यूपी के संभल में आज भी दलितों का उत्पीड़न अपनी चरम सीमा पर है। सम्भल के जुनावई क्षेत्र में दलित परिवारों के वैवाहिक कार्यक्रम व बारात में बैंडबाजा पर उच्च जाति के लोगों ने रोक लगा रखी थी। गत 30 सालों से यह क्रम चला आ रहा था। इसे लेकर दलित परिवार के एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक से कार्यक्रम के दौरान पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। जिसके बाद दलित परिवार की एक बेटी की शादी 25 नवम्बर 2022 को पुलिस की मौजूदगी में हुई। एसपी ने 60 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी। पुलिसकर्मी बारात की निकासी से लेकर दुल्हन की विदाई तक मुस्तैद रहे। इस दौरान थाना प्रभारी ने भी शादी में 11 हजार रुपए का सहयोग दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला?
यूपी में सम्भल के जुनावई क्षेत्र में लोहामई गांव आता है। इस गांव में राजू वाल्मीकि रहते हैं। राजू अनुसूचित जाति के व्यक्ति हैं। राजू मुंबई में साड़ी की दुकान पर काम करते हैं। राजू अपनी पत्नी उर्मिला, दो बेटी रवीना व प्रीति और एक बेटे के साथ रहते हैं। राजू ने अपनी बेटी रवीना की शादी तय कर रखी थी। एक साल पहले राजू के बड़े भाई महेंद्र की बेटी बबिता की शादी में हुए बवाल को लेकर डर रहे थे। उन्हें इस बात का डर था कि उनकी बेटी की शादी में भी यह बवाल न हो जाए। राजू ने द मूकनायक से बातचीत में बताया कि हमें सम्मान पूर्वक बैंडबाजे के साथ बारात निकालने नहीं दिया जाता है। "मैंने अपनी बेटी की बैंडबाजे के साथ विदा करने की ठान रखी थी। इसके चलते एसपी को शिकायती पत्र देकर पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। एसपी चक्रेश मिश्रा ने आश्वासन दिया था कि मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होगी। बारात चढ़त के दौरान पूरे समय पुलिस फोर्स तैनात रहेगी। आज मेरी बेटी की शादी 60 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में धूमधाम से हुई।"
क्षेत्राधिकारी सहित भारी पुलिस बल रहा तैनात
दलित राजू की बेटी रवीना की बारात शुक्रवार शाम जनपद बदायूं से गांव पहुंची। इस दौरान गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रही। ऐसा माहौल लग रहा था कि जैसे किसी वीआईपी की शादी हो रही हो। पुलिस सुरक्षा में बारात चढ़त का कार्यक्रम बैंडबाजे के साथ हुआ। घोड़ा बग्गी पर बैठे दूल्हे के साथ बराती बैंडबाजे पर नाचते-गाते दुल्हन के घर पहुंचे। सीओ गुन्नौर आलोक सिद्धू एवं थाना जुनावई प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा सहित 60 पुलिसकर्मी भी बारात में शामिल रहे। राजू की बड़ी बेटी रवीना की शादी के अवसर पर थाना प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा ने दलित बेटी की शादी में 11 हजार रुपए का दान दिया।
रवीना की मां बोली शादी में नहीं बजने देते हैं बैंडबाजा
दुल्हन रवीना की मां उर्मिला वाल्मीकि ने बताया कि "मेरे गांव में दलित समाज के लोगों की शादी में बैंडबाजा नहीं बजने दिया जाता था। दलित दूल्हों के घोड़ी पर बैठने को लेकर दबंगों ने पाबंदी लगा रखी है। बेटी की शादी को लेकर एसपी से गुहार लगाई थी, जिस पर पुलिस ने बेटी की शादी शांतिपूर्वक संपन्न कराने का आश्वासन दिया था।"
जेठ की बेटी की शादी में हुई थी मारपीट
उर्मिला बताती है, "पिछले साल मेरे जेठ महेंद्र की बेटी उर्मिला की शादी हुई थी। उस शादी में गांव के लोगों ने बवाल कर दिया था। हालांकि कोविड के दौरान लोगों की संख्या कम थी, लेकिन बारात और गाने-बजाने को लेकर गांव के लोगों ने विरोध और मारपीट की थी। इस मामले में कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था।"
थाना जुनावई प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा ने बताया कि हर नागरिक की सुरक्षा पुलिस का कर्तव्य है। बारात चढ़त और विवाह में सुरक्षा के लिए पुलिस साथ रही। गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से युवती की बारात चढ़त हुई। दूल्हा-दुल्हन के फेरे हुए। पूरी शादी शांतिपूर्ण संपन्न हुई।
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