भोपाल। मध्य प्रदेश के नेपानगर नगर पालिका में कार्यरत दलित सफाई कर्मचारियों को पहले तो नियमित किया गया फिर तीन महीने बाद नियमितीकरण के आदेश को निरस्त कर दिया गया। इस मामले के बाद से नगर पालिका पर लापरवाही करने के आरोप लग रहे है। इसी के साथ कर्मचारियों को दो माह से वेतन भी नहीं मिल पाया है। खास बात यह है कि एक माह के वेतन के अंतर की राशि भी अब इन कर्मचारियों से वसूलने की बात सामने आई है, इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। अब कर्मचारी कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं।
नेपानगर नगर पालिका ने 15 सफाईकर्मियों को 23 फरवरी 2023 को नियमित कर दिया था। अब 31 मई को तत्कालीन सीएमओ ने आदेश जारी कर नियमित कर्मचारियों को फिर से विनियमित कर दिया। आदेश में कहा गया कि आपत्ति आने के बाद आदेश निरस्त किए जाते हैं।
इन सभी सफाई कर्मचारियों को दो माह से वेतन भी नहीं मिल पाया है। खास बात यह है कि एक माह के वेतन के अंतर की राशि भी अब इन कर्मचारियों से वसूलने की बात कही जा रही है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। अब कर्मचारी कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं। उन्होंने बुधवार को सीएमओ प्रदीप शर्मा से भी मुलाकात कर स्थिति से अवगत कराया। लेकिन सीएमओ का कहना है कि यह आदेश संभाग स्तर से जारी नहीं हुए है। इसलिए जो वेतन कर्मचारियों को नियमितीकरण के बाद से दिया गया है, वह वापस करना होगा। इसी बीच शासन स्तर से कोई हल निकलता है, तो वह बात अलग है।
नगरपालिका परिषद की ओर से 15 कर्मचारियों के नियमितीकरण के आदेश जारी किए गए थे। आदेश में उल्लेख किया गया था कि प्रेसीडेंट इन काउंसिल की बैठक 10 जनवरी के प्रस्ताव अनुसार शासन के परिपत्र के आधार पर 6वें वेतनमान 4440-74440 जीपी 1300 सातवां वेतनमान लेवल 1 अनुसार 16 हजार पर नियमानुसार सफाई कर्मचारियों को एक वर्ष की परीक्षा अवधि पर विनियमित से नियमित किया जाता है। इन्हें शासन द्वारा देय भत्तों का लाभ देय होगा। वरिष्ठता सूची आरक्षण रोस्टर के अनुसार नियमित किया जाता है। लेकिन तीन महीने बाद इस आदेश को सीएमओ ने निरस्त कर दिया है।
इस मामले में द मूकनायक ने नेपानगर नगरपालिका की अध्यक्ष भारती विनोद पाटील से बातचीत की उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में वह कुछ नहीं कह सकती है। यह प्रशासकीय मामला है इसमें सीएमओ नगर पालिका ही बता पायेंगे।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए नेपानगर सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मनीष मकवाना ने बताया कि नगर पालिका ने 15 कर्मचारियों को नियमित कर एक माह का वेतन दिया। फिर उन्हें दो माह तक वेतन नहीं दिया और अब उन्हें वापस अपने विनियमित कर दिया है। अध्यक्ष मनीष मकवाना ने कहा कर्मचारियों में आक्रोश है। नियमितीकरण का आदेश कर निरस्त किया गया है। हम इसे न्यायालय में चुनौती देंगे। हमने सीएमओ से बातचीत भी की है। हमारा संघ संबंधित अधिकारियों से पत्राचार करेगा। इधर, नेपानगर नगर पालिका के सीएमओ से फोन पर बातचीत करने के लिए उन्हें फोन लगाया पर बातचीत नहीं हो सकी।
फरवरी में नगरपालिका ने आदेश जारी कर प्रकाश लोहरे, विजय सुनगत, भूपेंद्र कटारिया, राजेश कलोसिया, विनोद कलोसिया, विनोद सारसर, विजय बारसे, नरेश कलोसिया, संजय टांक, कैलाश धोलपुरे, विजय बग्गन, दुर्गाप्रसाद कटारिया, रामु करोसिया, जितेंद्र नाहर और चेतन चनाल सभी सफाई कर्मचारियों को नियमित कर दिया था। इन्हें सातवें वेतनमान के अनुसार नियमित किया गया था।
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