जयपुर। राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा में निजी शिक्षण संस्था में पढ़ने वाले दलित छात्र इंद्र मेघवाल की पानी की मटकी छूने पर पिटाई की गई। बाद में इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई। सुराणा मटकी कांड के बाद भरतपुर के बयाना के सरकारी स्कूल में एक दलित छात्र ने कैम्पर से पानी पिया तो शिक्षक ने पिटाई कर दी। एफआईआर के बाद शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया।
अब ताजा मामला पाली जिले के देसूरी थाना इलाके से है। जहां कक्षा 6 में पढ़ने वाली 12 वर्षीय दलित छात्रा ने स्कूल की रसोई में जाकर पोषाहार बनाने वाली महिला से खाना मांगा तो उसने पहले शिक्षकों को भोजन परोसने की बात कहकर छात्रा की पिटाई कर दी। पिटाई से दहशत में आई बच्ची बेहोश हो गई। घटना गत 2 अक्टूबर सोमवार की है। फिलहाल जोधपुर के सरकारी अस्पताल में छात्रा का इलाज चल रहा है।
घटना के बाद पीड़ित छात्रा की दादी ने पोषाहार पकाने वाली (कुक कम हेल्पर) मंजू देवी लोहार व शिक्षक विजय सिंह राजपूत के खिलाफ देसूरी पुलिस थाने में शिकायत दी है। पुलिस ने मारपीट व अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच बाली वृताधिकारी को सौंपी है।
छात्रा की दादी प्यारी देवी (65) पत्नी दलीचंद गुरु (गर्ग) निवासी कोटड़ी थाना देसूरी ने देसूरी पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया कि प्रार्थिया की पोती राजकीय माध्यमिक विद्यालय कोटड़ी तहसील देसूरी में कक्षा 6 में पढ़ती है। गत सोमवार को सुबह साढ़े 7 बजे रोज की तरह स्कूल भेजा था। बुखार होने पर 11 बजे पोषाहार पकाने वाली के पास खाना लेने गई। खाना बनाने वाली मंजू देवी लौहार ने बच्ची से कहा कि स्टॉफ को खाना देने के बाद दूंगी। छात्रा के ये कहने पर कि उसकी तबीयत खराब है दवाई खानी है इसलिए पहले पोषाहार दें। आरोप है कि इसपर पोषाहार बनाने वाली महिला ने छात्रा के साथ मारपीट की, मारपीट से बच्ची बेसुध होकर जमीन पर गिर गई।
घटना के बाद स्कूल में साथ पढ़ रहे भाई ने छात्रा के साथ मारपीट की घटना की जानकारी परिजनों को दी। इस पर प्रार्थिया स्कूल पहुंची। इस दौरान शिक्षक विजय सिंह ने प्रार्थिया को धमका कर बोला कि डोकरी तेरी बच्ची को लेकर जा। दोबारा स्कूल मत भेजना। शिक्षक के धमकाने के बाद बच्ची को घर लेकर आई। घर आने के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। आवाज भी बंद हो गई। इस पर नाडोल के अस्पताल लेकर गई। यहां इलाज से कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद देसूरी के अस्पताल में भर्ती कराया। यहां सीरियस होने पर चिकित्सकों ने पाली के बांगड़ अस्पताल रेफर कर दिया। सात अक्टूबर को बच्ची को पाली में भर्ती कराया गया।
पीड़ित छात्रा के पिता प्रकाश कुमार ने द मूकनायक को बताया कि उसकी बच्ची की तबीयत खराब है। दहशत में आई बच्ची की आवाज व आंखों की रोशनी तक चली गई थी। जोधपुर में इलाज से उसे फायदा होने लगा है। दलित होने के कारण पोषाहार बनाने वाली ने पहले भी कई बार बेटी को थप्पड़ लगाए हैं, लेकिन वह बच्चों को पढ़ाना चाहता है। इस लिए बेटी को स्कूल भेजना बंद नहीं किया। छोटा बेटा इसी स्कूल में कक्षा 4 में पढ़ता है।
प्रकाश आगे बताया कि घटना के बाद मेरी मां प्यारी देवी शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंची थी। जहां आरोपी विजय सिंह का नाम सुनते ही जीवन सिंह नाम के एक पुलिसकर्मी ने धमका कर थाने से भगा दिया था। उसकी मां को कहा कि यह पागल औरत है। इसकी रिपोर्ट मत दर्ज करना। पुलिस ने हमारी रिपोर्ट नहीं ली। बच्ची की तबीयत बिगडने पर हम इलाज कराने लगे। हमारे सौ नम्बर पर फोन करने व पाली अस्पताल की सूचना पर पुलिस अस्पताल पहुंची। तब पुलिस ने हमारी रिपोर्ट लेकर मामला दर्ज किया।
प्रकाश ने द मूकनायक से कहा कि मुझे डर लगा रहा है। मेरी बेटी के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दी है। आरोपी शिक्षक कहीं अब मेरे बच्चों को पढ़ाने से मना तो नहीं कर देगा।
देसूरी थानाधिकारी रविन्द्रपाल सिंह ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही हम पाली जिला अस्पताल पहुंचे थे। जहां पीड़िता से पूछताछ के बाद लिखित रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया है। जांच बाली सीओ राजेश यादव को सौंपी गई है। घटना के बाद पीड़ित परिवार को थाने से भगाने के आरोप झूठे है। ऐसा कुछ नहीं हुआ। हमने संस्था प्रधान, अन्य शिक्षक व बच्चों से भी बात की है। जांच चल रही है।
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