जयपुर। राजस्थान के अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ थाना इलाके के तिलकपुर गांव के निवासी ज्ञानचंद बैरवा की बेटी रीना की इसी महीने 22 अप्रैल को शादी होने वाली है। घर में शादी की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन पिता ज्ञानचंद की आंखों में ख़ौफ है। उन्हें आशंका है कि कहीं फिर से मनबढ़ किस्म के असामाजिक तत्व उसकी बेटी के विवाह में विघ्न नहीं डाल दें, बारातियों से मारपीट कर उनका अपमान न कर दें। इसी सोच में ज्ञानचंद खोए रहते हैं। यहां ज्ञानचंद का डर भी वाजिब है।
ज्ञानचंद के चिंतित होने का कारण है 10 मार्च 2015 के दिन बड़ी बेटी किरण के विवाह के दिन वाली घटना। 10 मार्च 2015 को बड़ी बेटी किरण की शादी थी। ज्ञानचंद के पुत्र भूपेंद्र बताते हैं कि दोसा जिले के महवा तहसील के रशीदपुर गांव से बारात आई थी। उस वक्त गांव में एक जाति विशेष के लोगों ने दूल्हे को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया था। दूल्हे की गाड़ी में तोड़फोड़ कर बारातियों से उन्होंने अभद्रता कर भगा दिया था।
भूपेंद्र कहते हैं कि उस वक्त उनके पिता का बड़ा अपमान हुआ। उस घटना को याद कर आज भी उसके पिता जी सिहर उठते हैं। उस दिन की घटना पर वह कुछ नहीं बोलते। बल्कि चुप्पी साध लेते हैं। इनकी चुप्पी बहुत कुछ सवाल छोड़ देती है।
भूपेंद्र ने द मूकनायक को बताया कि उस वक्त पिता जी ने लक्ष्मणगढ़ पुलिस थाने में शिकायत की थी। शिकायत पर पुलिस गांव में भी आई थी। फोटो भी खींची और चली गई। आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए उनके हौसले बुलन्द हैं।
अब 22 अप्रैल को छोटी बेटी की शादी है। पहले जैसी घटना को रोकने के लिए इस बार ज्ञानचंद बैरवा ने जिला कलक्टर को पत्र लिख कर बेटी की बारात चढ़ाई के लिए पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। ज्ञानचंद की चिंता को गम्भीरता से लेते हुए जिला कलक्टर ने पुलिस अधीक्षक और लक्ष्मणगढ़ एसडीएम को चिट्ठी लिख कर जांच कर शादी में विघ्न डालने वाले संभावित लोगों को पाबंद करने तथा शादी के दिन पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलक्टर को पत्र लिख कर ज्ञानचंद बैरवा ने बताया कि प्रार्थी तिलकपुर थाना लक्ष्मणगढ़ का रहने वाला है। प्रार्थी की लड़की रीना की शादी दिनांक 22 अप्रैल 2023 को तय है। बारात की चढ़ाई सुबह 10 बजे बिचगांव बस स्टैंड से शुरू होकर दोपहर 12 बजे प्रार्थी के घर पर बारात का स्वागत किया जाएगा। प्रार्थी जाति से बैरवा है तथा अनुसूचित जाति से आता है। जिसका अकेला घर है। प्रार्थी के गांव में गुर्जर जाति के लोगों का दबदबा है। प्रार्थी को इस बात की पूरी संभावना है कि गुर्जर समाज के लोग बारात की चढ़ाई घोड़ी पर नहीं होने देंगे।
ज्ञानचंद पत्र में आगे लिखते हैं कि प्रार्थी की बड़ी बेटी किरण की शादी 10 मार्च 2015 को सम्पन्न हुई थी। बारात दौसा जिले की महवा तहसील के रशीदपुर गांव से आई थी। उस समय भी गुर्जर समाज के लोगों ने झगड़ा फसाद किया था। दूल्हे की गाड़ी में तोड़फोड़ की थी। बारातियों के साथ झगड़ा-फसाद और अभद्र व्यवहार किया था। इस संबंध में थाना लक्ष्मणगढ़ में भी शिकायत दी गई थी।
उन्होंने कहा हाल ही 9 मार्च 2023 को हमारे गांव में धर्मसिंह बैरवा की बेटी अंजू का विवाह संपन्न हुआ था। उक्त विवाह में भी गुर्जर समाज के लोगों ने दूल्हे को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया। डीजे के सामने अपनी स्वयं की घोड़ियों को नचाया। बारातियों को भगा दिया।
इन हालात से प्रार्थी को इस बात की पूरी संभावना है कि चढ़ाई वाले दिन गुर्जर समाज के लोग दूल्हे को घोड़ी पर नहीं चढ़ने देंगे, और झगड़ा फसाद कर बारातियों को भगा देंगे। ऐसे में झगड़ा होने की पूरी-पूरी संभावना है। बारात की चढ़ाई के समय पुलिस की मदद दी जाए।
भीमसेना प्रदेश महासचिव शेरसिंह बौद्ध ने बताया कि जिला कलक्टर को पत्र लिखने के बाद लक्ष्मणगढ़ पुलिस थाने से पुलिस गांव ने आई थी। बात करने के बाद चले गए, लेकिन दोबारा नहीं आए। पीड़ित परिवार आज उपखण्ड अधिकारी सुभाष यादव से भी मिला है। एसडीएम ने विश्वास दिलाया है कि उनकी बेटी की शादी कोई विघ्न नहीं डालेगा।
इस संबंध में द मूकनायक ने लक्ष्मणगढ़ उपखण्ड अधिकारी सुभाष यादव से बात की। एसडीएम ने बताया कि 4 अप्रैल को एक परिवार ने जिला कलक्टर को पत्र लिखा था। इस पर मैंने सम्बन्धित वृत्ताधिकारी को शादी के दिन पर्याप्त पुलिस जाब्ता तैनात करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होगा। बिना व्यवधान के शादी करवाई जाएगी।
लक्ष्मणगढ़ थानाधिकारी का कहना है कि पीड़ित ज्ञानचंद बैरवा ने बेटी की शादी में कुछ लोगों द्वारा व्यवधान डालने की शिकायत की थी। शिकायत के बाद हमने गांव में जाकर दोनों पक्षों से बात की है। कुछ लोगों पर पाबन्दी की कार्रवाई भी कर रहे हैं। मैं खुद निगरानी रखे हुए हूं। शादी वाले दिन भी गांव में पर्याप्त पुलिस जाब्ता तैनात किया जाएगा। बिना व्यवधान के शादी सम्पन्न होगी।
भीमसेना प्रदेशादयक्ष रवि कुमार मेघवाल ने कहा राजस्थान में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। हमें शादी तक स्वतंत्रता से नहीं करने दी जा रही है। तिलकपुरा गांव में हमारे समाज के लोगों की शादी में पहले भी दूल्हों को घोड़ी से उतारने की घटना हो चुकी है। यही वजह है कि पीड़ित ने इस बार भीमसेना से भी मदद मांगी है। मेघवाल ने कहा कि वह खुद शादी समारोह में शामिल होंगे।
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