नई दिल्ली। नए साल का जश्न जहां पूरा विश्व मना रहा था, वहीं दिल्ली के एक परिवार में बेटी की मौत से मातम पसरा था। साल के आखिरी दिन जश्न में डूबे दिल्ली के पांच युवकों ने एक लड़की को पहले अपनी कार से टक्कर मारी और फिर उसे चार किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए। लड़कों ने उसे तब तक घसीटा जब तक उसकी सारी हड्डियां नहीं टूट गईं। फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
बाहरी दिल्ली जिले के डीजीपी हरेंद्र सिंह ने इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि 31 दिसंबर की रात 3 बजे कंझावला इलाके में एक पीसीआर कॉल पुलिस को मिली थी, जिसमें यह बताया गया कि एक लड़की का शव नग्न अवस्था में सड़क के किनारे पड़ा है। इस सूचना के बाद पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की। कथित तौर पर 23 वर्षीय युवती स्कूटी से अपने घर वापस जा रही थी। उसी दौरान कार में मौजूद पांच युवकों ने पहले स्कूटी को टक्कर मारी, फिर वाहन की चपेट में आई लड़की को चार किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए। जिसमें लड़की के दोनों पैर टूट गए, सिर व शरीर के अन्य हिस्से कटकर अलग हो गए। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से सारी जानकारी प्राप्त की है।
पुलिस के अनुसार कार का मालिक कोई और था और गाड़ी कोई और चला रहा था। कार के मालिक का कहना था कि दिल्ली के विजय विहार के रहने वाले उनका कोई परिचित गाड़ी लेकर गया था। फिलहाल पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपियों ने माना है कि उन्होंने उस दिन नशा कर रखा था और गाड़ी में म्यूजिक बहुत तेज था। इसलिए उन्हें कुछ सुनाई नहीं दिया। आरोपियों में एक हेयर ड्रेसर है तो एक राशन दुकान चलाता है। एक ग्रामीण सेवा चालक व एक क्रेडिट कार्ड बनाने का काम करता है। ये सभी लोग शनिवार को मुरथल से आ रहे थे। इनमें से एक भाजपा नेता बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, चश्मदीद दीपक ने घटना के बारे में बताया कि उसने कई बार पुलिस को इस घटना के बारे में कॉल किया था। लेकिन पुलिस मौके पर नहीं आई। दीपक ने बेगमपुर तक कार का पीछा किया। इस घटना के बारे में पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लग रहा है कि पुलिस नशे में धुत्त थी और चश्मदीद की बात सुनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
दिल्ली उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ट्वीट किया है कि, आज सुबह कंझावला-सुल्तानपुरी में हुए घटना अमानवीय अपराध है। मेरा सिर शर्म से झुक गया है और मैं अपराधियों की राक्षसी संवेदनशीलता से स्तब्ध हूं।
इधर, मामले में परिजनों ने युवती के साथ गैंगरेप होने का आरोप लगाया है। निर्भया की मां आशा देवी सिंह ने भी विभिन्न मीडिया चैनलों को दिए इंटरव्यू में पुलिस पर लापरवाही बरतने व आरोपियों को बचाने का संगीन आरोप लगाया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोपी कार्यकर्ता को बचाने का आरोप लगाया है।
मृतका घर में अकेली कमाने वाली सदस्य थी। उसकी कमाई से घर चलता था। युवती के परिवार में एक भाई और 6 बहने हैं। युवती सभी भाई बहनों में दूसरे नंबर पर थी। दो बहनों की शादी हो चुकी है। जबकि, पिता की मृत्यु 8 साल पहले ही हो चुकी थी। मां की दोनों किडनी खराब हैं, इसलिए घर की सारी जिम्मेदारी उसी पर थी। मृतका एक इवेंट कंपनी में काम करती थी। उसकी बहन ने बताया कि वह कंपनी में प्रतिमाह दस हजार कमाती थी। इससे पहले वह पार्लर का काम भी करती थी और आगे चलकर उसी में एक अच्छा कोर्स भी करना चाहती थी।
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