Dalit Lives Matter: उड़ीसा में तीन दलितों की लिंचिंग का क्या है पूरा मामला!

Dalit Lives Matter: उड़ीसा में तीन दलितों की लिंचिंग का क्या है पूरा मामला!
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उड़ीसा। देश में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ उत्पीड़न की ख़बरें लगातार सुर्खियां बन रही हैं. ताजा मामला उड़ीसा के बारगढ़ ज़िले के चकरकंद गांव का है. जहां तीन दलित लोगों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. आरोप है कि, गांव के तथाकथित ऊंची जाति के लोगों ने दलितों से मरी गाय की खाल निकालने को कहा, लेकिन जब पीड़ित खाल निकालने लगे तो गाय के मालिक और कथित रुप से बजरंग दल के लगभग 30 लोगों ने मिलकर तीनों की बुरी तरह पिटाई कर दी. मामले में पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया और पुलिस को उनकी तलाश है.

क्या है पूरा मामला?

उड़ीसा के बारगढ़ ज़िले के चकरकंद गांव में कैलाश मेहर (45), विघ्नराज मेहर (40) और दूखू मेहर (40) मरे हुए मवेशियों को दफनाने और खाल निकालने का काम करते हैं. 1 अप्रैल को इनको गांव के चौकीदार से ख़बर मिली कि गांव के वृंदावन साहू की गाय की मौत हो चुकी है और उसको ठिकाने लगाना है. लेकिन वृंदावन साहू गाय को दफनाने के लिए मना करते हैं और उसकी खाल निकालने के लिए कहते हैं. लेकिन जब ये तीनों लोग खाल निकालने के लिए मरी हुई गाय को काटने लगते हैं तो वृंदावन साहू बजरंग दल के लगभग 30 लोगों के साथ मिलकर तीनों को नंगा करके बुरी तरह पीटते हैं.

पीड़ित लोगों का कहना है कि, गाय मालिक वृंदावन साहू ने खुद मरी गाय की खाल निकालने को कहा था लेकिन जब वो ऐसा करने लगे तो इनके साथियों द्वारा मारपीट की गई और जातिसूचक गालिया दी गई. पीड़ित लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि, आरोपी उनसे 10 हज़ार रूपये और एक मोबाइल फ़ोन भी छीन कर ले गये.

पीड़ित विघ्नराज मेहर ने बताया कि "वो जूते, चप्पल बनाने के लिए मृत गाय की खाल को अलग कर रहे थे, तभी चार व्यक्ति आकर उनकी बाइक को कब्जे में ले लेते हैं और मांस फेकने के लिए बोलते हैं. मांस को फेकने के बाद मारपीट करने लगते हैं. वृंदावन साहू ने खुद मृत गाय को ले जाकर उसकी खाल निकालने को कहा था".

घटना में बुरी तरह से घायल दूखू मेहर बताते हैं कि, " बजरंग दल के लोगों ने उनके साथ मारपीट की ज़िसमें उनके पैर और सिर पर गहरी चोटें आई हैं और जब वो बेहोश हो गये तो उनका मोबाइल भी निकाल कर ले गए."

गाय की खाल निकालने का काम करने वाले पीड़ित कैलाश मेहर से द मूकनायक ने बात कि तो उन्होनें बताया कि, लगभग 15-20 लोगों ने मिलकर तीनों लोगों के साथ मारपीट की और 10 हजार रूपये भी लूट लिए. तीनों को बेहोशी की हालत में पुलिस ने हॉस्पिटल पहुँचाया."

आईलाज (ऑल इन्डिया ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ जस्टिस) ओडिशा बारगढ़ के सदस्य और रविदास समाज के प्रेसिडेंट एडवोकेट सीतराम मेहेर ने बताया कि, "4 मई बुधवार के दिन तीनों पीड़ित व कुछ और लोगों के साथ मिलकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने भरोसा दिया है कि आरोपी जल्द गिरफ्तार होंगे. उन्होनें ये भी कहा कि बजरंग दल का आतंकराज बारगढ़ जिले और देश भर में बढ़ रहा है. इसको लेकर दलित, बहुजन समाज में आक्रोश है, अगर इस घटना के सभी आरोपी जल्द गिरफ्तार नहीं होते हैं तो जिले और राज्य स्तर पर आंदोलन होगा."

डोलामनीं रविदास, (रविदास समाज पत्रिका के संपादक) नें बताया कि, "अगर आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार नहीं किया गया तो सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे".

इसके साथ ही आईलाज (ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ जस्टिस) ओडिशा ने यह भी मांग की है कि, "बजरंग दल के सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके पीड़ितों को मेडिकल सुविधा और मुआवजा दिया जाये. साथ ही बजरंग दल के गुंडों ने दलितों के साथ मारपीट करके जो मोबाइल और 10 हज़ार रूपये लूटे हैं वो वापस किये जायें."

मामले में जांच कर रहे, पुलिस कर्मचारी गोसनर ने बताया कि, "मामले में 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. ज़िसमें बृन्दाबन साहू, पिंकू मैहर, राजा प्रधान, सोरज साहू, मोतीलाल साहू व सुशांत साहू के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जायेगा." वही थानाप्रभारी स्वपना रानी ने बताया कि, आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और सर्च अभियान जारी है. जैसे ही इनके बारे में सूचना मिलेगी उन्हें तुरंत पकड़ा जायेगा.

आपको बता दें कि, भीड़ द्वारा गौ तस्करी के शक में उत्पीड़न का ये नया मामला नहीं है. हालही में मध्यप्रदेश के सिवनी में भी भीड़ द्वारा गौ मांस तस्करी के शक में 2 आदिवासियों की पीट-पीट कर हत्या का मामला सामने आया था. ज़िसमें इलाके के लोगों द्वारा भारी प्रदर्शन के बाद 9 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी.

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