश करने पर दलित युवक की पिटाई, हाथ-पीठ और कूल्हे को दागा
राजस्थान: दलित युवती का तीन साल तक यौन शोषण, पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार

मंगलवार दोपहर बाद अतर लाल अपने घायल बेटे आयुष को लेकर मोरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। फिर बुधवार को हिम्मत कर अतरलाल घायल बेटे को लेकर मोरी थाने पहुंचे और तहरीर दी।

इतना पीटा की दाहिने हाथ ने काम करना बंद कर दिया

जानकारी के मुताबिक, आरोपी युवकों ने दलित जाति के आयुष को इतनी बुरी तरह से पीटा है कि आयुष अपने दाहिने हाथ से तहरीर पर हस्ताक्षर भी नहीं कर पाया। आयुष के हाथ को कोयले से बुरी तरह से दागा गया है। युवक के दाहिने हाथ, पीठ व कूल्हे में दागने के निशान हैं। 22 वर्षीय आयुष दसवीं पास है। उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। आयुष गांव में ही मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार का भरण पोषण करता है।

क्या बोले जिम्मेदार?

इस मामले में पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी ने बताया, "मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने के मामले में पांच आरोपित युवक भग्यान सिंह, चैन सिंह, जयवीर सिंह, ईश्वर सिंह, आशीष सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी आरोपित बैनोल, थाना मोरी, जिला उत्तरकाशी के निवासी हैं। एससी एक्ट, बंधक बनाने, मारपीट सहित जान से मारने की कोशिश करने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और इस मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत कुमार को दी गई है। जल्द आरोपित युवकों की गिरफ्तारी की जाएगी।"

जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा, "मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने की घटना में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक से बात की गई है। साथ ही पुरोला के उपजिलाधिकारी को भी मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।"

उत्तराखंड: मन्दिर में प्रवेश करने पर दलित युवक की पिटाई, हाथ-पीठ और कूल्हे को दागा
मध्यप्रदेशः दो साल की कानूनी लड़ाई लड़ अतिक्रमण मुक्त कराई जमीन, लगाई दलित-आदिवासी क्रांतिकारियों की प्रतिमा

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com