जयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में 10 वर्षीय दलित नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के प्रयास का मामला सामने आया है। पीड़ित पिता ने सुरेंद्र सिंह गुर्जर नामक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में सम्बन्धित पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। पीड़ित पिता का आरोप है कि पुलिस ने पहले राजीनामे के लिए उसपर दबाव डाला। जब राजीनामा के लिए राजी नहीं हुआ तो एक स्थानीय राजनेता के दबाव में उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर लिया। साथ ही न्यायालय में बयान तक करवा दिए।
इधर, दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को पुलिस ने एक सप्ताह बाद भी गिरफ्तार नहीं किया तो बहुजन समाज का आक्रोश फूट पड़ा। भीम आर्मी सहित आजाद समाज पार्टी व अन्य बहुजन संगठनों ने पीड़ित परिवार के साथ भरतपुर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन व एक स्थानीय विधायक के खिलाफ आरोपी को बचाने का आरोप लगाया तो सम्बन्धित थाना पुलिस ने शनिवार शाम को ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने पीड़ित के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमें को खारिज करने की मांग की है। पुलिस ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए नियमानुसार दोनों पक्षों के मुकदमें दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की बात कही है।
पुलिस के अनुसार, भरतपुर जिले के उच्चेन थाना इलाके के एक व्यक्ति ने 31 दिसम्बर को थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि 30 दिसम्बर की रात साढ़े 8 बजे की बात है। आरोपी सुरेंद्र गुर्जर नया ट्रैक्टर लाया था। इसके पूजन के लिए प्रार्थी अपनी 10 साल की नाबालिग बेटी के साथ मोटरसाइकिल से गया था। बेटी को बाइक के पास खड़ा कर दुकान पर समान लेने चला गया। इतने में आरोपी प्रार्थी की बेटी को खींच कर गली में ले गया व उसके साथ गन्दी हरकतें की, जबरन बलात्कार का प्रयास किया। पीड़िता के चिल्लाने पर आरोपी छोड़ कर भाग गया। रात होने के कारण थाने नहीं पहुंचा। अगले दिन सुबह थाने में जाकर मुकदमा दर्ज करवाया।
अनुसूचित समाज से आने वाले पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद उस पर राजीनामा करने के लिए दबाव डाला। उसने राजीनामा नहीं किया तो घटना के दो दिन बाद एक दिसम्बर को दबाव बनाने के लिए आरोपी ने मनगढ़ंत कहानी बना कर उसके खिलाफ भी दुष्कर्म के प्रयास का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया।
पीड़ित 10 साल की नाबालिग पीड़िता के पिता ने द मूकनायक को बताया कि, मामले की जांच कर रहे पुलिस उपाधीक्षक अजय शर्मा ने उसकी तरफ से दर्ज एफआईआर में कोई कार्रवाई नहीं कि जबकि दो दिन बाद आरोपी की तरफ से दर्ज मुकदमें में पीड़िता के बयान करवा दिए। वह बताते हैं कि वह पुलिस के सामने न्याय के लिए गिड़गिड़ाता रहा। पुलिसकर्मी बार-बार राजीनामा करने के लिए कहते रहे। इसके बाद पीड़ित ने समाज के सामने अपनी पीड़ा रखी।
भीम आर्मी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व आजाद समाज पार्टी के प्रदेश सचिव सुमित सहगल के नेतृत्व में बहुजन संगठनों के लोग शनिवार दोपहर भरतपुर कलक्टर कार्यालय के बाहर पहुंचे। जहां आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जिला कलक्टर से मिलने का समय मांगा, लेकिन शाम छह बजे अतिरिक्त जिला कलक्टर सुभाष गोयल ने उनसे मुलाकात की। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सहगल ने बताया कि उन्होंने आंदोलन तेज करने की बात कही तो पुलिस ने देर शाम आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
इस पूरे घटनाक्रम में कथित रूप से स्थानीय विधायक पर दुष्कर्म के आरोपी को संरक्षण देने के आरोप भी लग रहे हैं। शनिवार भरतपुर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भी विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आजाद समाज पार्टी प्रदेश सचिव सुमित सहगल ने कथित रूप से विधायक पर आरोपी को बचाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाने व पुलिस पर दबाव डाल कर पीड़ित के खिलाफ आरोपी से झूठा मुकदमा दर्ज करवाने का आरोप लगाया है। साथ ही मामले की जांच कर रहे पुलिस उपाधीक्षक अजय शर्मा पर भी जातिवादी मानसिकता के साथ काम करने का आरोप लगाते हुए निलंबन की मांग की है।
इस पूरे मामले में सीओ पर लगे आरोपों की सत्यता जानने के लिए द मूकनायक ने उनसे कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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