कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रान्त में दलित नायकों को याद करने के लिए अप्रैल महीने को Dalit History Month के रूप में मनाया जाएगा

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रान्त में दलित नायकों को याद करने के लिए अप्रैल महीने को Dalit History Month के रूप में मनाया जाएगा
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भेदभाव के खिलाफ और बराबरी की लड़ाई लड़ने वाले दलित नायकों को याद करने के लिए कनाडा में अप्रैल महीने को दलित हिस्ट्री मंथ (Dalit History Month) के रूप में मनाने का ऐलान किया गया है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) सरकार द्वारा जारी किए गए एक पत्र में कहा गया है कि "ब्रिटिश कोलंबिया एक सांस्कृतिक रूप से विविध प्रांत है जिसमें कई लोग और समुदाय शामिल है"

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के नाम पर जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि

'दुनिया भर में गैरबराबरी, छुआछूत, नस्लवाद, रंगभेद के खिलाफ लड़ाई करने वाले नेताओं की याद में अप्रैल महीने में दलित हिस्ट्री मंथ के रूप में मनाया जाएगा'।

इसमें समाज में समता और बराबरी लाने में अपनी भूमिका निभाने वाले सामाजिक योद्धाओं के योगदान का याद किया जाएगा।

भारत के संविधान निर्माता और पूरे विश्व में मानवाधिकार के चैंपियन रूप में याद किए जाने वाले बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को पूरे विश्व में मनाया जाता है, इस अवसर पर पूरी दुनिया में उनके चाहने वाले एवं समता और समानता में विश्वास करने वाले लोगों द्वारा उनकी जयंती को इक्वलिटी डे के रूप में भी मनाया जाता है।

डॉ. आंबेडकर के अलावा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के समुदायों के इतिहास में महत्वपूर्ण लोगों और घटनाओं को याद करने के लिए हर साल अप्रैल महीने को दलित हिस्ट्री मंथ के रूप में मनाया जाता है।

ज्योतिराव फुले, मंगू राम मुगोवालिया और संत राम उदासी जैसे अन्य बड़े दलित नेताओं का जन्म और मृत्यु वर्षगांठ के कारण इस महीने को समुदाय के लिए और भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

बी आर आंबेडकर और ज्योतिबाफुले
बी आर आंबेडकर और ज्योतिबाफुले

आम्बेडकर और फुले दोनों का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था।

संविधान रचयिता डॉ. बी आर अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महाराष्ट्र में हुआ था।

ज्योतिबा फुले, जो एक प्रतिष्ठित समाज सुधारक थे उनका जन्म 11 अप्रैल, 1827 को पुणे में हुआ था। वे एक शिक्षक के रूप में जाने जाते थे, जो वैज्ञानिक सोच और महिला सशक्तिकरण में विश्वास करते थे। ज्योतिबा फुले ने साल 1848 में लड़कियों के लिए देश का पहला महिला स्‍कूल खोला, उन्होंने सामाज से गैरबराबरी को समाप्त करने के लिए वंचित और शोषित समाज को शिक्षित किया।

मंगू राम मुगोवालिया और संत राम उदासी
मंगू राम मुगोवालिया और संत राम उदासी

दूसरी ओर मंगू राम मुगोवालिया और संत राम उदासी पंजाब के रहने वाले थे। मुगोवालिया, जिन्होंने भारत पर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध में भाग लिया था, पंजाब में दलित मुक्ति आंदोलन के पीछे उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 22 अप्रैल 1980 को उनका निधन हो गया।

संत राम उदासी एक क्रांतिकारी कवि थे, जिनका जन्म 20 अप्रैल 1939 को हुआ था। वे कम्युनिस्ट क्रांति से प्रभावित थे और बाद में गरीब मजदूर वर्ग और दमन का विरोध करने वालों के लिए प्रेरणा बने।

पिछले साल भी कनाडा के ब्रिटिश प्रांत में 14 अप्रैल को बाबा साहेब की 130वीं जयंती को 'समानता दिवस' के रूप में मनाया था।

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