बिहार सरकार ने लड़कों को भी बाँटे सैनिटरी नैपकिन, RJD ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

सैनिटरी नैपकिन वितरण
सैनिटरी नैपकिन वितरण
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बिहार और राजनीति का पुराना और गहरा संबंध है. लेकिन इस बार इस राजनीतिक गर्माहट का मुद्दा थोड़ा अजीब है. सैनिटरी नैपकिन के कारण विपक्ष वहाँ की नीतीश सरकार को घेरने में लगी है.

दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरवरी 2015 में स्कूल में पढ़ने वाली किशोरी छात्राओं के बीच मुफ़्त सैनिटरी नैपकिन बाँटने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोरियों को सैनिटरी नैपकिन के लिए 150 रुपया प्रति वर्ष दिये जाते है. इस कार्यक्रम को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य बिहार के सरकारी विद्यालयों में किशोरियों के ड्राप-आउट को रोकना था.

मामला बिहार के सारण जिला के माँझी प्रखंड के अंतर्गत हलकोरी शाह हाई स्कूल का है. जहां सात लड़कों को भी 2016-17 के सत्र में सैनिटरी नैपकिन के लिए 150 रुपया आबंटित किए गए थे. इस मामले की पोल तब खुली, जब स्कूल के पुराने प्रधानाध्यापक अशोक कुमार राय के सेवानिवृत्त होने पर दूसरे प्रधानाध्यापक रईस उल एहरार खान ने पदभार ग्रहण किया.

इस ख़बर के बाद राजनीतिक गलियारों में वर्तमान सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इसे भ्रष्टाचार बताया है और पूरे राज्य के विद्यालयों की जाँच करने की माँग की है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पदभार ग्रहण करने के कुछ दिन बाद प्रदेश के शिक्षा विभाग ने नए प्रधानाध्यापक से बीते सत्र चल रही योजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगे थे. क्योंकि पुराने प्रधानाध्यापक ने करीब 1 करोड़ की योजनाओं के प्रमाण पत्र विभाग में जमा नहीं करवाए थे. ऐसे में जब रईस उल एहरार खान ने बैंक स्टेटमेंट निकलवाए तो पता चला कि लड़कियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की राशि लड़कों के खातों में भी डाली गई थी. मामले में चौंकाने वाली बात यह थी कि सैनिटरी नैपकिन तक का पैसा दर्जनों लड़कों के खाते में डाल दिया गया था.

इस ख़बर के आने के बाद विपक्ष मौजूदा सरकार पर कई सवाल खड़े करने लगे और इस मामले को भ्रष्टाचार से भी जोड़ा गया. राजद की तरफ़ से आधिकारिक बयान आया है, "यह मज़ाक का नहीं भ्रष्टाचार का विषय है. अनैतिक सरकार में लूट का कोई मौका नहीं छोड़ा जा रहा है. लड़कों को सैनिटरी नैपकिन दिए जा रहे हैं. बिहार में घोटालों की सरकार चल रही है. सीएम के कुर्सी के चारों के चार पव्वा भ्रष्टाचार में धंसा हुआ है।"

राजद सोशल मीडिया सेल के राष्ट्रीय संयोजक आकाश कुमार ने नीतीश कुमार को लालू यादव की बराबरी न करने की नसीहत देते हुए कहा है कि "सीएम रहते लालू जी ने जॉब वाली लड़कियों को विशेषावकाश नाम से पीरियड्स के दौरान हर महीने 2 दिन की छुट्टी का प्रावधान दिए. जिसके चर्चे देश-विदेश में हुए. कई देश में तो लड़कियां अब तक इसकी माँग ही कर रही है. अब नीतीश कुमार अपने चर्चों के लिए नया कांड कर दिए. वो लड़कों को भी ये छुट्टी दिलाएँगे. "

राजद सोशल मीडिया सेल के संयोजक कुमार दिवाशंकर ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि "भ्रष्टाचार की चाशनी में डूबे ये लोग तो लड़कों को प्रजनन की शक्ति भी दिलवा देंगे और उसके नाम पर आए फण्ड से ऐश काटेंगे और बेशर्मी एवं सीनाजोरी तो इतनी है की दलील में यही न्यूज़ दिखा देंगे, की पहले लड़कों को पीरियड आया, अब प्रेग्नेंट भी हैं." 

इसके साथ ही इस ख़बर पर सोशल मीडिया पर भी लोग चुटकी ले रहे हैं.

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