नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2002 के गोधरा ट्रेन जलाने के मामले में तीन दोषियों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। दोषियों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय हेज ने कहा कि उनमें से किसी को भी मौत की सजा नहीं दी गई और तीन में से दो पथराव के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने अदालत को बताया कि एक दोषी सोने के आभूषण लूटने के आरोप में 17.5 साल से अधिक समय से हिरासत में है, साथ ही यह भी कहा कि उसके पास से कभी कोई आभूषण बरामद नहीं हुआ। इससे पहले कोर्ट ने 12 में से 8 लोगों को जमानत दी थी।
27 फरवरी 2002 की तारीख भारतीय इतिहास में एक ऐसा दाग है जिसके माथे पर 59 लोगों की मौतों का कलंक है। यह वही तारीख है जो गुजरात दंगों का कारण बनी और उनकी शुरुआत का जरिया भी बनी। इस तारीख को जो अमानवीय घटना सामने आई थी, उसके गोधरा ट्रेन कांड के तौर पर जाना जाता है। 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में 59 लोगों की आग में जलकर मौत हो गई। ये सभी कारसेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। 27 फरवरी की सुबह जैसे ही साबरमती एक्सप्रेस गोधरा रेलवे स्टेशन के पास पहुंची, उसके एक कोच से आग की लपटें उठने लगीं और धुएं का गुबार निकलने लगा। साबरमती ट्रेन एक कोच के अंदर भीषण आग लगी थी। जिससे कोच में मौजूद यात्री उसकी चपेट में आ गए। इनमें से ज्यादातर वो कारसेवक थे, जो राम मंदिर आंदोलन के तहत अयोध्या में एक कार्यक्रम से लौट रहे थे। आग से झुलसकर 59 कारसेवकों की मौत हो गई। जिसने इस घटना को बड़ा राजनीतिक रूप दे दिया और गुजरात के माथे पर एक अमिट दाग लगा दिया।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के एक गांव में दलित लड़की का शव पेड़ से लटका हुआ मिला। लड़की के पिता ने अपने गांव के पांच लोगों शादाब, शफी रजा, फारूक, लतीफ व लकी मियां के खिलाफ सामूहिक बलात्कार और हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच कर रही है। परिजन रविवार को पिसावां-कुतुबनगर मार्ग पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। करीब एक घंटा मार्ग जाम रहा। जानकारी मिलते ही महोली, मिश्रिख, इमलिया सुल्तानपुर थानों की पुलिस सीओ मिश्रिख सुशील कुमार, सीओ महोली अमन सिंह मौके पर स्थित को काबू में लाने का प्रयास किया।
एसओ फूलचंद्र सरोज ने बताया तहरीर के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ हत्या, रेप, पॉस्को एक्ट व एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमार्टम में बलात्कार का कोई सबूत नहीं मिला। मौत का कारण फांसी है।
यूपी के गाजियाबाद शहर के कौशांबी थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी में सौतेले पिता ने नौ साल की मासूम बेटी से दुष्कर्म किया। सोमवार को कौशांबी थाने पहुंचकर मां ने पति के खिलाफ शिकायत दी। पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज कर उसे दिल्ली बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। कॉलोनी के एक फ्लैट में महिला मजदूरी कर परिवार पालती है। उसका पति भी मजदूरी कर पैसे नशे में खर्च कर देता है। दो-तीन दिन से वह काम पर नहीं जा रहा था। शनिवार को महिला ने उससे काम पर जाने के लिए पूछा तो वह थोड़ी देर में जाने का बहाना बनाकर कमरे में लेटा रहा। जब वह काम पर निकल गई तो आरोपी ने गेट बंद कर घिनौनी हरकत की। शाम को महिला घर पहुंची तो मासूम बच्ची ने आपबीती बताई। महिला कौशांबी थाने पहुंची और लिखित शिकायत देकर पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
हरियाणा के हिसार जिले की एक कलाकार से यूपी के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर निवासी आशु मलिक पर शहर के एक होटल में दुष्कर्म के आरोप लगे हैं। आरोपी ने अश्लील फोटो खींचे और वीडियो बना लिया। कई दिनों तक रोहतक में एक फ्लैट में बंधक बनाकर शारीरिक संबंध बनाए। गर्भवती होने पर गोली देकर गर्भपात करवाया। विरोध करने पर पिटाई की, उसका दांत तोड़ दिया। इस संबंध में महिला थाना पुलिस ने आशु मलिक समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.