उत्तर प्रदेश। यूपी में ग्रेटर नोएडा के दनकौर क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली दलित महिला की शिकायत पर तत्कालीन एसडीएम सदर व वर्तमान में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी रजनीकांत, तहसीलदार अखिलेश सिंह व विनय भदौरिया समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। आरोप है कि जातिगत रंजिश रखते हुए अधिकारियों ने महिला का नाम मतदाता सूची से हटा दिया, जिससे महिला मतदान करने से वंचित रह गई। मामले में अब कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है।
यूपी में दनकौर कोतवाली क्षेत्र के रोशनपुर गांव निवासी हेमलता अनुसूचित समाज से आती हैं। हेमलता ने बताया, "वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर अधिकारियों द्वारा मतदाता सूची तैयार करनी थी। मतदाता सूची बनाये जाने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिये गए आदेशानुसार मृतक अथवा अस्थाई निवासी जो निवास छोड़कर चला गया हो और डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम ही मतदाता सूची से हटाए जाने थे। मैं गांव की मूल निवासी हूं। कई सालों से अपने मतदान के अधिकार का उपयोग भी कर रही हूं।जातिगत रंजिश रखते हुए अधिकारियों ने मेरा नाम मतदाता सूची से काट दिया। वोट मेरा संवैधानिक अधिकार है। मेरा नाम काटने के कारण कोर्ट गई।"
इस मामले में दनकौर कोतवाली प्रभारी संजय सिंह ने कहा, " धोखाधड़ी समेत कई अन्य धारा में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"
इस मामले में रजनीकांत, ओएसडी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (तत्कालीन एसडीएम सदर) ने बताया कि "महिला के फोटो का प्रयोग दो मतदाता पहचान पत्र में किया गया था। इस वजह से मतदाता सूची से उसका नाम काटा गया था।"
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