नई दिल्ली। डब्ल्यूएफआई प्रमुख व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज करवाये गए यौन उत्पीड़न का मामला वापस नहीं लिया गया है। पीड़िता के पिता ने इस सम्बंध में मीडिया को दिए बयान में साफ किया कि पिछले तीन चार दिनों से विभिन्न समाचार पत्रों और चैनलों में मामला वापस लिए जाने को लेकर तमाम प्रकार की खबरें आ रही हैं जो सभी असत्य होकर फर्जी और निराधार हैं। नाबालिग द्वारा पोक्सो के तहत दर्ज करवाया गया मामला प्रभाव में है।
आपको बता दें कि, पिछले दो दिनों से कई ऐसी मीडिया रिपोर्ट सामने आईं हैं जिसमें सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि WFI प्रमुख और BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ POCSO की शिकायत वापस ले ली है। नाबालिग पहलवान के पिता ने यह जानकारी मीडिया को दी कि यह सभी खबरें झूठी हैं। "हमने कोई शिकायत वापस नहीं लीं हैं, हमने फैसला किया था लड़ने का और हम लड़ेंगे।"
साक्षी मालिक ने भी इस बात को पुख्ता करते हुए सोमवार को मीडिया को बताया कि "हमारे द्वारा कोई शिकायत वापस नहीं ली गई है, हमारी मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से हुई थी और वह एक सामान्य बातचीत थी, पर हमारी सिर्फ एक मांग है, "बृजभूषण की गिरफ़्तारी और कुछ नहीं" आगे वे कहती हैं कि "हम एक बात साफ़ कर देना कहते हैं कि हमारा प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हमने या उसने (नाबालिग पहलवान) कोई शिकायत वापस नहीं ली है यह सब जो चल रहा है झूठ है।"
पिछले दो दिनों से चलाई जा रही खबरों के मुताबिक नाबालिग पहलवान द्वारा मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान वापस लेने की जानकारी दी गई, बाद में यह बताया गया कि बयान बदल दिया गया है। फिर कहा गया कि एक नया बयान 164 के तहत दिया गया है। नाबालिग पहलवान के पिता ने यह भी कहा "मुझ में लड़ने की हिम्मत है और मैं लड़ भी कहा हूँ लेकिन इन झूठी खबरों के माहौल ने मुझ थका दिया है" वे आगे कहते हैं कि "बृजभूषण शरण सिंह ने जो मेरी बेटी के साथ किया वह उसे ज़िंदगी भर डराता रहेगा और अब वह शायद कभी शांति से जी नहीं पाएगी।"
जब पहलवानों का प्रदर्शन चल रहा था तब एक व्यक्ति ने खुद को नाबालिग पहलवान का चाचा बताते हुए कहा था कि प्रदर्शन कर रहे पहलवान उनकी भतीजी को गुमराह कर रहे हैं। बृजभूषण को फ़साने के लिए उसका इस्तेमाल किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसी व्यक्ति ने पहलवान के बालिग होने की भी बात कही थी और पहलवानों पर आरोप लगाए कि वे POCSO एक्ट का गलत इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके भाई की बेटी की उम्र 16 वर्ष नहीं है। उसकी असल जन्म तिथि 22-02-2004 है। इस बात को भी नाबालिग पहलवान के पिता ने ख़ारिज किया और कहा कि "अगर लड़की नाबालिग है तो नाबालिग ही कही जाएगी।"
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