हर रोज तबाही की चुनौतियों से जूझ रहे मणिपुर को केंद्र सरकार ने बजट में क्या दिया? कांग्रेस सांसद अल्फ्रेड आर्थर ने कहा..

बीते एक साल से भी अधिक समय से मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष और लगातार बाढ़ के कारण प्रति व्यक्ति आय कम हो गई है और मुद्रास्फीति बढ़ गई है।
कांग्रेस सांसद अल्फ्रेड आर्थर
कांग्रेस सांसद अल्फ्रेड आर्थरGraphic- The Mooknayak
Published on

इम्फाल: बाहरी मणिपुर के सांसद अल्फ्रेड आर्थर ने 30 जुलाई को केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की और हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट को "जनविरोधी" बताया साथ ही मणिपुर की भयावह स्थिति से अनभिज्ञ बताया। पिछले सप्ताह बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर मणिपुर की वास्तविकताओं को समझने में विफल रहने का आरोप लगाया गया, जहां चल रहे जातीय संघर्ष और लगातार बाढ़ के कारण प्रति व्यक्ति आय कम हो गई है और मुद्रास्फीति बढ़ गई है।

2024-25 के केंद्रीय बजट पर लोकसभा में बहस के दौरान दिए गए एक भावुक भाषण में आर्थर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मणिपुर का दौरा करने और बिगड़ते संकट को दूर करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राज्य में बढ़ती अशांति के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को उनके पद से क्यों नहीं हटाया गया।

आर्थर ने इस बात पर अविश्वास व्यक्त किया कि सरकार ऐसी परिस्थितियों में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय और सबसे अधिक मुद्रास्फीति वाले राज्य से उम्मीद कर सकती है कि वह बच जाएगा।

उन्होंने पूछा, "मैंने सदन के समक्ष रखे गए बजट की समीक्षा की है। ऐसा लगता है कि वित्त मंत्री ने इस समय मणिपुर के सामने आने वाली बड़ी चुनौतियों पर विचार नहीं किया है। इतनी कम आय और उच्च कीमतों वाले राज्य से कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वह फलेगा-फूलेगा?"

उन्होंने सीतारमण के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए बजट को "जनविरोधी" बताया और तर्क दिया कि उनके मतदाताओं को उचित व्यवहार मिलना चाहिए। आर्थर ने कहा, "हम एक समान बजट के हकदार हैं; यह हमारा अधिकार है। मेरे मतदाताओं ने मुझे काल्पनिक आंकड़ों से भरे भाषण सुनने के लिए यहां नहीं भेजा है।"

कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मणिपुर का दौरा करने और क्षेत्र में शांति लाने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने आग्रह किया, "हमारे नागरिक पीड़ित हैं। वे शरणार्थी शिविरों में हैं, अपने घरों को लौटने में असमर्थ हैं। आप मणिपुर क्यों नहीं आते? हमने 10 साल से आपकी 'मन की बात' सुनी है। क्या आपको महिलाओं और बच्चों की चीखें सुनाई नहीं देतीं?"

आर्थर ने इस चल रहे संघर्ष में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की मिलीभगत के बड़े आरोपों को भी उजागर किया, खासकर कुकी-जो समुदाय की ओर से। “एक समुदाय का दावा है कि इस संघर्ष के लिए एक व्यक्ति जिम्मेदार है। सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा 49 अन्य सदस्य हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें क्यों नहीं बदला? क्या शांति लाने के लिए एक व्यक्ति को बदलना इतना मुश्किल है? अगर मणिपुर जैसे छोटे राज्य में शांति कायम नहीं की जा सकती, तो हम देश के बाकी हिस्सों में शांति की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?” उन्होंने सवाल किया।

आर्थर की टिप्पणी ने मणिपुर संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार के तौर-तरीकों पर चल रही बहस को और तेज कर दिया है, और अब कई लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व इस पर क्या प्रतिक्रिया देगा।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com