उत्तर प्रदेश। बुलंदशहर जिले के खुर्जा शहर में ट्यूबवेल में नहाने पर दलित परिवार के सदस्यों को कथित ऊंची जाति के लोगों ने जमकर पीटा। मामले में 8 लोगों को चोटें आई हैं। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। पीड़ितों में दो नाबालिग, पूर्व ग्राम प्रधान सहित परिवार के चार सदस्य शामिल हैं।
बुलंदशहर के खुरजा क्षेत्र में झुमका गांव निवासी मलखान सिंह ने बताया, वह नलकूप पर स्नान कर रहे थे। इसी दौरान गांव के रहने वाले करीब 15 से अधिक लोग वहां पर आ गए। जिनके हाथों में लाठी-डंडे समेत अन्य हथियार थे। आते ही वह लोग जबरन नलकूप में नहाने की जिद करने लगे। जिस पर उन्होंने उन्हें बिजली नहीं आने की बात कहते हुए नहाने से मना किया। आरोप है कि नहाने से मना करने पर वहाँ मौजूद आरोपितों ने लाठी-डंडे से पीड़ितों पर हमला कर दिया। शोर सुनकर जमा हुए लोगों ने किसी प्रकार बीच-बचाव कराया। जिससे दलित पक्ष से मलखान, शिवम, कैलाश, लोकेश, शशांक, अमित, कालू घायल हो गए।
सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया। मामले में पीड़ित परिवार की तहरीर पर खुर्जा पुलिस स्टेशन में 10 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 147 (दंगे के लिए सजा), 148, 323 (आपराधिक हमला), 504, 506 (आपराधिक धमकी), और संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
मामले में बुलंदशहर के एसएसपी श्लोक कुमार ने कहा, “पुलिस को सूचित किया गया था कि उच्च जाति के लोगों के एक समूह ने दलित समुदाय के लोगों की पिटाई की है। आरोपियों ने पहले उन्हें यह कहते हुए छोड़ दिया कि दोनों जाति के लोग एक साथ नहीं नहा सकते। इसके बाद दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हुई और युवकों ने दलित परिवार की पिटाई कर दी।"
एसएसपी ने आगे कहा कि, "इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है जहां उनकी हालत स्थिर है। जांच चल रही है। आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार ने खुर्जा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराया है। जिसके बाद 10 आरोपियों के खिलाफ एसटी एक्ट लगाया गया है।"
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