उत्तर प्रदेश/राजस्थान। 14 अप्रैल को दुनियाभर में बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती पर उनके सामाजिक सुधार के क्षेत्र में किए संघर्षो व भारत निर्माण में योगदान का गुणगान किया गया। देश भर में पृथक पृथक विचाराधाराओं में यकीन रखने वाली राजनीतिक पार्टियों के नेता भी बाबा साहब की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर उनके बताए मार्ग का अनुसरण करने की सलाह दे रहे थे। लेकिन वहीं उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के एक गांव में असामाजिक तत्वों द्वारा बाबा साहब की जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव किया गया। इतना ही नहीं भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद दबंगों ने शोभायात्रा को आगे नहीं बढ़ने दिया।
जानकारी के अनुसार, 14 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के जैत पुलिस थाना क्षेत्र के गांव में डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर लोग शोभायात्रा निकाल रहे थे। जैसे ही शोभायात्रा गांव के बीच पहुंची तो कुछ लोगों की भीड़ ने अचानक पथराव कर दिया।
बताया गया कि इस दौरान पुलिस कर्मी भी मौजूद थे, लेकिन वे पथराव कर रही भीड़ के आगे बेबस दिखे। शोभायात्रा पर पथराव की घटना के बाद तनाव की स्थिति को देखते ही अतिरिक्त पुलिस बल गांव में पहुंचा जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई।
जैत पुलिस थाने के एएसआई नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया। तीनों को न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। पुलिस के अनुसार गांव में अभी तनाव बरकरार है। पुलिस का दावा है कि अभी शांति है। गांव में अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के पुलिस प्रयास कर रही है।
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर राजस्थान के भरतपुर जिले के नदबई में बैलारा चौराहे पर 14 अप्रैल को नगरपालिका प्रशासन के तत्वाधान में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा लगाने का कार्यक्रम तय था। सभी तैयारी की गई थी।
बैलारा चौराहे पर संविधान रचियता डॉ. भीमराव अम्बेडकर प्रतिमा लगाने के विरोध में एक समूह ने पहले तो 12 अप्रैल की शाम को बैलारा चौराहे के पास आगजनी कर यातायात अवरुद्ध किया। रास्ता खुलवाने के लिए समझाइश कर रही पुलिस पर पथराव किया। इस घटना क्रम के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल व्याप्त हो गया।
साजिश के अगले दिन 13 अप्रैल को फिर क्षेत्र में बाबा साहब की प्रतिमा के विरोधियों ने जातीय टकराव की स्थिति उत्पन्न करने का प्रयास किया। कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह की अगुवाई में भीड़ बैलारा चौराहे पर पहुंची थी। जहां भीड़ में शामिल लोगों व नेतृत्वकर्ताओं के साथ अम्बेडकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। नदबई थानाधिकारी रामावतार मीणा के अनुसार बैलारा चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ धक्का मुक्की की गई तथा नेतृत्व कर रहे लोगों ने भीड़ को प्रशासन व जाटव समाज के खिलाफ भड़काया। इसके बाद केबिनेट मंत्री पुत्र सहित उसके साथियों को नामजद करते हुए भीड़ के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया। इस पूरे घटनाक्रम को लोग राजनीतिक षड़यन्त्र से जोड़ कर भी देख रहे हैं।
नदबई घटना क्रम में बाबा साहब की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर जबरदस्ती महाराजा सूरजलम की तस्वीर रखने, पुलिस से धक्का मुक्की, राज कार्य में बाधा जाती सूचक शब्दों का उपयोग करते हुए जातीय वैमनस्य बढाने की धाराओं में दर्ज मुकदमें में मुख्य आरोपी एवं कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह का पुत्र अनिरुद्ध अब गिरफ्तारी से बचने के लिए समाज की ओट लेता नजर आ रहा है।
हाल ही अनिरुद्ध का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वह नदबई घटनाक्रम को लेकर मां दिव्या सिंह के साथ समाज की महापंचायत बुलाने की बात कह रहा है। साथ ही यह भी कह रहा है कि अब इस बात का फैसला समाज करेगा कि उसने नदबई में जो किया वो समाज हित में किया है? चर्चा है कि मां - बेटे समाज की नैया पर सवार होकर राजनीति की वैतरणी पार करने की फिराक में है।
अनिरुद्ध ने एक वीडियो में कहा कि "भरतपुर जैसे क्षेत्र में महाराज सूरजमल की मूर्ति शांतिपूर्वक तरीके से लगाने के पश्चात पुलिस ने कार्रवाई करने की सोची, मैं इस कार्रवाई को हल्के में नहीं ले रहा हूं। क्योंकि यह मामला समाज का है। मेरी माताजी महारानी सा भरतपुर और मैंने एक फैसला लिया है कि कुछ दिनों में हम लोग मोतीमहल परिसर में समाज की महापंचायत करेंगे। और इस महापंचायत में मेरी मां अपने बेटे का पक्ष रखेगी कि उसने समाज के लिए यह काम किया है। अगर समाज उस दिन यह फैसला लेगा कि मेरी गलती है, तो मेरी मां अपनी गाड़ी में मुझे बैठा कर तुरन्त एसएचओ नदबई के हवाले करके आएगी। और अगर आप लोगों (समाज) ने फैसला लिया कि मेरा निर्णय था, वो समाज के हित में था, महाराज सूरजमल की वंशावली के हित में था, तो फिर में आपके प्यार और सम्मान के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं होंगे मैं नतमस्तक रहूंगा।"
नदबई के बैलारा चौराहे पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना का खुला विरोध व पुलिस बल से टकराव के बाद लोगों के चेहरों पर तनाव साफ नजर आ रहा है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से चौराहे पर अभी भी पुलिस बल तैनात है।
नदबई थानाधिकारी रामावतार मीणा कहते हैं कि पुलिस मुस्तैद है। यहां फिलहाल शांति कायम है। मंत्री पुत्र की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। वृत्ताधिकारी रितिराज सिंह के पास इसकी जांच है। उन्होंने कहा कि किसी जाति या समाज विशेष की महापंचायत की फिलहाल उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
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