बहुजनों की जीत से क्यों घबराते हैं सवर्ण ?

बहुजनों की जीत से क्यों घबराते हैं सवर्ण ?
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नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले साबित हुए हैं.. जिला पंचायत सदस्य के सभी 3050 पदों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. इन चुनावी नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है भाजपा अपने गढ़ में जीत हासिल करने में नाकाम रही. वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों भी कई सीटों पर जीत हासिल की. यहां कांग्रेस और रालोद के उम्मीदवारों ने भी कई सीटों पर अपनी जीत हासिल की. लेकिन इन चुनावी नतीजों से साफ पता चला कि किसी भी प्रार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. लेकिन यहां गौर करने वाली एक बात सामने आई.. कि इतनी बड़ी पार्टियों के बीच निर्दलीयों ने भारी मात्रा में अपनी जीत दर्ज की.

पंचायती चुनावो के बीच कई जगहों से दंगों की खबरें भी सामने आई.. जहां बहुजनों की जीत बड़ी जाति के प्रत्याशियों को परेशान करने लगी.

आजमगढ़ में मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए जिला पंचायत क्षेत्र धरवारा में पड़े मतों की दोबारा गिनती कराने की मांग को लकेर गोधौरा दलित बस्ती के लोगों ने ब्लॉक मुख्यालय पर प्रदर्शन किया साथ ही सड़क जाम कर दी. जहां विवाद बढ़ता देख पुलिस कर्मियों ने लाठी चार्ज किया.वालों पर लाठी चार्ज कर दिया.

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पंचायती चुनाव परिणाम ने हिंसक रूप ले लिया. यहां चुनावी वर्चस्व को लेकर दो पक्षों में जबरदस्त मारपीट हुई, जिसके बाद दबंगों ने पीड़तों के घर की छतों पर हथगोले फेंके. बाराबंकी जनपद के थाना जहांगीराबाद इलाके के बेरिया गांव की ये घटना है. जहां काफी देर तक दबंगों का तांडव गांव में चलता रहा. ऐसे में पुलिस ने मामले को शांत किया.

यहां रायबरेली जनपद के थाना भदोखर क्षेत्र पकरा गिरिफ्ता में आरक्षित सीट से दलित के प्रधान बनने पर बवाल मच गया। यहां पर ठाकुरों को दलित प्रत्याशी की जीत कबूल नहीं हुई.. जिसके बाद विवाद बढ़ गया और बात मारपीट तक आ गई.. विवाद बढ़ता देख पुलिस को बचाव करना पड़ा.

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