राजस्थान: सरकारी वाहन से दलित महिला की कुचल कर मौत, परिजनों ने लगाया यह गंभीर आरोप

दलित महिला लीला बावरी की सरकारी वाहन से दबकर मौत
दलित महिला लीला बावरी की सरकारी वाहन से दबकर मौतफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक
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राजस्थान के नागौर जिले के कुचामन सिटी का मामला, परिजनों का आरोप वन विभाग के कर्मियों ने वाहन से कुचला। राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखा शव, न्याय के लिए दलित संगठन कर रहे प्रदर्शन, आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज।

जयपुर। इंद्र कुमार मेघवाल, कार्तिक भील के बाद अब दलित महिला लीला बावरी को कथिततौर पर सरकारी वाहन से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया गया है। परिजनों ने वनकर्मियों पर दलित महिला को बेरहमी से वाहन से कुचलने का आरोप लगाया है, जिसके बाद महिला की मौत हो गई। मृतका का शव दो दिन से राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखा है। वहीं परिजन दलित संगठनों के साथ न्याय की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। मामले में आरोपी वनकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

आरोपी वनकर्मियों की हो गिरफ्तारी

राजस्थान के नागौर जिले के कुचामन सिटी के राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में दो दिन से 30 वर्षीय दलित लीला बावरी का शव रखा है। परिजनों के साथ भीम सेना, भीम आर्मी सहित दर्जनों बहुजन संगठनों से जुड़े लोग पुलिस थाने के बाहर बैठ कर हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस व परिजनों के अनुसार 23 जनवरी की शाम साढ़े 8 बजे के लगभग एक वाहन (बोलेरो केम्पर नम्बर आरजे 21 जीसी 7078) से वनकर्मी एक अज्ञात ट्रैक्टर चालक का पीछा करते हुए आसपुरा की तरफ से डूकिया पेट्रोलपम्प सीकर रोड की ओर तेज गति से जा रहे थे।

इस दौरान लीला (30) पत्नी हंसराज बावरी निवासी अलतवा पुलिस थाना गच्छीपुरा अपने मायके में घर के बाहर खड़ी थीं। लीला बावरी के भाई मनोहर बावरी निवासी आसपुरा का आरोप है कि वन कर्मियों ने जानबूझ कर हत्या के इरादे से वाहन से उसकी बहन को जोरदार टक्कर मारी। इससे प्रार्थी की बहन वाहन के नीचे फंस गई। मनोहर बताते हैं कि उसने भाई रामनिवास व हंसराज के साथ मिलकर लीला को वन विभाग के वाहन के नीचे से बाहर निकालकर अपने निजी वाहन से कुचामन सिटी के राजकीय अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस सम्बंध में मनोहर बावरी ने कुचामन सिटी पुलिस थाने में वनकर्मी ज्ञानाराम, महेंद्र सिंह, हेमसिंह, एक महिला अधिकारी, राजेन्द्र सिंह एवं अन्य कर्मचारी पर उसकी बहन की हत्या के आरोप में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने भी वनकर्मियों पर हत्या के आरोप में रिपोर्ट भी दर्ज कर ली, लेकिन अभी तक जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी।

घटना से आक्रोशित बहुजन संगठन निकले सड़कों पर
घटना से आक्रोशित बहुजन संगठन निकले सड़कों परफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

द मूकनायक से बात करते हुए मनोहर बावरी ने बताया कि "मुझे नहीं पता कि ट्रैक्टर में क्या भरा था। वन विभाग के लोग अपने वाहन से उस ट्रैक्टर का पीछा क्यों कर रहे थे। मैंने अपनी आंखों से देखा कि उन्होंने (वनकर्मियों) ने जानबूझ कर मेरी बहन की हत्या की है।"

मनोहर ने आगे बताया कि, "मेरी बहन का शव दो दिन से मोर्चरी में रखा है। पुलिस ने अभी तक भी मुकदमे में कुछ नहीं किया। हमारी मांग बस इतनी है कि मेरी बहन के हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार कर न्याय दिलाया जाए। हमारे साथ तीन सौ से अधिक लोग धरने पर बैठे हैं, लेकिन पुलिस व प्रशासन के लोग हमारी सुन ही नहीं रहे हैं। हमारी प्रमुख मांग आरोपियों की गिरफ्तारी की है। जब तक मांगे नहीं मानी जाती शव नहीं लेंगे।"

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3 दिन पहले ही आई थी मायके

मनोहर ने कहा कि उसकी बहन के 3 दिन पहले ही ससुराल से आई थी। कह रही थी कि वह यहां एक सप्ताह रुक कर जाएगी। लीला के 3 बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी 12 साल की है। 8 व 6 साल के दो बेटे हैं। अब इन छोटे बच्चों को कौन संभालेगा।

पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची आरएलपी विधायक इंदिरा बावरी.
पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची आरएलपी विधायक इंदिरा बावरी.फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

इधर, मामले की सूचना मिलने पर भीम सेना प्रदेशाध्यक्ष रविकुमार मेघवाल भी बुधवार को कुचामन सिटी में पीड़ित परिवार के साथ आंदोलन में शामिल हुए। रवि मेघवाल कहते हैं कि "यहां भीम आर्मी के भी पदाधिकारी हैं। दर्जनों बहुजन संगठन के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।" मेघवाल कहते हैं कि "राज्य में दलित व आदिवासियों की हत्या से जुड़ा मामला हो या महिला अत्याचार की घटना। हर बार बहुजनों के प्रदर्शन से पहले यहां का सरकारी सिस्टम पिछड़ों की आवाज नहीं सुनता है। लीला बावरी की मौत के मामले में भी यही हो रहा है। हत्या के आरोप में मामला दर्ज है, लेकिन घटना के तीसरे दिन भी पुलिस ने जांच शुरू नहीं की है।"

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पोस्टमार्टम के बाद ही शुरू होगी जांच

द मूकनायक से कुचामन सिटी वृत्ताधिकारी संजीव कुमार कटेवा ने बताया कि, "पीड़ित की रिपोर्ट के आधार पर हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह हत्या है या फिर दुर्घटना। यह भी सही है कि हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। शव कुचामन सिटी के राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। परिजन अभी शव लेने को तैयार ही नहीं है। समझाइश कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही जांच आगे बढ़ेगी।"

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