2005 के मामले पर सीएम योगी की चिंता लेकिन अपनी सरकार की नाकामियों पर खामोशी क्यों?

2005 के मामले पर सीएम योगी की चिंता लेकिन अपनी सरकार की नाकामियों पर खामोशी क्यों?
Published on

बबीता गौतम
संवाददाता, द मूकनायक

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलने लगी हैं. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ ने 2005 का एक मामला उठाते हुए सोशल मीडिया पर कई ट्वीट किए हैं जिसमें उन्होंने बताया कि मऊ दंगों में अजीत राय हत्याकांड और हिंदू पर झूठे मुकदमें किए गए.

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट किए. सीएम योगी ने 2005 के मऊ दंगों का जिक्र करते हुए लिखा, 'आज भी लोग 'मऊ दंगा' भूले नहीं हैं।'

गौरतलब है कि 2005 में मऊ शहर में दंगे हुए थे जिसका आरोप विधायक मुख्तार अंसारी पर लगा था। अक्टूबर 2005 में हुए मऊ दंगे के दौरान मुख्तार अंसारी पर राम प्रताप यादव की हत्या करने का आरोप था। दरअसल रामायण के भरत मिलाप कार्यक्रम के दौरान अराजक तत्वों द्वारा किए गए पथराव के बाद मऊ में दंगा भड़का था। यहां करीब 13 दिन तक चली सांप्रदायिक हिंसा में कई लोग घायल हुए थे। वहीं इस पूरे मामले में मुख्तार अंसारी को जेल भी हुई थी. हालांकि सबूतों के अभाव में 2006 में उन्हें बरी कर दिया गया था।

इसके बाद सीएम योगी ने अपने ट्वीट में 2007 अजीत राय हत्याकांड का भी जिक्र किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'वर्ष 2007 में आजमगढ़ में अजीत राय की कॉलेज में निर्मम हत्या सिर्फ इसलिए हो गई, क्योंकि उन्होंने वंदे मातरम् गाने की बात कही थी। स्वतंत्र भारत में कोई सरकार, संगठन या संस्था 'वंदे मातरम्' पर रोक लगाती है तो उसे उखाड़कर फेंक देना चाहिए।'

सीएम योगी ने सपा को निशाने पर लेते हुए कहा, 'जिन लोगों ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं, क्या आप और हम उनको माफ कर देंगे?' योगी ने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'सपा सरकार के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस होते थे। हिंदुओं पर झूठे मुकदमे दर्ज होते थे। रामभक्तों पर गोली चलाई जाती थी और आतंकवादियों की आरती उतारी जाती थी। क्या यह सच नहीं है!'

सीएम योगी के इन ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया योगी सरकार के खिलाफ जाहिर की है.

सीएम योगी के ट्वीट पर पूर्व आईएएस सूर्या प्रताप सिंह ने लिखा कि कोरोना/ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतें, चिताएं, गंगा में तैरते शव, नौंची गई रामनामी को भी नहीं भूलेंगे.

वहीं प्रशांत कन्नौजिया ने लिखा कि,अभी भी हाथरस नहीं भूले हैं.

सूरज कुमार बौद्ध लिखते हैं कि राम मंदिर निर्माण के चंदे के नाम पर इकट्ठा की गई रामभक्तों की गाढ़ी कमाई डकार गई, ऐसी पार्टी को माफ कर दोगे?

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com