बिहार के गया जिले के एक गांव में बुजुर्ग दलित महिला को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। गया में जादूटोना करने के शक में पहले लोगों ने महिला को पीटा और फिर आग लगाकर जला दिया। पुलिस का कहना है कि गांव के लोग उसके घर में घुस गए और उसे पहले पीटा और फिर जला दिया। पुलिस का कहना है कि केस दर्ज करके मामले की विवेचना की जा रही है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बिहार के मैगरा थाना क्षेत्र के पचमह गांव में भीड़ ने एक 70 वर्षीय दलित महिला पर डायन होने का आरोप लगाकर उसे उनके ही घर में जला दिया। इससे पहले भीड़ ने महिला को लाठी डंडे से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। फिर घर में बंद कर उनके ऊपर पेट्रोल छिड़क आग के हवाले कर दिया। महिला की पहचान 70 वर्षीय हेमंती देवी के रूप में हुई है। उसके पति का नाम अर्जुन दास है।
मौके पर मौजूद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने पुलिस पर ही पथराव कर दिया। पुलिस का कहना है कि बल प्रयोग के बाद शव को कब्जे में ले लिया गया है। फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
पीड़ित अर्जुन दास ने बताया कि, "गांव के ही चंद्रदेव भुइयां के बेटे की एक महीने पहले मौत हो गई थी। लोगों ने उसकी पत्नी पर डायन होने का आरोप लगाया था। हालांकि, पंचायत में मामले को हल करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनी। उसके बाद लोग महिला पर टूट पड़े। महिला को पहले लाठी-डंडे से पीटकर अधमरा कर दिया गया। फिर घर में बंदकर पेट्रोल छिड़क जिंदा जला दिया गया।" पुलिस के अनुसार, शव को कब्जे में लेकर उन्होंने पोस्टमार्टम के लिए गया के मगध मेडिकल कालेज भेज दिया है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या बोले जिम्मेदार!
गया के इमामगंज के डीएसपी मनोज राम ने बताया कि पचमह गांव में जादू टोना करने के शक में ग्रामीणों ने एक महिला को आग के हवाले कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि एक तांत्रिक के साथ ग्रामीण उसके घर में घुसे और भीड़ ने पीट-पीट कर महिला को मार डाला। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है।
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