उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में जातिवाद और बाबा साहब के खिलाफ नफरत से जुड़ा मामला सामने आया है। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पीड़ित के मुताबिक यह घटना 20 अगस्त की सुबह पौने 8 बजे की है। यह घटना अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति के साथ हुई। वह निजी टेलीकॉम कंपनी में काम करता है। वह गांव में काम के सिलसिले में गया था जब यह घटना हुई।
अनुसूचित जाति के व्यक्ति की मोटरसाइकिल पर ॐ नमो बुद्धाय,जय भीम लिखा था। इसे देख कर गांव का रहने वाला एक व्यक्ति भड़क गया और जाति पूछ ली। व्यक्ति ने उसका विरोध किया। मनुवादी नशे में चूर व्यक्ति ने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को गाली देना शुरू कर दिया। इस मामले में एसपी सीतापुर चक्रेश मिश्रा ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया - "पीड़िता से बात की गई। उसका कहना है यह वीडियो पुराना है। दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया था। पीड़ित ने तहरीर वापस ले ली। यदि कोई अन्य तहरीर प्राप्त होती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।" हालांकि पीड़ित ने दावा करते हुए द मूकनायक को वीडियो की डिटेल्स के साथ स्क्रीनशॉट उपलब्ध कराया है। इसमें वीडियो 20 अगस्त की सुबह का दिख रहा है।
यूपी के सीतापुर जिले के महोली थाना क्षेत्र के बेहड़ा गांव में प्रेम शंकर रहते हैं। प्रेम शंकर अनुसूचित समाज के सद्स्य है। प्रेम शंकर ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया-"मैं वोडाफोन टेलीकॉम कम्पनी में डिस्ट्रीब्यूटर का काम करता हूँ। मैं 20 अगस्त की सुबह बेहरी गांव में सिम पोर्ट करने के काम से गया हुआ था। इस दौरान बेहरी गांव के रहने वाले कमलू त्रिवेदी ने मेरी बाईक पर ॐ नमो बुद्धाय, जय भीम लिखा देख कर जातिसूचक शब्द कहते हुए मेरी जाति पूछी। जय भीम और नमो बुद्धाय क्या क्यो लिखा है? जय भीम कोई भगवान है क्या ? जब मैंने इसका विरोध किया तो उन्होंने बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को गाली देना शुरू कर दिया। इस घटना का मैंने वीडियो भी बनाया है।"
इस घटना का सिर्फ 24 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। जबकि यह पूरा वीडियो 2 मिनट और 4 सेकेंड का है। इस वीडियो में दिख रहा है एक जनेऊ धारी व्यक्ति तिलक लगाए हुए बाइक सवार व्यक्ति से बहस करते हुए दिख रहा है। वह पूछ रहा है -भीम का है ? इस पर बाइक सवार व्यक्ति कहता है आपने बाबा साहब को अभी क्या कहा था। वह बोलो। इस पर भीम को गाली देना शुरू कर देता है।
प्रेम शंकर ने पूरे मामले की शिकायत थाने में लिखित रूप से की। इस मामले में प्रेम शंकर का कहना है-"कल (20 अगस्त 2023) की शाम मेरी शिकायत पर पुलिस आरोपी को थाने ले गई थी। इसके बाद गांव के प्रधान के कहने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया। जब यह वीडियो वायरल हुआ तो आज (21 अगस्त 2023) सुबह फिर थाने ले गई है।"
इस मामले में एसपी सीतापुर चक्रेश मिश्रा ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया - "पीड़ित से बात की गई। उसका कहना है यह वीडियो पुराना है। दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया था। पीड़ित ने तहरीर वापस ले ली। यदि कोई अन्य तहरीर प्राप्त होती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।"
राजस्थान के पाली जिले में दलित सास-बहू के साथ लात घूसों और डंडों से मारपीट करने के चौथे दिन रविवार 20 अगस्त को पुलिस ने दो अरोपी भाइयों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी मुकेश और मनीष भाट है। पीड़िता का कसूर बस इतना है कि यह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। आरोपियों के पड़ोस में ही घर है। दलितों के पड़ोस में रहना आरोपियों को गंवारा नहीं है। यही वजह है कि पूर्व में आरोपी परिवार के साथ मारपीट की घटना कर चुके हैं। इस सम्बंध में 2021 में भी पाली सदर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी।
दिल्ली में पिछले साढ़े पांच साल में 106 पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें से 60 पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो अभी भी ड्यूटी पर तैनात हैं। आपराधिक मामलों के आरोपों में सबसे ज्यादा मामले रेप के हैं।
आपराधिक मामलों के आरोपों में सबसे ज्यादा मामले रेप के हैं। रेप के आरोपों का सामना कर रहे पुलिसकर्मियों की संख्या 63 है। सूचना का अधिकार के तहत आरटीआई कार्यकर्ता जीशान हैदर ने इस संबंध में सवाल पूछे थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साढ़े पांच सालों में कुल 312 पुलिसकर्मियों को लापरवाही समेत अन्य कारणों से सस्पेंड भी किया गया। सबसे ज्यादा दिल्ली वेस्ट में सस्पेंशन की कार्रवाई हुई। यहां 145 जबकि आउटर जिले में 72, उत्तरी जिले में 59 और यूनिट में 23 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया।
आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, आंकड़ों में सामने आया है कि जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनमें से 60 पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जो अलग-अलग जगहों पर ड्यूटी पर तैनात हैं। बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता ने पूछा था कि जनवरी 2018 से 15 जून 2023 तक दिल्ली पुलिसकर्मियों पर कितने केस दर्ज किए गए? कितने पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हुई? कितनों को सस्पेंड किया गया, जबकि कितने पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच चली?
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.