नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के प्रशासन की लापरवाही के कारण एक दलित छात्र का भविष्य खतरे में है। यूनिवर्सिटी की गलती के कारण छात्र का ईयर बैक हो चुका है। अब छात्र कुलपति से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहा है।
द मूकनायक से बातचीत में छात्र निर्भयचन्द अहिरवार ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा, "मैं मध्य प्रदेश के छत्तरपुर जिले के एक छोटे से गाँव का रहवासी हूँ। बुंदेलखंड के पिछड़े इलाके और अनुसूचित जाति वर्ग से आता हूँ। इसके कारण यहाँ से बाहर जाकर पढ़ना मेरे लिए कठिन था। मैंने तीन साल पढ़ाई कर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से सम्बद्ध दयानंद एंग्लो वैदिक पीजी कॉलेज (DAVPG) में वर्ष 2021-22 सत्र में बी. कॉम में एडमिशन लिया था। उस समय कोरोना काल के चलते प्रथम सेमेस्टर के एग्जाम ऑनलाइन आयोजित किए गए थे। कॉपी बीएचयू के पोर्टल पर ऑनलाइन सबमिट करनी थी।"
निर्भयचन्द ने कहा, "फर्स्ट सेमेस्टर के सभी छहः एग्जाम की कॉपी मैंने पोर्टल पर अपलोड की। लेकिन विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण वह इंग्लिश विषय की कॉपी चेक करना भूल गए। इस विषय में किसी तरह का स्टेटस पोर्टल पर नहीं है। जबकि मैंने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने सभी विषयों के एग्जाम कॉपी सबमिट की है। अब जब मेरा कोर्स 2023-24 में पूरा हो चुका है तो, अब प्रशासन इस विषय के पुनः एग्जाम देने की बात कर रहा है। मैंने बीएचयू में पीजी कोर्स एम.कॉम में एडमिशन ले लिया है। लेकिन यूनिवर्सिटी की गलती के कारण मेरा एडमिशन निरस्त किया जा रहा है।"
दरअसल, दलित छात्र निर्भयचंद अहिरवार ने कोरोना काल में एडमिशन लिया था। उस समय ऑनलाइन क्लास और एग्जाम की व्यवस्था की गई थी। कुछ विश्वविद्यालय जनरल प्रोमोशन भी दे रहे थे। इसी बीच बी.कॉम सत्र 2021-22 के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी। जिसमें छात्र को भेजे गए प्रश्न को कॉपी पर लिखकर बीएचयू के द्वारा बनाए गए एग्जाम पोर्टल पर सबमिट करनी थी।
निर्भयचंद ने भी प्रथम सेमेस्टर के सभी छह विषयों की कॉपी तय समय पर पोर्टल पर सबमिट की थी। लेकिन छात्र के आरोपों के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन उनके इंग्लिश इलेक्टिव की कॉपी जांचना ही भूल गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि अंतिम वर्ष में उन्हें कंप्लीट मार्कशीट देने से मना कर दिया गया।
लेकिन जब तक निर्भय बीएचयू के स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा पास कर एम.कॉम में दाखिला ले चुके थे। अब बीएचयू बी.कॉम कोर्स पूरा न होने की बजह बताकर उनका एडमिशन निरस्त कर रहा है। जबकि विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण छात्र का कोर्स तय समय पर पूरा नहीं हुआ है।
इस संबंध में छात्र निर्भयचन्द अहिरवार ने कुलपति समेत सम्बंधित अधिकारियों को पत्र लिखा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। निर्भयचन्द का कहना है कि यदि विवि यदि एक विषय की परीक्षा पुनः कराना चाहता है, तो वह तैयार है लेकिन इस मामले में वह तुरंत परीक्षा आयोजित कर दें ताकि उनका एक वर्ष और भविष्य खराब होने से बच सके।
कोरोना काल में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने एग्जाम के लिए एक विशेष पोर्टल शुरू किया था। उसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने सितंबर 2023 में बंद दिया है। इस बजह से छात्र की कॉपी चेक हो पाना या इससे संबंधित अन्य रेकॉर्ड यूनिवर्सिटी के पास उपलब्ध नहीं है। यूनिवर्सिटी के द्वारा जारी किए गए बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर परिणाम 2022 में छात्र निर्भयचन्द अहिरवार के इंग्लिश विषय का रिजल्ट निल है। जबकि अन्य पांचों विषय में वह पास है। इसके अलावा इंग्लिश इलेक्टिव सेशनल एग्जाम में उन्हें 23 नम्बर मिले है।
इस संबंध में द मूकनायक ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति सुधीर के जैन के ऑफिस में फोन किया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
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