जयपुर। कांग्रेस के जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा और आरपीएस अधिकारी शिवकुमार भारद्वाज पर दलित मजदूर को पीटने, उसपर पेशाब कर जूते चटवाने के आरोप लगे हैं। इस सम्बंध में न्यायालय के आदेश पर जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा, डीवाईएसपी शिव कुमार भारद्वाज सहित कई पुलिस कर्मियों को नामजद करते हुए 27 जुलाई को जयपुर जिला ग्रामीण के जमवारामगढ़ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। घटना 30 जून की बताई गई है। आरोप है कि पीड़ित टोडागड़ी गांव में खेत में काम कर रहा था। जहां कुछ पुलिसकर्मी आए और अपहरण कर विधायक के घर ले गए। कमरे में बंद कर पहले पुलिसकर्मियों ने पीटा। इसके बाद डीवाईएसपी ने उसके उपर पेशाब किया, बाद में विधायक ने जूते चटवाए। विधायक पर आरोप होने से इस प्रकरण की जांच सीआइडी सीबी को सौंपी गई है।
विधायक और पुलिस अधिकारी पर दलित मजदूर के ऊपर पेशाब कर जूते चटवाने के आरोप लगने के बाद राजस्थान में दलितों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि इस पूरे प्रकरण को भूमि विवाद से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। प्रकरण की सम्पूर्ण जांच होने तक यहां कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जांच में आरोप प्रमाणित होते है तो फिर राजस्थान सरकार के लिए इससे शर्मनाक बात नहीं हो सकती।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपी विधायक गोपाल मीणा ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर सफाई दी है। विधायक ने कहा कि आरोप निराधार है। जिस व्यक्ति के जरिए उनके के खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वहां ना तो मेरी जमीन है ना ही उस व्यक्ति की जमीन है। विधायक ने एक पूर्व पुलिस अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि असल में वह उसका नौकर है। उसे मोहरा बनाकर झूठी कहानी बनाई गई है। इस मामले की जांच सीआईडी सीबी कर रही है। जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी।
पीड़ित राजूप्रसाद नायक (51) पुत्र नारायणलाल नायक निवासी जयचंदपुरा थाना जमवारामगढ़ ने न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रम संख्या 2 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम जयपुर के समक्ष परिवाद पेश कर बताया कि प्रार्थी अनुसूचित जाति का गरीब असहाय सदस्य है। वह ग्राम टोडालडी, तहसील आंधी जिला जयपुर के खसरा नम्बर 495 के सहित तीन-चार अन्य खसरों की सार सम्भाल देखभाल करता है। 30 जून को अपनी पत्नी के साथ दोपहर करीब एक बजे शंकर व अन्य एक व्यक्ति के साथ खेत में खेती की साफ सफाई कर रहा था।
तभी अचानक पुलिस वाले एक राय होकर आए और जबरदस्ती गाड़ी में पटक कर अपहरण करते हुए विधायक गोपाल मीणा के जमवारामगढ़ स्थित घर लाकर एक कमरे में बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद सभी पुलिस वाले कमरे में आए और परिवादी के साथ मारपीट करते हुए परिवादी को नीचे पटक दिया। जाति सूचक गाली देते हुए मारपीट करते रहे। जब वह जोर-जोर से रोकर छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाने लगा तो आरोपी डीवाइएसपी शिव कुमार भारद्वाज ने उसके मुंह पर पेशाब कर दिया। पेशाब करने के बाद आरोपी डीवाईएसपी ने कहा कि रामगढ़ के राजा गोपाल मीणा को बिना नजराना दिए टोडालडी में तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई। खेत में जाने की। मारते मारते पीड़ित को धमकी दी कि जमवारामगढ़ के राजा गोपाल मीणा (एमएलए) की अह्वेलना करने का परिणाम तूने देख लिया।
पीड़ित ने न्यायालय को बताया कि फिर पुलिसकर्मी पेशाब से सनी अवस्था में उठा कर दूसरे हॉल में ले गए जहां पर जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा अपनी कुर्सी पर बैठा था। उस समय डॉ. परम व नवदीप भी वहां आ गए थे। रूप सिंह जाट व परिवादी के साथ काम करने वाले शंकर ने आकर पीड़ित का बीच बचाव किया। पीड़ित ने आरोप लगाया कि वह आरोपी विधायक के पैरो में सर रख कर गिड़गिड़ाया तब भी नहीं छोड़ा। विधायक ने कहा कि जब तक जीभ (जबान) से उसके जूते साफ नहीं करेगा नहीं जाने दूंगा। पीड़ित ने अपनी जान बचाने के लिए आरोपी विधायक के जूते अपनी जबान से साफ किए। इसके बाद विधायक के यहां से अपन घर जाने लगा तो आरोपी ने कहा यदि दोबारा टोडालडी वाले खेत में दिखा तो जान से मरवा देंगे।
पीड़ित ने न्यायालय को बताया कि इस घटना के बाद वह डर गया था। ऐसे में वह 7 जुलाई को जमवारामगढ़ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने गया तो, पुलिसकर्मियों ने डरा धमका कर भगा दिया। रिपोर्ट दर्ज नहीं की। 8 जुलाई को पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण के समक्ष एफआईआर दर्ज करने का निवेदन किया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अब न्यायालय की शरण में आया हूं।
एफआईआर में जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा और डीवाईएसपी शिवकुमार भारद्वाज जमवारामगढ़ के साथ रामपाल शर्मा पुलिसकर्मी थाना जमवारामगढ़, राममिलन पुलिसकर्मी थाना रायसर जिला जयपुर, उदसिंह पुलिसकमी थाना चंदवाजी, रामकिशोर शर्मा पुलिसकर्मी थाना आंधी जिला जयपुर को भी नामजद किया गया है।
आरोपी विधायक गोपाल मीणा का बयान भी सामने आया है। आरोपी विधायक ने इस पूरे घटनाक्रम में एक राजनेता के रिश्तेदार और पूर्व पुलिस अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि परम नवदीप और नवदीप सिंह दोनों ने अपने नौकर से फर्जी केस करवाया है। विधायक ने वीडियो में कहा कि यह खुद भूमाफिया है। वहां इनकी जमीन है। आठ करोड़ की जमीन ली है। लोगों से जमीन से कब्जा छुड़ाने के लिए यह टोडालडी गांव में गए थे। गांव में गुंडे लेजाकर मारपीट करने की कोशिश की। एससी एसटी के लोगों को धमकाया। इसके बाद सूचना पर पुलिस पहुंची थी। विधायक ने कहा कि इनके खिलाफ एससी, एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस पर मुझसे मदद मांगी थी। मैंने मना किया तो झूठे आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया। मामले की जांच सीआईडी सीबी कर रही है। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी होगा।
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