उत्तर प्रदेश। प्रदेश में दलितों के साथ हिंसक वारदातें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। बुधवार को प्रदेश के दो अलग-अलग जिलों में दलित समाज के दो लोगों की हत्या हो गई। वहीं एक तीसरे मामले में 11 जुलाई को हुई दलित युवक हत्याकांड में कार्रवाई नहीं होने से नाराज़ मृतक के परिजनों ने जब हाईवे जाम किया तो पुलिस ने प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बड़हलगंज के रुदौली गांव में बुधवार की सुबह अश्लील गाना बजाने का विरोध करने पर पड़ोसी गांव के युवकों ने रुदौली गांव के निवासी राजकिशोर (47) की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना में गांव के अरविंद, सूर्यप्रकाश और सुभाष गोली लगने से घायल हो गए। इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने साऊखोर-सेमरा रोड को जाम कर दिया। कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई। गांव में कानून व्यवस्था बहाल रखने के लिए पीएसी की तैनाती कर दी गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया गया है। मामला मंगलवार की रात शुरू हुआ था। अवैध खनन में लगी ट्रैक्टर-ट्रॉली पर अश्लील गाना बजाया जा रहा था। इसका लोगों ने विरोध करना शुरू दिया। ट्रैक्टर चालक इस पर स्थानीय लोगों से भिड़ गया।
हालांकि, ग्रामीणों का विरोध बढ़ा तो वह भाग गया। इसके बाद बुधवार की सुबह अवैध खनन में शामिल पड़ोसी गांव दवनाडीह के कुछ लोग बोलेरो से रुदौली पहुंचे। अश्लील गाना बजाने का विरोध करने वालों को गांव में घूम-घूमकर गालियां देने लगे। इसका कुछ लोगों ने विरोध किया। इसके बाद विवाद गहराने लगा। भीड़ जमा होने लगी। इसी दौरान मनबढ़ों ने फायरिंग कर दी जिसमें गोली राजकिशोर को लगी।
पिता राजकिशोर की मौत के बाद पुत्र अनुराग की तहरीर पर 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों सुनील यादव, अरविंद यादव एवं रामनाथ यादव, राजेश पुत्र रामनाथ, राजेश के बेटे अरविंद एवं गोविंद, मोनू यादव पुत्र जवाहर निवासी दवानाहीड और 5 अज्ञात के खिलाफ हत्या एवं एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि अरोपियों पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। अवैध खनन की जांच के लिए एपी साउथ और सीओ गोला के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है।
बसपा प्रमुख मायावती ने गोरखपुर में खनन माफिया द्वारा दलित की हत्या की वारदात पर चिंता जताई है। उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया कि यूपी आपराधिक तत्वों के हौसले कितने बुलंद हैं, इसका एक और नमूना गोरखपुर के चिल्लापुर क्षेत्र के रुदौली में देखने को मिला। अवैध खनन करने वाले गिरोह ने दलित परिवार पर हमला करके एक व्यक्ति की हत्या कर दी और कई अन्य को घायल कर दिया। सरकार घटना का तुरंत संज्ञान लेकर सभी नामजद लोगों के खिलाफ उचित धाराओं में सख्त ऐक्शन लें। इस तरह के सामाजिक एवं राजनीतिक अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जिससे आपराधिक तत्वों पर नियंत्रण लग सके।
औरैया जिले के सदर कोतवाली में शहबदिया प्रधान पति रमाकांत दोहरे उर्फ रिंकू(37) पुत्र लालाराम बुधवार रात आठ बजे के करीब घर से एक साथी के साथ बाइक से निकला था। कुछ देर बाद वह घर से पांच सौ मीटर दूरी पर तालाब के पास बाइक खड़ाकर फोन पर किसी से बात कर रहा था। इसी बीच पीछे से आए अज्ञात हमलावरों द्वारा उसके सिर पर वार कर दिया गया। एक हमलावर को खेतों की ओर भागते हुए गांव के उदयवीर ने देखा। जब वह घटना स्थल पर पहुंचा तो प्रधान का शव खून से लथपथ पड़ा था। इस पर उसने परिजनों को जानकारी दी। रात नौ बजे के करीब प्रधान की हत्या की जानकारी मिलते ही एसपी चारु निगम, एएसपी दिगंबर कुशवाहा, कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस ने घटना स्थल पर आसपास छानबीन की। मौके से फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। मृतक के भाई राजकुमार ने बताया कि चुनाव के बाद से ही गांव के कुछ लोगों से उसकी रंजिश चल रही थी। परिजनों व भाई ने रंजिश के चलते ही हत्या किए जाने की बात कही है। एसपी चारु निगम ने बताया कि प्रधान का सिर बुरी तरह क्षत विक्षिप्त है। प्रधान को गोली मारी गई या फिर किसी धारदार हथियार से वार किया गया। इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगी। इस मामले में 5 नामजद और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
अमेठी के इन्हौना क्षेत्र के कोटवा गांव में प्रेम-प्रसंग के आरोप में एक युवक को पेड़ से बांधकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। 11 जुलाई की सुबह युवक का शव गांव के बीच में पेड़ से बंधा मिला। युवक के शरीर पर चोट के कई निशान थे। कपड़े भी फटे हुए थे। सिर और पीठ से खून निकल रहा था। गांव के लोगों ने सुबह 6 बजे युवक का शव देखा तो पुलिस को जानकारी दी थी। गांव के पुलिस मित्र (चौकीदार) की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही 6 नामजद राजाराम, जयकली, अम्बरीष, बासुदेव, सत्यनाम और अवनीश पर धारा-302, 147 और 149 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इनमें पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि दो अब भी फरार है। आरोपी और मृतक सभी एक ही समाज के हैं।
26 जुलाई को इस मामले में कार्रवाई और दो लोगों की गिरफ्तारी को लेकर परिजनों सहित अन्य ने हंगामा किया। परिजनों ने गिरफ्तारी की मांग को लेकर लखनऊ वाराणसी नेशनल हाइवे जाम कर दिया। इन्हौना थाने में तैनात उप निरीक्षक की तहरीर पर पुलिस ने 10 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बताया जा रहा है ग्रामीण सड़क जाम की आड़ में कोई बड़ा बवाल करने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। मौके पर पहुँची जिला पंचायत सदस्य की कार से बड़ी मात्रा में लाठी डंडे और लोहे के रॉड बरामद हुए है। पुलिस ने गाड़ी को सीज कर दिया है।
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