जालौर हत्याकांड: इंद्र मेघवाल के परिवार से मिली 400 महिलाएं, विरोध के प्रतीक मटके को सौंपा

इंद्र मेघवाल के परिवार से मिली 400 महिलाएं
इंद्र मेघवाल के परिवार से मिली 400 महिलाएं
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गुजरात से चलकर दलित शक्ति केंद्र की 400 महिलाएं इंद्र कलश लेकर सुराणा गांव इंद्र मेघवाल के घर जा रही थीं, पुलिस ने रास्ते में रोका, फिर मिलने की दी इजाजत.

रिपोर्ट- अब्दुल माहिर, दिलीप सोलंकी

जयपुर। जालौर का सुराणा गांव मटकी को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में है। गुजरात से दलित शक्ति केंद्र की करीब 400 महिलाएं इंद्र कलश (मटकी) लेकर सुराणा जा रही थीं, लेकिन राजस्थान पुलिस ने रानीवाड़ा से पहले ही महिलाओं के काफिले को रोक दिया। हालांकि, बाद में परिवार से मिलने की इजाजत दे दी। इससे एक बार फिर इंद्र मेघवाल हत्याकांड चर्चा में आ गया। दलित संगठनों का कहना है कि पुलिस व प्रशासन जानबूझ कर उन्हें परेशान कर रहा है। वह शांति से सुराणा गांव में इंद्र की याद में शांतिसभा कर कलश का स्टैच्यू बनाना चाहते हैं। प्रशासन से अनुमति भी मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली।

यह है मामला?

जालौर के सुराणा में एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले दलित छात्र इंद्र मेघवाल के कथित तौर पर मटकी से पानी पीने से नाराज शिक्षक ने 20 जुलाई को मारपीट की थी। इलाज के बाद 13 जुलाई को छात्र इंद्र की गुजरात के अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस पर छात्र के चाचा की रिपोर्ट पर शिक्षक छैल सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद सुराणा मीडिया की सुर्खियों में भी रहा है।

इसलिए नहीं दी शांति सभा की अनुमति

कथित तौर पर जातिवादी मानसिकता का शिकार बने छात्र इंद्र मेघवाल के दादा पोलाराम मेघवाल ने द मूकनायक को बताया कि इंद्र की याद में 24 सितंबर 2022 को सुराणा गांव में हमारे घर पर शांति सभा का कार्यक्रम रखा था। इसके लिए इंद्र के पिता देवाराम ने सायला उपखण्ड अधिकारी को 23 सितंबर 2022 को एक प्रार्थना पत्र पेश कर सभा की अनुमति मांगी थी, लेकिन एसडीएम सायला सूरजभान विश्नोई ने पुलिस उपाधीक्षक की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि "आपने स्वर्गीय इंद्र मेघवाल की याद में 24 सितंबर को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक सुराणा में अपने आवासीय परिसर में रैली के रूप में गुजरात व राजस्थान की 400 महिलाओं द्वारा शांति सभा करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कानून व्यवस्था खराब होने का अंदेशा होने के कारण आपको अनुमति नही दे सकते।"

इन्द्र कलश योजना के तहत बनवाया मटका

दलित संगठन से जुड़े चनणाराम सेजू ने बताया कि, "छात्र इंद्र की कथित तौर पर शिक्षक के हाथों मौत के बाद गुजरात अहमदाबाद के दलित शक्ति केंद्र की महिलाओं ने इंद्र कलश योजना के तहत लगभग एक दर्जन से अधिक जिलों में मूवमेंट चलाकर एक व्यक्ति से एक रुपया एकत्रित किया था। इन रुपयों से इंद्र की याद में एक मटका बनवाया गया था। यह मटका सुराणा गांव में इंद्र के घर के पास निजी खेत में स्टेच्यू बनाकर रखना था। इसके अलावा पीड़ित परिवार की सहायता भी करना था। इसी मकसद के तहत दलित शक्ति केंद्र की महिलाएं बसों व चार पहिया वाहनों में सवार होकर सुराणा आ रहे थे, लेकिन राजस्थान पुलिस ने रानीवाड़ा के पास हमारे काफिले को रोक दिया।" सेजू बताते है कि, मौके पर मौजूद अधिकारियों ने कहा कि बिना मटकी के सुराणा जा सकते हो। हमारी समझ में नहीं आ रहा कि आखिर एक मटकी से इतनी घबराहट क्यों हो रही है। पुलिस के किसी संगठन के लोगों को इस तरह बेवजह रोकने का विरोध किया तो 5 घण्टे बाद काफिले को जाने दिया।

इंद्र कुमार मेघवाल को समर्पित विशेष रूप से निर्मित 7 फीट ऊंचाई मटके पर इंद्र कुमार मेघवाल और एकलव्य के अंगूठे की चित्रित छवियों के साथ महाड के चवदार तलाब से पानी लेते हुए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की छवि भी है। यह मटका इंद्र कुमार के गांव में स्मारक के रूप में रखा जाना है।

नवसर्जन ट्रस्ट ने 5 सितंबर 2022 को भारत के 12 राज्यों के 1508 गांवों में शोक सभा आयोजित की। लोगों ने इंद्र कुमार मेघवाल के माता-पिता को आर्थिक सहयोग के लिए 2,77,229 रुपए का दान दिया है। आज पूना करार की 90वीं बरसी पर 275 महिलाओं के नेतृत्व में अहमदाबाद से निकली शांतिपूर्ण यात्रा को राजस्थान पुलिस ने गुजरात और राजस्थान राज्यों की सीमा पर स्थित रानीवाड़ा गांव के पास रोक दिया था। महिलाएं अपने साथ 7 फीट का मटका और इंद्र कुमार मेघवाल के माता-पिता को सहायता के लिए इकट्ठा की गई राशि लेकर जा रही थीं। अब सभी 275 महिलाएं पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ और शांतिपूर्ण विरोध के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने के लिए सड़क पर धरने पर बैठी हैं। 4 घंटे बाद महिलाओं की रैली को अनुमति मिली। इसके बाद महिलाओं ने सुराणा गांव जाकर इंद्र के परिजनों से मुलाकात की।

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