जयपुर। दो साल से सरकारी सिस्टम से प्रताड़ित पाली जिले के एक दलित परिवार ने गत सोमवार को जोधपुर जिला मुख्यालय के रावण का चबुतरा मैदान स्थित पानी की टंकी पर चढ़ कर आपबीती सुनवाई और न्याय की गुहार लगाई।
न्याय के लिए पानी की टंकी पर चढ़ने वाले दलित अशोक कुमार मेघवाल की मां और गर्भवती बहन के साथ मारपीट के आरोप में 19 मार्च 2021 को पाली जिले के रोहट पुलिस थाने में दर्ज मुकदमें को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर पुनः जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए। सोमवार रात पाली पुलिस अधीक्षक ने पुलिस वृत्ताधिकारी पाली ग्रामीण को केस ऑफिसर नियुक्त कर दिया।
हालांकि अभी भी अशोक कुमार मेघवाल को पुलिस पर भरोसा नहीं है। सोमवार देर रात पानी की टंकी से उतरे अशोक ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह अभी भी पुलिस के आश्वासनों से संतुष्ट नहीं है। अशोक मेघवाल ने आगे कहा कि जब तक उसकी मां और गर्भवती बहन के साथ मारपीट के सभी आरोपियों को सजा नहीं मिलती, संतुष्ट नहीं हो सकता। दो साल से पुलिस दबंग आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है।
अशोक मेघवाल ने द मूकनायक को बताया कि वह परिवार के साथ पाली के रोहट थाना इलाके के सिराणा गांव में रहता है। गांव में उनका पुश्तैनी पट्टा शुदा भूखण्ड है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मां ने इसी भूखण्ड पर मकान बनाया हुआ है। मेघवाल ने आगे बताया कि हमारे पड़ोसी लीला पत्नी मंगलाराम मेघवाल और देवी पत्नी भीमाराम के आवासीय पट्टों में भी प्रार्थी के पिता मांगीलाल पुत्र हंसराज मेघवाल के भूखण्ड का जिक्र किया गया है। गांव के यशपाल राजपूत ने फर्जी पट्टा तैयार कर हमारे पट्टा शुदा आवास को स्वयं का बता कर हमें प्रताड़ित करने लगा। जबकि पट्टे में अंकित जानकारी दलित परिवार के भूखण्ड से मैच नहीं करती है।
6 मार्च 2021 को हुकमसिंह पुत्र गजेसिंह राजपूत ने गांव में एक पंचायत बुलाकर अशोक मेघवाल के परिवार को गांव से बहिष्कृत कर गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया। गांव में रहने पर परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
आरोपियों ने जेसीबी मशीन से घर में बनी पानी के दो हौद तोड़ दिए। बबूल के पेड़ भी गिरा दिया। लगातार मनबढ़ों की बढ़ती प्रताड़ना से उसका परिवार असुरक्षा महसूस करने लगा था। आरोपी घर पर मां और गर्भवती बहन को भी प्रताड़ित करने लगे। इन आरोपों के साथ अशोक ने एक लिखित रिपोर्ट रोहट पुलिस थाने में दी थी। इस पर उक्त आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया। इस दौरान पीड़ित ने मुख्यमंत्री और पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को भी पत्र लिखा, लेकिन दबंगों के प्रभाव में दलित परिवार को न्याय नहीं मिल सका।
अशोक मेघवाल ने बताया कि 6 मार्च को गांव से बहिष्कृत कर घर छोड़ने को लेकर दर्ज मुकदमे में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। ऐसे में बुलन्द हौसलों के साथ आरोपी हुकमसिंह, चंद्रभान सिंह, विक्रम सिंह, नरपत सिंह, शैतानसिंह, गोपाल सिंह, चंदन सिंह, बिजी सिंह राजपूत निवासी सिराणा अपने अन्य साथियों के साथ 19 मार्च को हमारे घर में घुस गए। अशोक ने बताया कि आरोपियों ने मां और गर्भवती बहन को बेरहमी से पीटा। दोनों जख्मी हो गईं। पाली के जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद मां के पर्चा बयान के आधार पुलिस ने मुकदमा दर्ज तो कर लिया, लेकिन कार्रवाई नहीं की।
अशोक कुमार मेघवाल व उसकी बहन ने बताया कि राजपूत समाज के लोग उनका पुश्तैनी भूखण्ड हथियाने के लिए प्रताड़ित करते हैं। पुलिस उन पर कार्रवाई करने को बजाय उलटा उन्हें तंग करने लगी थी। इस लिए मजबूरन गांव छोड़ कर जोधपुर में आकर रहने लगे। अशोक ने बताया कि दो साल से वह न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन दलित होने के कारण उसे न्याय नहीं मिल रहा।
जोधपुर मुख्यमंत्री का ग्रह जिला है। इस लिए यहां मजबूरन परिवार के साथ पानी की टंकी पर चढ़ा। उसका मकसद सिर्फ सरकार और मीडिया का उसके परिवार हो रहे अत्याचार और अन्याय की ओर ध्यान दिलाना था।
जोधपुर रावण का चबूतरा मैदान में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के सामाजिक न्याय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर एक युवक मां व बहन के साथ पानी की टंकी पर चढ़ गया। दलित परिवार के पानी की टंकी पर चढ़ने की सूचना पर पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। पुलिस के आला अधिकारी सुरक्षा के इंतजामों के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान युवक ने टंकी के ऊपर से ही उसके साथ हुए अन्याय बताते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। इस दौरान टंकी के आस-पास लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस अधिकारी माइक से उतरने के लिए समझाइश करते रहे।
जब समझाइश के सभी प्रयास विफल होने लगे तो जोधपुर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त प्रेम धणदे ने जान जोखिम में डाल कर पानी की टंकी पर चढ़ कर परिवार से बात करने का साहस दिखाया। एडीसीपी धणदे देर रात अकेले ही ओवर हेडेड पानी की टंकी पर चढ़ गईं। काफी देर समझाइश के बाद परिवार को रात 10 बजे महिला पुलिस अधिकारी सुरक्षित साथ लेकर नीचे उतरी। यहां से पुलिस ने पीड़ित परिवार को सुरक्षित स्थान छोड़ दिया।
एडीसीपी प्रेम धणदे ने मीडिया से कहा कि पीड़ित परिवार पाली जिले से है। उनकी पुलिस से कुछ शिकायतें थीं। उन पर पुनः विचार का आश्वासन दिया है। इस दौरान आइजी रेंज जयनारायण शेर की तरफ से एएसपी हिमांशु जांगिड मौके पर आए और रोहट थाने में दर्ज मामलों में पीड़ित पक्ष की ओर से बताए बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया।
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