जयपुर। राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा गांव में दलित छात्र इंद्र मेघवाल की मौत के मामले में गत मंगलवार देर रात भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद सुराणा गांव पहुंचे। आजाद को सुराणा गांव पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और बुधवार को उन्होंने छात्र के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।
राजस्थान के जालौर में सुराणा गांव में हाल में दलित छात्र इंद्र मेघवाल की शिक्षक की पिटाई से मौत के मामले में फिलहाल एसआईटी सदस्य जांच कर रहे हैं। वहीं सुराणा गांव में पीडि़त परिजनों से नेताओं और दलित संगठनों के लोगों की मुलाकात का सिलसिला अभी थमा नहीं है। इसी बीच भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद राजस्थान पुलिस को चकमा देकर सुराणा गांव पहुंच गए। इससे पहले आजाद को दो बार पुलिस ने जोधपुर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया था। वहीं छात्र इंद्र मेघवाल की मौत के अगले दिन आजाद ने ऐलान किया था कि वह किसी भी हाल में छात्र के परिजनों से उनके घर में मुलाकात करेंगे।
पिता से की मुलाकात
चंद्रशेखर आजाद ने इंद्र मेघवाल के पिता देवाराम मेघवाल से मुलाकात की और मामले में न्याय का आश्वासन दिया। उन्होंने मृतक इंद्र की मां से बातचीत कर उनका दुख साझा किया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें चंद्रशेखर आजाद परिजनों से बातचीत करते नजर आ रहे हैं, और वहीं जाजम पर लेटे हुए आराम करते हुए भी दिख रहे हैं।
सुराणा जाने की पहले दो कोशिश नाकाम
वहीं इससे पहले चंद्रशेखर आजाद ने घटना के बाद ही पीड़ित परिवार से मिलने का ऐलान किया था, जिसके बाद 17 अगस्त 2022 की दोपहर में पुलिस ने जोधपुर में हवाई अड्डा थाने में आजाद को डिटेन करके रखा और इसके बाद पुलिस उन्हें दिल्ली छोड़कर आई थी।
इसके बाद अगले दिन, आजाद ने फिर से दिल्ली से जोधपुर के लिए उड़ान भरी, लेकिन उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया। वहीं पुलिस से काफी बातचीत के बाद प्रशासन ने चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जालौर बाल गृह जाने देने पर राजी हुआ जहां से उन्होंने परिवार की बात आजाद से वीडियो कॉल पर करवाई थी।
मुआवजे पर गहलोत सरकार को घेरा
वहीं छात्र की मौत के बाद भीम आर्मी चीफ ने ट्वीट कर कहा था कि, देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वही दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर दलित बच्चे को इतना पीटा गया कि जान ही चली गयी। उन्होनें कहा कि, "आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर में जातिवाद का शिकार होना पड़ा, हमें पानी के मटके को छूने की भी आजादी नही! फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे है?"
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