सीएम ममता के आदेश के बाद दो घंटे में पकड़ा गया रामपुरहाट आगजनी का आरोपी तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष, भाजपा समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने की राष्ट्रपति शासन की मांग।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में कथित तौर पर दस लोगों को जिंदा जला देने वाली घटना के 72 घंटे बाद सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को हालात का जायजा लिया। सीएम ममता बनर्जी हिंसा में पीड़ित परिवारों से मिली और उन्हें सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया।
पीड़ितों को सरकारी नौकरी के अलावा घर बनाने के लिए मुआवजा
बीरभूम जिले रामपुरहाट के बोगटुई गांव में पहुंची सीएम ममता ने सबसे पहले पीड़ित परिवार से मुलाकात की। दीदी को देखते हुए परिजन फूट-फूट कर रोने लगे। इस दौरान उन्होंने परिजनों के सिर पर हाथ रख उन्हें ढाढ़स दिया। साथ ही आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया। घटना के 72 घंटे बाद बोगटुई गांव पहुंची दीदी ने 10 परिवारों को एक-एक नौकरी के अलावा आगजनी के दौरान बर्बाद हुए घरों की मरम्मत के लिए 2-2 लाख देने का ऐलान किया। ममता ने हिंसा में मारे गए लोगों को परिजनो को 5 लाख का चेक दिया।
दो घंटे में पकड़ा गया आरोपी
ममता ने आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि "मैं किसी तरह का बहाना नहीं सुनना चाहती हूं कि लोग भाग गए हैं। जिन्होंने ने भी यह किया है उन्हें गिरफ्तार किया जाएं। अगर पुलिस इस काम में किसी तरह की भी चूक करती है तो उसे भी सजा दी जाएगी।"
सीएम के आदेश के बाद लगभग दो घंटे के अंदर घटना के आरोपी टीएमसी ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन को पुलिस ने बीरभूम जिले के तारापीठ से गिरफ्तार कर लिया है।
विपक्ष ने राज्य में धारा 355 की मांग
इस घटना के बाद कलकता हाईकोर्ट में दर्ज एक याजिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए हैं।
इस नरसंहार की चर्चा गलियों से लेकर संसद तक हो रही है। बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर राज्य में धारा 355 लगाने के मांग की है। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के गर्वनर जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह शर्मनाक घटना है। "जिस तरह से जिंदा लोगों को जलाया गया है, यह लोकतंत्र की सबसे दर्दनाक घटना है। जिससे सरकार को सीखने की जरुरत है। क्योंकि यह ऐसे धब्बे हैं। जो सरकार पर लगे दाग को कभी नहीं मिटा सकते हैं।"
सीपीआईएम के स्टेटे सेक्रेटरी मो.सलीम ने इस घटना के बारे में कहा है कि "तृणमूल के शासन में पुलिस और सत्ताधारी पार्टी एक-दूसरे के पूरक बन गए हैं। बंगाल में अपराधियों का ताडंव लगातार जारी है। उस दिन का जिक्र करते हुए वह कहते है कि इन घटनाओं को अंजाम उस वक्त दिया गया जब गांव में पुरुष नहीं थे।"
भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
आगजनी की घटना के बाद भाजपा लगातार राज्य सरकार को घेरने में लगी है। बंगाल भाजपा ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राष्ट्रपति शासन की मांग की है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। उनका कहना है कि बीरभूम राजनीतिक तौर पर संवेदनशील इलाका है। जहां राजनीतिक हिंसा चरम पर है। जिसके कारण यहां आए दिन विपक्षी पार्टी के लोगों को निशाना बनाया जाता है।
वहीं दूसरी ओर नंदीग्राम से भाजपा के विधायक और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना का दुर्भाग्यपूर्ण कहते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं है। सीएम सिर्फ सरकार बचाना चाहती हैं। जबकि बंगाल को बचाने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प है।
क्या हुआ बीरभूम में ?
बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगटुई गांव में कथित तौर पर तृणमूल नेता व उपप्रधान भादु शेख पर बम से हमले किया गया जिसके बाद अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद भड़के समर्थकों ने सोमवार देर रात एक दर्जन घरों में आग लगा दी, जिसमें 8 लोगों के साथ दो बच्चे पूरी तरह से झुलस गए। यहां तक की उन्हें पहचान पाना भी मुश्किल था।
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