अम्बेडकर की मूर्ति लगाने पर कथित शिवभक्तों ने दलित युवक को पीटा

दलित संगठनों ने थाने के सामने किया प्रदर्शन
दलित संगठनों ने थाने के सामने किया प्रदर्शन
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तेलंगाना। विकाराबाद में एक दलित व्यक्ति की पीला और भगवा रंग का गमछा पहने 20 से 25 लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में पिटाई कर दी। कथित तौर पर शिवभक्तों ने युवक को इतना पीटा की उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस मामले में पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हो सका। पुलिस की इस लापरवाही को देखकर दलित संगठनों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। हालांकि पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

तेलंगाना के विकाराबाद जिले में देवानूर गांव पड़ता है। इस गांव में नरेश रहता है जो अनुसूचित जाति का व्यक्ति है। नरेश पेशे से इलेक्ट्रिशियन का काम करता है। उसने बताया कि "घटना 31 जनवरी की है। हम गांव में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा लगवाने वाले थे। इस दौरान शिव भक्तों ने विरोध शुरू कर मेरी पिटाई की। मेरे भाई प्रेम ने मुझे बचाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने प्रेम को भी पीटना शुरू कर दिया। हमारी जाति मडिगा का नाम लेकर गंदी गालियां दीं।"

बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा लगवाने के दौरान हुआ विवाद
बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा लगवाने के दौरान हुआ विवाद

100 लोगों ने घेरकर पीटा

जानकारी के मुताबिक, दलित समुदाय के कुछ लोग देवानूर गांव में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाने वाले थे। मूर्ति लगाने वाले स्थानीय कुल निर्मूलन पोरोटा समिति के कार्यकर्ता थे। लेकिन दक्षिणपंथी संगठन हिंदू वाहिनी ने इसका विरोध किया। हिंदू वाहिनी वाले वहां छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा लगाने की योजना बनाने लगे। इसी पर दोनों समूहों के बीच झड़प हुआ।

इस मामले में यलाल थाने के थानाध्यक्ष ने बताया, नरेश पर हुआ हमला एक दिन पहले की घटना से जुड़ा हुआ है। मुख्य आरोपी नरेंद्र के साथ उसका झगड़ा हुआ था। जब बहस हुई तो नरेंद्र ने नरेश को दूर रहने को कहा, क्योंकि वो शिव माला पहना था। नरेंद्र ने धार्मिक भावना आहत होने के आरोप पर पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई। जब 31 जनवरी को नरेश यलाल पुलिस स्टेशन के नजदीक अपने काम पर था तब करीब 100 लोगों की भीड़ ने उसकी पिटाई कर दी।

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ग्रामीणों सहित दलित संगठन ने दिया धरना, तब दर्ज हुई एफआईआर

पीड़ित दलित युवक ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की। युवकों के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद गांव के लोगों ने यलाल थाने के बाहर धरना दिया। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया।

जानिए क्या बोले जिम्मेदार?

इस मामले में जिले के एसपी ने बताया, इस मामले में 31 जनवरी को यलाल थाने में FIR दर्ज की गई थी। पीड़ित नरेश मडिगा समुदाय से आते हैं। मडिगा एक अनुसूचित जाति है। मामले में 9 लोगों के खिलाफ IPC और SC/ST एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इस मामले में गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।"

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